Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

बालाघाट (मध्यप्रदेश) की खबर (30 जुलाई)

$
0
0
मंत्री बिसेन ने अजय कामड़े के निधन पर दी शोक श्रद्धांजली
          
बालाघाट/  भारतीय जनता पार्टी लांजी के महामंत्री अजय कामड़े के आकस्मिक निधन पर म.प्र.शासन के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन व जिला अंत्योदय समिति उपाध्यक्ष श्रीमती रेखा बिसेन ने शोक श्रद्धांजली दी। मंत्री बिसेन दिल्ली प्रवास पर होने के कारण उन्होने दूरभाष पर परिजनों से चर्चा कर उन्हें ढंाढस बंधाया। स्व. अजय कामड़े का विगत दिनों से स्वास्थ्य खराब होने के कारण इलाज नागपुर में चल रहा था, जिन्होने बुधवार को नागपुर के अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली। जिनका बुधवार को पैतृक निवास मोहझरी स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया गया। स्व. कामड़े 49 वर्ष के थे, जो सामाजिक व्यक्तित्व के धनी एवं मृदुभाषी थे। जिन्होने अपना सारा जीवन जनकल्याण व पार्टी के लिए समर्पित कर दिया। श्री कामड़े के निधन से समाज एवं पार्टी को अपूर्णीय क्षति हुई है, जिसकी पूर्ति असंभव है। इन्होनेे पार्टी में रहते हुये समाज के उत्थान व लांजी क्षेत्र के विकास के लिऐ अपने आप को पूरे तन-मन से समर्पित कर दिया था। स्व. कामड़े अपने पीछे पत्नि एवं दो पुत्र सहित भरापूरा परिवार छोड़ गये। मंत्री बिसेन दिल्ली प्रवास पर होने के कारण श्रीमती रेखा बिसेन ने अंत्येष्टी में शामिल होकर उन्हें शोक श्रद्धांजली अर्पित की। आपने परिजनों के इस असीम दुःख को सहन करने हेतु परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना की। इस दौरान भाजपा जिलामहामंत्री शिव जायसवाल, संजय अग्निहोत्री, भाजपा जिला उपाध्यक्ष अजय सोनी, पूर्व विधायक, रमेश भटेरे, सदस्य सफाई कामगार आयोग अजय चमकेल, लांजी जनपद अध्यक्ष राजकुमार कर्राहे सहित भाजपा जनप्रतिनिधि व समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। 

तीन जिलो में हरियाली महोत्सव का शुभारंभ करेंगे मंत्री बिसेन 
          
बालाघाट/  म.प्र.शासन के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन आज तीन जिलो में हरियाली महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। मंत्री बिसेन ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान के नेतृत्व में 31 जुलाई को प्रदेश में हरियाली महोत्सव का शुभारंभ किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरूवार को मंत्री बिसेन अपने गृह जिला व प्रभार के जिले छिंदवाड़ा,सिवनी व बालाघाट में हरियाली महोत्सव का शुभारंभ करेंगे। आपने बताया कि प्रदेश को हराभरा और शुद्ध वातावरण बनाये रखने के उद्देश्य को लेकर प्रदेश शासन द्वारा हरियाली महोत्सव के रूप में विशेष अभियान चलाकर अधिक से अधिक वृक्षों का रोपण करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान को प्राथमिकता देते हुये वन विभाग के अलावा अन्य विभागांे के अधिकारी/कर्मचारी इस कार्य का पर्यवेक्षण करने के लिये रोपण प्रभारी, स्टीवर्ड एवं साक्षी के रूप में तैनात किये गये हैं। हरियाली महोत्सव शुभारंभ करने मंत्री बिसेन दिल्ली में विभागीय व प्रशासनिक कार्यों को पूर्ण कर सीधे 31 जुलाई को प्रातः 5.45 बजे दिल्ली से नागपुर के लिये प्रस्थान कर प्रातः 7.20 बजे नागपुर पहुंचकर छिंदवाड़ा के लिये प्रस्थान करेंगे। प्रातः 10.30 बजे सर्किट हाउस छिंदवाड़ा पहुंचकर भाजपा पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि/आमजनों से भेंट करेंगे। मंत्री बिसेन प्रातः 11 बजे छिंदवाड़ा क्षेत्र के मानेगांव में हरियाली महोत्सव अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लेकर प्रातः 11.45 बजे छिंदवाड़ा से सिवनी के लिये प्रस्थान करेंगे। दोप. 1.00 सिवनी सर्किट हाउस पहुंचकर भाजपा पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि/आमजनों से भेंट करेंगे। तत्पश्चात् दोप. 1.15 बजे सिवनी में हरियाली महोत्सव अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लेकर दोप. 2.00 बजे सिवनी से बालाघाट के लिये प्रस्थान करेंगे। दोप. 3.30 बजे बालाघाट पहुंचकर हरियाली महोत्सव अंतर्गत वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लेकर अप. 4.30 बजे श्रमजीवी पत्रकार संघ के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेंगे, तदोपरांत् सायं 6.00 बजे बालाघाट से गोंदिया के लिये प्रस्थान कर सायं 7.00 बजे गोंदिया पहुंचकर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस द्वारा भोपाल के लिये प्रस्थान करेंगे। 

