कलेक्टर श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने नागरिकों की सुनी समस्याएॅं
- तत्काल सबंधित अधिकारियों को दिए निराकरण के निर्देश, जनसुनवाई में आए 104 आवेदन
खण्डवा (15 जुलाई, 2014) - मंगलवार को कलेक्टोरेट सभागृह में जनसुनवाई आयोजित हुई। जिसमें कलेक्टर श्रीमती शिल्पा गुप्ता और अपर कलेक्टर एस.एस. बघेल ने जिले के नागरिकों की समस्याएॅं सुनी एवं तत्काल सबंधित अधिकारियों को निराकरण करने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में 104 आवेदन आए। इस दौरान सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी जनसुनवाई में आवेदन प्राप्त कर निराकरण के निर्देश दिए।
नरेश भावसार भारतीय कैडेट टीम के कोच बने
खण्डवा (15 जुलाई, 2014) - साई ट्रेनिंग सेन्टर खण्डवा के पूर्व कोच एवं वर्तमान में भारतीय खेल प्राधिकरण के पटना मंे पदस्थ ताइक्वांडो के सीनियर कोच नरेश भावसार, भारतीय कैडेट ताइक्वांडो टीम के चीफ कोच नियुक्त हुए है। वर्तमान में नरेश भावसार 16 जून से 20 जुलाई तक भारतीय कैडेट टीम को साई, पश्चिमी केन्द्र गॉंधीनगर में विशेष प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण प्रदान कर रहे है। यह टीम 24 से 27 जुलाई तक बाकू, अजरबैजान, में आयोजित प्रथम विश्व कैडेट ताइक्वांडो प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी। इस टीम में सदस्यों के नाम इस प्रकार है जिसमें बालक वर्ग में नीरज मैनाली (उत्तराखंड) - अंडर 37 किग्रा, अब्दुल वाहिद (तामिलनाडू) - अंडर 41 किग्रा , जय सिंह (दिल्ली)- अंडर 53 किग्रा, पंकज डांगी (दिल्ली) - अंडर 61 किग्रा एवं बालिका वर्ग में रिया बिष्ठ (दिल्ली) - अंडर 29 किग्रा, बुलंदी शर्मा (उ.प्र.) - अंडर 37 किग्रा, शानाज परवीन, (दिल्ली) - अंडर 44 किग्रा, खैमेरून युमनान (दिल्ली) - अंडर 47 किग्रा, जास पंडोरी (चंडीगढ़) - अंडर 51 किग्रा, कशिश मलिक (दिल्ली) - अंडर 59 किग्रा और इसके साथ ही नरेश भावसार (साई) - चीफ कोच , सुश्री सृष्टि सिंह (उ.प्र.) - कोच नियुक्त है। जिला सचिव नागेश्वर वालंजकर ने बताया की नरेश भावसार गतवर्ष 2013 में भी सीनियर विश्व ताइक्वांडो प्रतियोगिता जो कि पुऐब्ल, मैक्सिको में हुई थी में भी भारतीय टीम के कोच बन चुके है। नरेश भावसार के पुनः भारतीय टीम के कोच बनने पर संघ सचिव नागेश्वर वालंजकर ने सभी ताइक्वांडो खिलाड़ियो की ओर से एवं जिला खेल अधिकारी जोसेफ बक्सला, सभी खेल संगठनों के पदाधिकारियों एवं खेल प्रेमियों ने भावसार को बधाईयां प्रेषित की एवं विश्व प्रतियोगिता में भारत के लिये पदक प्राप्त करने के लिये शुभकामनाएॅं भी दी।
दो और सोयाबीन के बीजों का विक्रय जिले में किया प्रतिबंधित
खण्डवा (15 जुलाई, 2014) - बीज नियंत्रण आदेश 1983 में दिए गए प्रावधान के अनुसार बीज निरीक्षक छैगॉंवमाखन द्वारा सोयाबीन के बीजों के नमूने विशलेषण में भेजे जाने के बाद बीज परीक्षण प्रयोगशाला ग्वालियर से प्राप्त विशलेषण में बीज नमूने अमानक स्तर पर पाए जाने पर तरूण एग्रोटेक रेहमापुर के प्रतिष्ठान से प्राप्त बंसल सीड्स इंदौर रोड रेहमापुर जिला खण्डवा के सोयाबीन के बीज जे.एस. 335 और कनक एग्रो इन्फ्रास्ट्रकचर ग्राम दोदवाड़ा जिला खण्डवा के प्रतिष्ठान से प्राप्त जे.एस. 335 के सोयाबीन बीज को अधिनियम 1966 की धारा 6 (ए) एवं 7 (बी) का उल्लंघन होने से बीज नियंत्रण आदेश 1983 के खण्ड 11 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अनुज्ञापन अधिकारी एवं उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ओ.पी. चौरे ने लॉट क्रमांक अक्टूम्बर-13-12-682-74400 और अक्टूम्बर-13-12-682-171883 के बीजों को जिला खण्डवा में क्रय, विक्रय, परिवहन, एवं भण्डारण को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है।
