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बिहार : सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार से उम्मीद बढ़ गयी है।

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modi letter to bettiah mp
पटना। केन्द्र में सत्ता परिवर्तन के बाद सरकार से उम्मीद बढ़ गयी है। एक ने प्रधान मंत्री को पत्र लिखकर बेतिया शहर, चम्पारण, बिहार को ‘100 स्मार्ट सिटी योजना’ के तहत शामिल किए जाने का अनुरोध किया है। तो दूसरे ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र  लिखकर ट्रामा सेन्टर, विक्रम,पटना को चालू करने की मांग की है। इन दोनों में सरकार के द्वारा सकारात्मक कदम उठाने की संभावना है। तीसरे की तलाश जारी है। जो जहानाबाद-गया मुख्य पथ के बगल में ही सुखदेव प्रसाद रेफरल अस्पताल है। इसी अस्पताल के कोने में न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेसन यूनिट बनाया गया है। इसका पैरवी कर सके। 

लिखे सांसद ने प्रधानमंत्री को खतः संसद सदस्य डां. संजय जायसवाल ने 16 जून,2014 को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को खत भेजे थे। जिसमें बेतिया शहर, चम्पारण, बिहार को ‘100 स्मार्ट सिटी योजना’ के तहत शामिल किए जाने का अनुरोध किया गया। इस पत्र का जवाब प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 जुलाई,2014 को भेजा है। अगर सांसद महोदय का अनुरोध मान्यकर बेतिया शहर, चम्पारण, बिहार को ‘100 स्मार्ट सिटी योजना’ में शामिल कर लिया जाएगा। तो उस दिन ऐतिहासिक दिवस होगा। बेतिया शहर चकाचक हो जाएगा। इस पत्र की चर्चा देश-विदेश में हो रही है। वहीं सोशल मीडिया में लेटर को अपलोड कर दिया गया है। अब लोग दुआ करने लगे हैं कि प्रधान मंत्री को रोशनी मिले। अपने विवेक से बेतिया शहर, चम्पारण, बिहार को ‘100 स्मार्ट सिटी योजना’ के तहत शामिल कर दें।

कोमा में ट्रामा सेन्टर को निकालने का आग्रहः पटना जिले के विक्रम   प्रखंड में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,विक्रम में ट्रामा सेन्टर बनाया गया। आधुनिक व भव्य सेन्टर बनाया गया है। इसमें आवश्यक आपातकालीन उपकरण खरीदे गए। दुर्भाग्य है कि स्थापना काल से ट्रामा सेन्टर कोमा में हैं। जब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर सी.पी.ठाकुर थे। तब भी बिहार सरकार से ट्रामा सेन्टर को चालू नहीं करवा सके। बिहारी बाबू शत्रुघ्न कुमार सिन्हा  भी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री बने। मगर बिहारी बाबू भी सफल नहीं हो सके। 
पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिकाः पटना उच्च न्यायालय में एक विद्वान अधिवक्ता ने जनहित याचिका दायर किए। इसका सार्थक परिणाम आया। कुछ दिनों तक आंशिक रूप से ट्रामा सेन्टर को गतिशील किया गया। इसके बाद ट्रामा सेन्टर पुनः कोमा में चला गया। इसके आलोक में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन पटना आए थे। तब ट्रामा सेन्टर चालू करने संबंधी स्मार पत्र पेश किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने ट्रामा सेन्टर को चालू करने संबंधी फाइल स्वास्थ्य मंत्रालय में बढ़ा दी है। संभावना है कि जल्द ही ट्रामा सेन्टर कोमा से निकल पाएगा। 

नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाई में बैठ गयी काईः मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी के गृह जिला जहानाबाद है। इस जिले के मखदुमपुर नवजात शिशु स्थिरीकरण इकाई में निर्मित है। पूर्व मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल में महज एक न्यूरोलाॅजिस्ट और एक काॅर्डियोलाॅजिस्ट चिकित्सक नहीं उपलब्ध करा सकने के कारण 47 लाख रूपए से निर्मित न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेसन यूनिट (एन.बी.एस.यू.) शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है। पूर्व मुख्य मंत्री ने 24 फरवरी,2009 को एन.बी.एस.यू. का उद्घाटन किये। 5 साल के बाद भी चालू नहीं किया जा सका है। 




आलोक कुमार
बिहार 

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