स्तनपान के प्रति जागरूकता के लिए मीडिया कार्यशाला का आयोजन
  • मां के दूध का कोई विकल्प नहीं, स्तन केंसर से बचाता है स्तनपान

balaghat news
आधुनिक होते समाज में पढ़ी लिखी महिलायें भी प्रसव के बाद शिशु को स्तनपान कराना मुनासिब नहीं समझती है और शिशु को उसके अधिकार से वंचित कर उसे संक्रमण एवं बीमारियों के खतरे में डाल देती है। प्रसव के बाद शिुश के लिए मां का दूध सबसे जरूरी है, मां के दूध का कोई विकल्प नहीं है। शिशु को स्तनपान कराने के प्रति जागरूकता के लिए आज 30 जुलाई को कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल की अध्यक्षता में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस कार्यशाला में प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मिडीया के प्रतिनिधियों के साथ ही आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक भी मौजूद थी। कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री तरूण राठी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. के.के. खोसला, सिविल सर्जन एवं, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.के. पंडया एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय जैन ने स्तनपान से जुड़ी जनहित की रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारी दी। 

किशोरी बालिकाओं में हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने चलेगा अभियान
कलेक्टर श्री किरण गोपाल ने कार्यशाला में बताया कि प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में बालाघाट जिले में स्तनपान का प्रतिशत अच्छा है। लेकिन इसमें अब भी सुधार की बहुत आवश्यकता है। स्तनपान का कुपोषण से गहरा संबंध है। हमारी आने वाली पीढ़ी मजबूत व स्वस्थ हो इसके लिए किशोरी बालिका के स्वास्थ्य से शुरूआत करना होगा। किशोरी बालिका ही भविष्य में मां बनेगी और स्वस्थ्य मां ही स्वस्थ्य शिशु को जन्म देकर उसे स्तनपान करा सकती है। उन्होंने बताया कि बालाघाट जिले में किशोरी बालिकाओं के हिमोग्लोबिन स्तर को बढ़ाने के लिए शीघ्र ही कारगर कदम उठाये जायेंगें। उन्होंने कहा कि स्तनपान के प्रति जागरूकता का कार्य केवल सप्ताह भी ही नहीं चलना चाहिए, यह एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से कहा कि वे समाज में स्तनपान के प्रति जागरूकता के लिए कार्य करें और मां का दूध पिया है इन शब्दों की लाज रखें। उन्होंने कहा कि मीडिया समाज को एक दिशा देने में सक्षम है और स्तनपान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने में मददगार बन सकता है। 

जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराना जरूरी
कार्यशाला में सिविल सर्जन एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.के. पंडया ने बताया कि प्रसव के तत्काल बाद मां को शिशु को स्तनपान कराना शुरू कर देना चाहिए। प्रसव के बाद मां के दूध में मिलने वाला कोलेस्ट्रम शिशु के लिए जरूरी होता है। प्रसव होने के एक सप्ताह पहले से ही मां के दूध में कालेस्ट्रम बनने लगता है। नवजात बच्चे के लिए कोलेस्ट्रम एक प्रकार से काम्पेक्ट वैक्सीन की तरह से काम करता है। जन्म के तत्काल बाद शिशु को स्तनपान कराने से रक्तस्त्राव बंद हो जाता है। 

सीजर आपरेशन होने पर भी स्तनपान जरूरी
डॉ. पंडया ने बताया कि यदि माता को सामान्य प्रसव हुआ है तो जन्म के 15 मिनट से आधे घंटे के भीतर शिशु को स्तनपान कराना शुरू कर देना चाहिए। यदि प्रसव सीजन आपरेशन के द्वारा हुआ हो और मां बेहोश हो तब भी शिशु को औंधा मां के ऊपर लिटा देना चाहिए। शिशु स्वयं स्तनपान करने लग जाता है। यदि मां स्वं कुपोषित होगी तो उसका बच्चा भी कुपोषित होगा। यदि माता टी.बी. की मरीज है या एच.आई.व्ही. पाजेटिव है तब भी उसे अपने शिशु को स्तनपान अवश्य कराना है। मां का टी.बी. का ईलाज चल रहा है और शिशु को बी.सी.जी. का टीका लग चुका है तो उसे स्तनपान कराने में कोई खतरा नहीं है। 

शिशु को घूट्टी, पानी, शहद आदि न पिलायें
डॉ. पंडया ने बताया कि जन्म के बाद बच्चे को कुछ लोग घुट्टी, शहद या पानी आदि पिलाते है, यह पूरी तरह से गलत है। शिशु को 6 माह तक केवल मां का दूध ही पीना है। मां का दूध ही शिशु के लिए सम्पूर्ण एवं सर्वोत्त आहार है। बच्चे को 6 माह के बाद ही ऊपरी आहार दें। लेकिन इसके साथ बच्चे को स्तनपान भी कराना चाहिए। स्तनपान कम से कम दो साल तक कराना चाहिए। मां जब तक शिशु को स्तनपान करायेगी तब तक उसके पुन: गर्भवती  होने की संभावना नहीं रहेगी। इस प्रकार से देखा जाये तो स्तनपान एक तरह से प्राकृतिक गर्भनिरोधक का काम करता है और दो बच्चों के बीच अंतर रखने में भी मददगार बनता है। 

किसी भी स्थिति में बोतल से दूध न पिलायें
डॉ. पंडया ने बताया कि कुछ महिलायें शिशुओं को बोतल से दूध पिलाती है। यह पूरी तरह से गलत है। जन्म के बाद शिशु को संक्रमण का सबसे अधिक खतरा रहता है। स्तनपान कराने से शिशु डायरिया, निमोनिया एवं संक्रमण से बचा रहता है। लेकिन बोतल से दूध पिलाने से शिशु को डायरिया, निमोनिया और संक्रमण का खतरा हो जाता है। 50 प्रतिशत शिशुओं की इसी कारण से मृत्यु हो जाती है। 

स्तन केंसर से बचाता है स्तनपान
कार्यशाला में बताया गया कि पढ़ी लिखी आधुनिक महिलायें अपना फिगर खराब होने के डर से शिशु को स्तनपान नहीं कराती है। जबकि यह पूरी तरह से गलत धरणा है। शिशु को स्तनपान कराने से माता को स्तन केंसर एवं गर्भशय के केंसर नहीं होता है। माता जितने अधिक दिनों तक शिशु को स्तनपान करायेगी उसे स्तन केंसर एवं गर्भाशय के का केंसर होने का खतरा उतना ही कम होगा। विदेशों में स्तन केंसर के अधिक प्रकरण होने का कारण वहां की महिलाओं द्वारा स्तनपान नहीं कराना है। 

