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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (22 जुलाई)

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प्रीतम, दिनेश दुर्गापाल,नैथानी व धनै में से कौन-कौन होंगे मंत्रिमंडल से बाहर!
  • सुबोध,गणेश व महर होंगे मंत्रिमंडल में शामिल!

देहरादूनः (राजेन्द्र जोशी) सूबे की सत्ता पर काबिज कांग्रेस मे भले ही उपरी तौर पर सब कुछ ठीक दिखाई दे रहा हो लेकिन हकीकत मे ऐसा नहीं है। अब जबकि उपचुनाव के लिये मतदान हो चुका है और सबकी निगाहें नतीजो पर लगी हैं, लेकिन अंदरखाने पार्टी मे माहौल काफी गर्म है। चुनाव परिणामों के आ जाने के बाद राज्य मंत्रिमंडल में तीन नये चेहरों को भीतर तो तीन को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। चर्चा है कि हरीश रावत खेमे ने विजय बहुगुणा व सतपाल महाराज के खेमों में सेंध लगा दी है और इन दोनों खेमों से एक-एक विधायक सहित एक अन्य विधायक को राज्य मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लालकुंआं से विधानसभा में चुनकर आये हरीश चन्द्र दुर्गापाल,देवप्रयाग से विधायक मंत्री प्रसाद नैथानी तथा अभी कुछ माह पूर्व टिहरी के निर्दलीय विधायक दिनेश धनै को मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। मिल रही जानकारी के अनुसार हरीश चन्द्र दुर्गापाल व मंत्री प्रसाद नैथानी की कमजोर परफारमेंस के कारण इनको बाहर किया जाना तय माना जा रहा है जबकि बीते कुछ महीने पूर्व बनाये गये मंत्री दिनेश धनैं भी वह कुछ नहीं कर पाये जिसकी उम्मीद प्रदेश सरकार ने उनसे की थी लिहाजा उनको भी मंत्रिमंडल से हटाये जाने के पर्याप्त कारण सरकार के पास हैं। वहीं मंत्री प्रीतम सिंह पंवार व दिनेश अग्रवाल का नाम भी बाहर होने वालों की सूची में बताया जा रहा है। सरकार की मंशा यह भी है कि राज्य में सत्ता के केन्द्र रहे सतपाल महाराज के भाजपा में चले जाने के बाद उनके खेमें में भी सेंध लगायी जाय तो सरकार ने वहा भी सेंध तो लगा दी साथ ही विजय बहुगुणा के खेमें मे भी सेंध लगा डाली एक जानकारी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से प्रदेश अध्यक्ष मामले पर हीली हवाली करने के बाद उनके खासमखास माने जोने वाले सुबोध उनियाल की बहुगुणा से दूरियां बढी है। क्योंकि सुबोध उनियाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार थे और अपनी दावेदारी के लिए उन्होने पूर्व मुख्यंमत्री बहुगुणा का दामन थामा हुआ था वे उनको उस कुर्सी पर आसीन करवा देंगे लेकिन बदली राजनीतिक परिस्थितियों के चलते बहुगुणा स्वयं ही राज्य सभा जाने के लिए अपनी सिफारिश आला कमान से करने लगे ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी किशोर उपाध्याय को जा मिली ऐसे में सुबोध का बहुगुणा से नाराज होना लाजमी था कि पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा ने उनकी ठीक से आलाकमान के सामने पैरवी नहीं की। वहींे सरकार ने मौका देखते ही सुबोध को लपक लिया और उनके मंत्री बनाये जाने की संभावनायें भी पुख्ता नजर आ रही है। वहीं सतपाल महाराज खेमे के गणेश गोदियाल पर भी सरकार काफी मेहरबान है उन्हे बद्रीकेदार मंदिर समिति के अध्यक्ष के साथ ही संसदीय सचिव की जिम्मेदारी भी दी गयी है लेकिन सरकार उन्हे अब पूर्णतः मंत्री का दर्जा देने जा रही है। सरकार के इस कदम को सतपाल महाराज कैंप में भी सेंध के रूप में देखा जा रहा है। वहीं पूर्व कबीनामंत्री प्रकाश पंत को हराकर विधानसभा पहुंचे मयूख महर यदा कदा सरकार से नाराज ही नजर आये लेकिन सरकार ने अब उनको मनाने का पूरा इंतजाम कर दिया है उनको भी राज्य मंत्रिमंडल मे शामिल करने की कवायद शुरू हो गई है। 
  परन्तु इतना भर करने से मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिये राह आसान हो जाएगी कहना अभी काफी मुश्किल है क्योकि हरीश रावत की राह मे कांटे उनके अपने करीबी लोगो के कर्मो की वजह से ही बिछे हैं। बहरहाल आने वाले दिनों मे सूबे का सियासी माहौल बरसात के मौसम के बावजूद काफी गरमाने वाला नजर आ रहा है।

