महाराष्ट्र के पुणे के भीमाशंकर के पास बुधवार सुबह भूस्खलन से एक पूरा गांव जमींदोज हो गया। इस हादसे में मरने वालों की तादाद 17 तक पहुंच गई है। मृतकों की तादाद बढ़ने की आशंका है। नैशनल डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्स (एनडीआरएफ) की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। मलबे से निकाले गए घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। ऐंबी वैली के करीब स्थित मालिन गांव में भूस्खलन से करीब 44 घर मलबे में दबे हैं। मलबे में करीब 160 लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।
गांव की आबादी 715 के करीब है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण इस हादसे पर नजर बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और राहत-बचाव कार्य के लिए सभी जरूरी चीजें मुहैया कराई जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भूस्खलन बुधवार सुबह करीब 6 बजे हुआ। एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। बताया जा रहा है कि यह हादसा भारी बारिश के कारण हुआ है। इस गांव में पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है।
आसपास के लोग भी मलबे में फंसे लोगों की मदद में जुटे हैं। इलाके में बारिश अभी भी रुक-रुक कर हो रही है, जिससे राहत और बचाव कार्य में प्रशासन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने मलबे के अंदर से कुछ लोगों को बाहर निकालकर पास के अस्पताल में भेज दिया है। डिविजनल कमिश्नर प्रभाकर देशमुख के मुताबिक इस हादसे में करीब 40 घर मलबे में दब गए और 160 के करीब लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। पुणे में जुलाई में रेकॉर्ड बारिश हुई है। भारी बारिश के कारण पालघर-मनोर मार्ग स्थित मसवाल पुल पिछले दो दिन से डूबा हुआ है। इसके साथ ही मुर्बाद और राहता के बीच का पुल भी डूबा रहा। जिसके चलते मुर्बाद मार्ग बंद है। वहीं सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में पालघर, वसई, दहानू और विक्रमगढ़ शामिल हैं।