मां के दूध का विकल्प बताने वालों पर होगी कार्यवाही
कार्यशाला में डॉ. अजय जैन ने बताया कि भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है जहां पर मां के दूध के महत्व को समझा गया है और उसे प्रभावित करने वाले कारकों से निपटने के लिए कानून बनाया गया है। मां के दूध का विकल्प के रूप में दूध की बोतल, शिशु आहार के विज्ञापनों को आई.एम.एस. एक्ट 2003 के अंतर्गत प्रतिबंधित किया गया है। सभी कंपनी के लिए दूध की बोतल एवं शिशु आहार के पैकेट पर मां का दूध सर्वोत्तम आहार लिखना अनिवार्य किया गया है। शिशु आहार भी चिकित्सक की सलाह के बगैर नहीं बेचे जा सकेगें और इनका विक्रय मेडीकल स्टोर्स से ही किया जा सकता है। इस अधिनियम का उल्लंघन करने पर दो से तीन साल की जेल की सजा का प्रावधान है। एकीकृत बाल विकास सेवा की जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. नीलिमा तिवारी ने कार्यक्रम का संचालन करने के साथ ही आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से स्तनपान के प्रति चलाये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। इस कार्यशाला में  बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं आंगनवाड़ी पर्यवेक्षक भी मौजूद थी।

अल्पसंख्यक प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति के लिए 20 अगस्त तक आवेदन पत्र आमंत्रित
अल्प संख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति के लिए पात्रता रखने वाले छात्र-छात्राओं से आवेदन पत्र आमंत्रित किये गये है। आवेदन पत्र आगामी 20 अगस्त 2014 तक अपनी संस्था प्रमुख के माध्यम से  सहायक संचालक, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय बालाघाट में जमा कराना होगा। निर्धारित अवधि के बाद प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार नहीं किया जायेगा। अध्ययनरत संस्था में ही जमा करना होगा। छात्रवृत्ति के आवेदन संस्था के प्राचार्य के माध्यम से जमा कराना होगा। जिले की सभी शिक्षण संस्थाओं के प्रमुखों से कहा गया है कि वे अल्पसंख्यक प्री-मेट्रिक छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र भरवाते समय समस्त कालमों को पूर्ण रूप से भरवाय। आवेदन पत्र के साथ आवेदक को विगत कक्षा उत्तीण करने का प्रमाण पत्र/अंकसूची की सत्यापित छायाप्रति, मूल निवासी प्रमाण पत्र, अल्पसंख्यक सामुदायिक संबंधी निर्धारित घोषणा पत्र, आय प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से संलग्न करना होगा। स्वरोजगार में लगे माता-पिता/अभिभावक के लिए आय प्रमाण पत्र गैर न्यायिक स्टाम्प पेपर पर एक शपथ पत्र के द्वारा स्वप्रमाणन आधार पर तथा शासकीय व अर्ध्दशासकीय संस्था में कार्यरत माता-पिता को नियोक्ता से प्राप्त आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र वेवसाईट www.bcwelfare.mp.nic.in से डाउनलोड कर प्राप्त किये जा सकते है। इसके अतिरिक्त आवेदन पत्र कार्यालय सहायक संचालक, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण से नि:शुल्क प्राप्त किये जा सकते है। भारत सरकार द्वारा छात्रवृत्ति की राशि आनलाईन छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में जमा कराई जायेगी। अत: प्रत्येक आवेदन करने वाले छात्र-छात्रा को आवेदन पत्र में अपना बैंक खाता नम्बर, बैंक का नाम, बैंक शाखा का नाम, बैंक शाखा का आई.एफ.एस.सी. कोड बताना होगा। इस जानकारी के अभाव में छात्रवृत्ति का आवेदन निरस्त कर दिया जायेगा। 