प्रदेश की 62 लाख जनसंख्या को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का मिला लाभ:मुख्यमंत्री

uttrakhand news
देहरादून, 22 जुलाई, 2014 (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खाद्य सुरक्षा योजना के लिए चयनित परिवारों तक खाद्यान्न पहुंचाना सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। चयनित परिवारों में कोई भी इसका लाभ लेने से वंचित ना रहे। कुछ स्थानों पर लाभान्वितों के कार्ड वितरित ना होने की शिकायतों को गम्भीर बताते हुए सीएम ने जिलाधिकारियों के नेतृत्व में अभियान चलाकर शतप्रतिशत कार्ड वितरण सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की 61.94 लाख जनसंख्या को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को बीजापुर हाउस के सभागार में प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिव स्तर पर प्रतिदिन खाद्य सुरक्षा योजना की मोनिटरिंग की जाए। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाए। शेष रह गए कार्डों के वितरण के लिए ब्लाॅकवार कैम्प का शैड्यूल बनाकर जिलाधिकारियों को भेजा जाए। डीएम, सीडीओ व एडीएम स्तर के अधिकारी के निर्देशन में शिविरों का आयोजन किया जाए व अभियान के तहत विशेषरूप से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्ड वितरण सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 8-9 अगस्त को प्रभारी मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में खाद्य सुरक्षा योजना की क्रियान्विति की समीक्षा करेंगे। जबकि इसके तीन चार दिनों बाद वे स्वयं पूरे राज्य में योजना की समीक्षा करेंगे। योजना के क्रियान्वयन में किसी स्तर पर कमी या लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार गोदाम स्थानीय व्यक्तियों से किराए पर लिए जाने की कार्ययोजना तैयार करने को भी कहा। इससे जहां राज्य सरकार को गोदामों के निर्माण के लिए संसाधन नहीं लगाने होंगे वहीं स्थानीय व्यक्ति भी लाभान्वित होंगे। साथ ही सरकार को ग्रामीण, पर्वतीय व दुर्गम क्षेत्रों में खाद्यान्न बैंक स्थापित करने में सहायता मिलेगी। बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य मे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना एक जुलाई 2014 से शुरू कर दी गई है। राज्य की 61.94 लाख जनसंख्या को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। राज्य के पूर्व प्रचलित 1,90,926 अन्त्योदय परिवारों को 35 किग्रा खाद्यान्न पूर्व की भांति उपलब्ध्य कराया जा रहा है। राज्य की 53,72,204 आबादी के 11,25,865 परिवारों को प्राथमिक परिवारों में चयन कर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य मे चयनित प्राथमिक परिवारों को प्रति व्यक्ति 03 किग्रा चावल 03 रूपये की दर से तथा 02 किग्रा गेहूं 02 रूपये की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 16(2) के अन्तर्गत खाद्य सुरक्षा योजना का गठन किया गया है। राज्य के शहरी क्षेत्रों में इय योजना के अंतर्गत शतप्रतिशत चयनित परिवारों को राशन कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ब्लाॅक स्तर से इन कार्ड का वितरण होना था। यहां भी 85 से 90 प्रतिशत कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। पंचायत चुनावों के कारण कुछ स्थानों पर राशन कार्ड वितरण से रह गए हैं। बैठक में खाद्य मंत्री प्रीतम सिंह, प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसएस संधु, अपर सचिव रविनाथ रमन सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

पेयजल योजनाओं के बन्द होने पर भड़की वित्तमंत्री इंदिरा

हल्द्वानी 22 जुलाई,(निस)। पिछले कई दिनो से हल्द्वानी शहर और आसपास के इलाको की बन्द पडी पेयजल व्यवस्था से जनसाधारण को हो रही परेशानी को वित्तमंत्री डा0 इन्दिरा हृदयेश पाठक ने गम्भीरता से लिया है। राजधानी देहरादून से वापस पहुची वित्तमंत्री डा0 हृदयेश के संज्ञान मंे आया कि विगत दिनो हुयी अति वर्षा से हल्द्वानी क्षेत्र की पेयजल आर्पूिर्त विगत एक सप्ताह से ठप्प पडी, लोग पानी केे लिए दर-दर भटक रहे है। जलसस्थान द्वारा टैकरो से की जा रही जल आपूर्ति ना काफी है। गौला नदी का जलस्तर कम होने के बाद सिचाई विभाग की कालटैक्स के पास की नहर क्षतिग्रस्त हो जाने से जलसंस्थान केा फिल्टर करने के लिए पानी नही मिल पा रहा है। इससे पेयजल आपूर्ति सूचारू नही हो पा रही है। पेयजल आपूर्ति को बहाल करने के लिए वित्तमंत्री द्वारा जलसंस्थान के साथ ही जिले के आला अफसरो से वार्ता कर यथाशीघ्र पेयजल आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिये। डा0 हृदयेश ने जल संस्थान के अधिकारियो को आदेशित किया कि वे तत्काल नये 6 टैकर क्रय करने का प्रस्ताव प्रस्तुत करें। वर्तमान में पवित्र रमजान के रोजो के साथ ही क्षेत्र के ेमन्दिरो व अन्य धार्मिक स्थानो पर पूजा अनुष्ठान के कार्य क्रम चल रहे है। उन्होने जलसस्थान के अधिकारियो से कहा कि वे मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो साथ ही अन्य स्थानो पर टैकर के माध्यम से जल की आपूर्ति सुनिश्चिित करे लोगो को रोजे आदि में दिक्कत ना आये। उन्होेने सिचाई विभाग के अधिकारियो एवं स्थानीय प्रशासन से कहा है कि वे दिनरात एक कर क्षतिग्रस्त नहर की मरम्मत कर जलसस्थान को फिल्टर हेतु कच्चा जल की आपूर्ति सुनिश्चिित करें ताकि शहर की पेयजल व्यवस्था सुचारू हो सके। उन्होने अधिकारियो से कहा कि वे जनसमस्याओं के प्रति संवेदनशीलता का परिचय देे।

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