मतदान केन्द्रों की स्थापना एवं चयन के लिये मार्गदर्शी निर्देश जारी
खण्डवा (15 जुलाई, 2014) - नगरीय निकायों के आम निर्वाचन-2014 के लिये मतदान केन्द्रों की स्थापना एवं चयन के लिये आयोग द्वारा मार्गदर्शी निर्देश जारी किये गये हैं। आयोग के निर्देशानुसार मतदाता-सूची के प्रत्येक भाग, क्रमांक में सम्मिलित मतदाताओं के लिये एक पृथक मतदान-केन्द्र स्थापित किया जाना चाहिये। यदि वार्ड में मतदाताओं की संख्या कम होने के कारण उसे भागों में विभक्त नहीं किया गया है, तो सम्पूर्ण वार्ड के लिये केवल एक मतदान केन्द्र रहेगा। प्रत्येक वार्ड के लिये स्थापित मतदान-केन्द्र यथा-संभव उसी वार्ड की भौगोलिक सीमा के अंदर होना चाहिये। सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री जी.पी. श्रीवास्तव ने जिला निर्वाचन अधिकारी को निर्देशित किया है कि जहाँ तक संभव हो मतदान केन्द्र शासकीय कार्यालय या नगरपालिका/शासकीय उपक्रम के स्वामित्व या आधिपत्य के भवनों अथवा शासकीय विद्यालयों या शासन से सहायता प्राप्त विद्यालय अथवा संस्थाओं के भवनों में स्थापित किया जाना चाहिये। जहाँ तक संभव हो कोई मतदान-केन्द्र निजी भवन या परिसर में स्थापित नहीं किया जाना चाहिये, किन्तु जहाँ ऐसा करना अपरिहार्य हो, वहाँ भवन स्वामी की लिखित सहमति ले कर, भवन अल्पकालिक अवधि के लिये अधिग्रहीत किया जाना चाहिये। निजी भवन के अधिग्रहण में यह अवश्य ध्यान रखा जाये कि भवन का स्वामी अथवा अधिवासी, नगरपालिका निर्वाचन में खड़ा कोई अभ्यर्थी या उसका कार्यकर्ता न हो तथा किसी राजनैतिक दल से संबंधित न हो। कोई भी मतदान केन्द्र पुलिस थानों, चिकित्सालयों, मंदिरों या धार्मिक महत्व के स्थानों में स्थापित नहीं किया जाना चाहिये। वार्ड में पूर्व से जिन भवनों में नगरपालिका तथा लोकसभा/विधानसभा निर्वाचन के लिये मतदान-केन्द्र स्थापित किये जाते रहे हों यथासमय वहीं मतदान-केन्द्र स्थापित किये जायें। इससे मतदाताओं को अपने मतदान-केन्द्र का पता लगाने में परेशानी नहीं होगी, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाये कि इन मतदान-केन्द्रों की भौतिक अवस्था अच्छी हो। अत्यधिक भीड़-भाड़ से बचने और शांति और व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से नगरीय क्षेत्रों में चार से अधिक मतदान-केन्द्र एक ही भवन में स्थापित नहीं किये जाने चाहिये। यदि आवश्यक हो तो औचित्य स्पष्ट करें। मतदान केन्द्रों की स्थापना मतदान क्षेत्र के अंदर ही की जाये। यदि कोई उपयुक्त भवन उस क्षेत्र में उपलब्ध न हो तब मतदान क्षेत्र से बाहर, जितना नजदीक संभव हो, मतदान-केन्द्र स्थापित किया जा सकता है। जैसे और जब भी कोई उपयुक्त भवन मिल जाये तब उस मतदान-केन्द्र को उसके मतदान क्षेत्र में आयोग की सहमति से वापस ले जाया जाये। अस्थायी रूप से खड़े किये गये मतदान-केन्द्र बनाने से बचना चाहिये। मतदान-केन्द्र की 100 मीटर की परिधि में किसी भी राजनीतिक दल का कार्यालय न हो। वृद्धों तथा विकलांग व्यक्तियों को परेशानी से बचाने के लिये जहाँ तक संभव हो, मतदान-केन्द्र भवन के भू-तल पर स्थापित किये जायें। शारीरिक रूप से निरूशक्त व्यक्तियों का प्रवेश आसान बनाने के लिये रेम्प उपलब्ध करवाये जायें। मतदान-केन्द्रों के भवन का चयन भौतिक सत्यापन पश्चात् सुनिश्चित करें, जिससे उनकी स्थापना के पश्चात परिवर्तन किये जाने की स्थिति निर्मित न हो। भवन चयन में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिले के पुलिस अधीक्षक/अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) स्थल निरीक्षण करें। मतदान-केन्द्रों के भवन का चयन शीघ्र कर सूची आयोग को भेजने के निर्देश भी दिये गये हैं।