07 से 09 अगस्त तक हाथकरघा वस्त्रों की जिला स्तरीय प्रदर्शनी का आयोजन
हाथकरघा बुनकरों एवं बुनकर सहकारी समितियों द्वारा तैयार वस्त्रों के लिए बाजार उपलब्ध कराने तथा बुनकरों को बाजार की मांग से परिचित कराने के मकसद से हाथकरघा विभाग द्वारा आगामी 07 से 09 अगस्त 2014 तक बालाघाट में हाथकरघा वस्त्रों की जिला स्तरीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है।सहायक संचालक हाथकरघा श्री आर.के. बासल ने बताया कि हाथकरघा वस्त्रों की जिला स्तरीय प्रदर्शनी आगामी 07 से 09 अगस्त 2014 तक होटल शीतल पैलेस बालाघाट में लगाई जा रही है। इस प्रदर्शनी में बुनकरों द्वारा उत्पादित  उत्कृष्ट कोसा, मलबरी, काटन साड़ियां, एवं टसर मलबरी, काटन ड्रेस मटेरियल के साथ-साथ काटन शर्टिंग, तथा होम फिनिशिंग वस्त्र उत्पादन मूल्य पर विक्रय के लिए उपलब्ध रहेंगें। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अधिक से अधिक संख्या में आकर इस प्रदर्शनी का लाभ उठायें। प्रदर्शनी 07 से 09 अगस्त 2014 तक दोपहर 12 बजे से रात्री 9 बजे खुली रहेगी। 

सी.एम. हेल्पलाईन से प्राप्त शिकायतों के निराकरण के लिए 31 जुलाई को प्रशिक्षण
आम जनता की समस्याओं एवं शिकायतों को सुनने एवं उन पर त्वरित कार्यवाही के लिए प्रदेश शासन द्वारा टेली समाधान, समाधान आन लाईन एवं सी.एम. हेल्पलाईन जैसी आन लाईन सेवायें संचालित की जा रही है। इनके माध्यम से प्राप्त होने वाली शिकायतों की आनलाईन स्थिति देखने एवं उनके निराकरण के लिए 31 जुलाई को जिला स्तर, तहसील स्तर एवं ब्लाक स्तर के अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यह प्रशिक्षण नवीन कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रात: 11.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक चलेगा। कलेक्टर श्री व्ही. किरण गोपाल ने सभी तहसीलदारों एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्य पालन अधिकारियों को प्रशिक्षण में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिये है। 

जिले में 16 करोड़ स्पान मत्स्य बीज उत्पादन का लक्ष्य
बालाघाट जिले में नदियों, तालाबों एवं जलाशयों की अधिकता के कारण यहां पर मत्स्य पालन के क्षेत्र में रोजगार की भरपूर संभावना विद्यमान है। जिले में मत्स्य पालन विभाग द्वारा मत्स्य बीज का उत्पादन कर जिले के मछुआरों को प्रदाय करने के साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों को भी प्रदाय किया जाता है। उप संचालक मत्स्योद्योग शशिप्रभा धुर्वे के मार्गदर्शन में जिले में मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य प्रारंभ हो गया है। 

6.50 करोड़ स्पान मत्स्य बीज का उत्पादन
जिले में इस वर्ष वर्षा देर से प्रारंभ होने से मत्स्य बीज उत्पादन में भी प्रभाव पड़ा है। देर से वर्षा होने के कारण मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य भी देर से प्रारंभ हुआ है। वर्ष 2014-15 में जिले में 16 करोड़ स्पान मत्स्य बीज उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। इस लक्ष्य के विरूध्द अब तक मत्स्य बीज प्रक्षेत्र मुरझड़ पर 6 करोड़ 50 लाख स्पान मत्स्य बीज का उत्पादन कर लिया गया है। इसमें 2 करोड़ 50 लाख शुध्द कतला का बीज है। जिसे जिले के मत्स्य बीज संवर्धन केन्द्र, गर्रा, बालाघाट, तिरोड़ी, बैहर व बम्हनवाड़ा में रखा गया है। 

6 जिलों को प्रदाय किया गया मत्स्य बीज
मत्स्य बीज प्रक्षेत्र मुरझड़ में तैयार किये गये मत्स्य बीज में से प्रदेश के 6 जिलों को मत्स्य बीज प्रदाय किया गया है। अब तक भोपाल को 15 लाख, विदिशा को 20 लाख, रायसेन को 15 लाख, बैतूल को 40 लाख तथा जबलपुर जिले को 9 लाख स्पान मत्स्य बीज प्रदाय किया गया है। इसके अलावा जिले के मछुआरों को भी मत्स्य बीज प्रदाय किया गया है। 

