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गाजा में अब तक 750 मौतें, जांच करेगा संयुक्त राष्ट्र

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अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष विराम की पुरजोर अपील और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की आलोचना की परवाह किए बगैर इजरायल का गाजा पर हमला जारी है। गाजा में मरने वालों की संख्या 750 हो गई है। इजरायल ने 17 दिनों से चल रहे सैन्य अभियान को और तेज करते हुए हमास के 150 कथित सदस्यों को गिरफ्तार किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक इजरायली सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि हमास के सदस्यों को पूरी रात कार्रवाई में मिस्र की सीमा से सटे रफह इलाके से दबोचा गया। हा आत्ज दैनिक के मुताबिक, इनमें से अधिकांश को उनके घरों से गिरफ्तार किया गया।

इजरायल के वाल्ला वेबसाइट पर पोस्ट की गई एक तस्वीर में गिरफ्तार किए गए लोगों को इजरायल-गाजा सीमा पर चलते हुए दिखाया गया है। वे सभी अंत:वस्त्रों में थे और सशस्त्र सेना पूछताछ के लिए उन्हें ले जा रही थी। इजरायली सेना की खुफिया सेवा शीन बेट उनसे पूछताछ करेगी। फिलिस्तीन के मा अन समाचार एजेंसी के मुताबिक, रात भर हुए हमलों में गाजा में 29 लोग मारे गए। मारे गए लोगों में एक ही परिवार के 10 लोग शामिल हैं।

फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि हमलों में मरने वाले लोगों की संख्या 750 हो गई है। इनमें से 540 नागरिक हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े के मुताबिक, करीब 32 इजरायली मारे गए हैं जिनमें से तीन नागरिक हैं। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि उत्तरी गाजा के बेत लाहिया शहर में इजरायल के हवाई हमले में एक परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। 

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) ने बुधवार को गाजा पर हो रहे हमलों में इजरायल के युद्ध अपराध की देखरेख के लिए एक समिति गठित करने का फैसला लिया।  परिषद के 22 सदस्यों और 16 पर्यवेक्षक देशों के अनुरोध पर एक दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया गया। फिलिस्तीन समर्थित इस प्रस्ताव के पक्ष में 29 वोट पड़े जबकि विरोधस्वरूप 17 सदस्य अनुपस्थित रहे और अमेरिका ने विपक्ष में मतदान किया। अनुपस्थित रहने वाले सदस्यों में 10 यूरोपीय देश हैं। 

प्रस्ताव में 'फिलिस्तीन के क्षेत्र पर कब्जे'और इजरायली सेना की कार्रवई को मानवाधिकारों एवं मौलिक स्वतंत्रत का उल्लंघन करार देते हुए इसकी निंदा की गई है। इसमें किसी भी स्थान पर लोगों के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हुए पूर्वी जेरूसलम सहित 'फिलिस्तीन के क्षेत्र'में इजरायल की सैन्य कार्रवाई तत्काल रोकने की मांग की गई है। प्रस्ताव में पूर्वी जेरूसलम और गाजा पट्टी में मानवाधिकाकर कानून और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के उल्लंघन की जांच के लिए अंतर्राष्ट्रीय व स्वतंत्र आयोग भेजने की बात भी कही गई है।

संयुक्त राष्ट्र के हालिया आंकड़े के अनुसार, गाजा पट्टी में जारी इजरायली सेना के 'प्रोएक्टिव एज'अभियान में अब तक 750 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई है। इस हमले में 1,40,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। यूएनएचआरसी के इस कदम पर इजरायल ने नाराजगी जताई है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस कदम को हास्यास्पद बताया है। इजरायल के रक्षा मंत्री मोशे या आलोन ने कहा कि उन्होंने सेना को बुधवार को व्यापक जमीनी युद्ध की तैयारी करने का निर्देश दिया है।

अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी एक दिन के दौरे के बाद इजरायल से बुधवार को रवाना हो गए। वे हमास और इजरायल के बीच संघर्ष विराम समझौता लागू कराने के प्रयासों में जुटे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भी क्षेत्र का दौरा किया है, लेकिन संघर्ष विराम की संभावना पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

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