- भू हदबंदी कानून के तहत आवंटित जमीन पर पर्चाधारियों का कब्जा नहीं होने देने की खबर
- डोली उठाने वाले ‘कहार’ जाति के लोगकराह रहे हैं
पटना। इस जिले में नौबतपुर प्रखंड है। नौबतपुर पंचायत में तरेत गांव है। कोई 150 दलित और 100 अन्य जातियों का घर है। ष्यहां पर कहार जाति के भजन राम रहते थे। उनके दो पुत्र सुदर्शन राम और राम विलन राम हुए। सुदर्शन राम की एक बेटी सुमिंत्रा देवी जीर्वित हैं। वहीं राम विलन राम के तीन पुत्र हैं। लालू राम, भोला राम और सगुनी राम। तीनों भाई दबंगों के अत्याचार से कहार रहे हैं।
क्या है मामला कि कहार जाति के संगे भाई कहार रहे हैं? बिहार सरकार के भू हदबंदी कानून के तहत स्व. भजन राम के पुत्र राम विलन राम को 100 डिसमिल जमीन कृषि योग्य मिली थी। कुछ इस तरह जमीन मिली। 6 डिसमिल, 22 डिसमिल, 22 डिसमिल और 50 डिसमिल । कुल इसमें 9 डिसमिल जमीन परिजनों ने बेच दी । अभी 91 डिसमिल जमीन कृषि योग्य है। अकेले रहने के कारण भूमिहारों से राम विलन राम लोहा नहीं ले सके। जमीन की कागजात जन्नत से रखे।
जमीन की कागजात राम विलन राम के हाथ में और 91 डिसमिल जमीन सारधंर सिंह और बालकेश्वर राम के साथःजब स्व. राम विलन राम के पुत्र लालू राम, भोला राम और सगुनी राम जवान हो गए। तब इन लोगों ने जमीन के बारे में सुधि लेने लगे। सारधंर सिंह और बालकेश्वर सिंह से भीड़ गए। तीन साल पहले इस भिडंत का परिणाम यह निकला कि 12 डिसमिल और 6 डिसमिल जमीन पर कब्जा जमा लिए। नौबतपुर थाना में मामला दर्ज हुआ। सारधंर सिंह और बालकेश्वर सिंह मामला दर्ज कराएं। कोर्ट में मामला चला और फिर बंद कर दिया गया। इस बीच सारधंर सिंह और बालकेश्वर सिंह ने एक भूमिहार और पासवान को 4-4 डिसमिल जमीन देकर मुंह पर ताला लगाने में सफल हो गए। अभी दोनों खेत में फसल पैदा करते हैं। सारधंर सिंह और बालकेश्वर सिंह का 65 डिसमिल पर कब्जा बरकरार है।
तीन साल के बाद 20 जुलाई को जमीन पर चढ़ाईः बिहार सरकार की भू हदबंदी कागजात को दुरूस्त कर लिए। प्राप्त कागजात के आधार पर मालगुजारी का रसीद कटा लिए। लगातार सारधंर सिंह और बालकेश्वर सिंह से जमीन का कागजात उपलब्ध करवाने की मांग करते-करते थकहार कर 20 जुलाई,2014 को सुबह 10 बजे लालू राम, भोला राम सगुनी राम और लीलावती देवी आदि जमीन पर चढ़ाई कर दिए। बाजाप्ता ट्रैक्टर को भी खेत में उतार दिए। इस बीच सारधंर सिंह के भतीजा और मदन सिंह के पुत्र सोनू सिंह आ धमके। खेत में आते ही ट्रैक्टर की चाभी निकाल लिए। तब लालू राम और अन्य भाइयों ने सोनू सिंह के हाथ मरोड़कर चाभी छिन लिए। इसके बाद सोनू सिंह ने परवानाधारियों को देख लेने की धमकी देते चलता बना।
घर जाने के बाद परिजनों को एकजूट कर नौबतपुर थाने चले गएःअपने परिजनों को एकजूट किए। मदन सिंह, सोनू सिंह, बालकेश्वर सिंह, सहजानंद सिंह और सारधंर सिंह 21 जुलाई, 2014 को नौबतपुर थाने में जाकर मामला दर्ज किया गया। लालू राम, भोला राम सगुनी राम और लीलावती देवी आदि के घर दरोगा आए थे। इनका कहना था कि आपलोगों को खेत में चढ़ाई करना था। इससे पहले नौबतपुर थाने में आकर कह देना चाहिए था। राय लेकर ही जाना चाहिए था। आपलोग लाठी पार्टी की तरह चले गए। दरोगा साहब को समझाया गया कि हमलोग अहिंसात्मक आंदोलन में विश्वास करते हैं। एकता परिषद के सदस्य हैं। पहले पुरूष लोग माले से संबंध रखते थे और महिलाएं एकता परिषद के बैनर के साथ रहती थीं। अब हमलोग एकता परिषद के साथ है। सोनू सिंह के साथ मारपीट नहीं की गयी।
गरीबी के कारण कहार जाति के लोगों ने केस मुकदमा में नहीं फंसेः इनलोगों का कहना है कि जमीन हमारी है। तब हम क्यों मुकदमाबाजी में फंसे। जो जबरन कब्जा किए हैं। वे जाकर नौबतपुर थाना और अन्य जगहों में नोटों की थैली अर्पित करें। अब नवनियुक्त पटना जिले के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा का कत्र्तव्य बनता है कि नौबतपुर थाने से मामले की जानकारी प्राप्त करें। इस समस्या का समाधान जल्द से जल्द कर दें। नौबतपुर थाना क्षेत्र संवेदनषील एरिया है। इस मामले के चक्कर में किसी की जान न चली जाए? इस मसले को उप समाहर्ता भूमि सुधार,दानापुर के जिम्मे सौंपा जा सकता है।
आलोक कुमार
बिहार