मत्स्य बीज उत्पादन में जुटा अमला
मत्स्य बीज तैयार करना एक कठिन एवं मुश्किलों भरा काम है। इसके लिए प्रजनन योग्य मछलियों को 27 डिग्री सेंटीग्रेड का तापमान उपलब्ध कराने के साथ इंजेक्शन लगाकर प्रजनन के लिए उत्तेजित किया जाता है। इसके लिए प्रक्षेत्र पर कृत्रिम रूप से वर्षा का वातावरण भी तैयार किया जाता है। प्रजनन के बाद मछलियों से लाखों की संख्या में सरसों के आकार के अंडे प्राप्त होते है। इन अंडों से मत्स्य बीज तैयार किया जाता है। सहायक संचालक श्री आर.के. राय, सहायक मत्स्य अधिकारी श्रीमती मीना कोकोटे, श्री आर.के. पटेल, मत्स्य निरीक्षक विजय मेश्राम एवं विभाग के अन्य अमले द्वारा अधिक से अधिक मत्स्य बीज उत्पादन के लिए नितंर प्रयास किये जा रहे है। 

मु.का.अ. ने की बिरसा जनपद की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा
जनपद पंचायत बिरसा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री धनंजय मिश्रा ने 29 जुलाई को खंड स्तरीय अधिकारियों एवं उपयंत्रियों की बैठक लेकर विकासखंड के ग्रामों में चल रही योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में  सहायक यंत्री एस.एल. शर्मा, सहायक लेखा अधिकारी श्री दिपेश खडर्ेकर एवं समस्त उपयंत्री उपस्थित थे। मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री धनंजय मिश्रा के द्वारा समस्त उपयंत्रियों को निर्देशित किया गया कि समस्त कपिल धारा कूप 03 दिवस के अन्दर पूर्ण कर सी.सी. जारी करें। मनरेगा अभिशरण के कार्य 01 सप्ताह में पूर्ण कर सी.सी. जारी करने कहा गया। आई.ए.पी., बीरआरजीएफ के कार्य 01 सप्ताह में पूर्ण कर सी.सी. जारी करने के निर्देश दिये गये।  ली जावे। बैठक में पंचायत भवन कचनारी, मानेगांव, गिडोरी, कनिया, सोनगुड्डा, मछुरदा के कार्य में गति लाते हुये शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। बैठक में उपयंत्रियों से कहा गया कि शौचालय, पशु शेड, वृक्षारोपाण, सड़क निर्माण, मीनाक्षी तालाब, खेल मैदान के अधूरे कार्य पूर्ण कर शीघ्र सी.सी. जारी करें। पी.जी.एफ. मद जिला पंचायत स्तर एवं जनपद पंचायत स्तर के कार्य भी 01 सप्ताह में पूर्ण कर सी.सी. जारी करने के निर्देश दिये गये। सहायक यंत्री श्री एस.एल. शर्मा द्वारा समस्त उपयंत्री को शत-प्रतिशत डीपीआर समस्त प्रगतिरत कार्यो के फ्रीज कर पूर्ण हुये कार्यो के पूर्णता प्रमाण पत्र 03 अगस्त 2014 तक जारी ऑनलाईन करने के निर्देश दिये गये।

जिले में 572 मि.मी. वर्षा रिकार्ड, बालाघाट तहसील में सबसे अधिक 675 मि.मी. वर्षा 
जिले में चालू वर्षा सत्र के दौरान एक जून से 30 जुलाई 2014 तक 572 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। जबकि गत वर्ष इसी अवधि में 837 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई थी। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1447 मि.मी. है। चालू वर्षा सत्र में अब तक सबसे अधिक 675 मि.मी. वर्षा बालाघाट तहसील में तथा सबसे कम 460 मि.मी. वर्षा वारासिवनी तहसील में रिकार्ड की गई है। 

Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>