उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हुई हिंसा के बाद अब यहां जनजीवन पटरी पर लौट रहा है। बुधवार को सहारनपुर में नए और पुराने शहर में कर्फ्यू में बारी-बारी से पांच घंटे ढील दी गई। अधिकारियों के आश्वासन के बाद भी बाजार हालांकि पूरी तरह नहीं खुले, लेकिन सड़कों पर पहले की तुलना में ज्यादा चहल-पहल दिखाई दी। लोग जरूरत की चीजों के लिए बाहर निकले और जमकर खरीदारी की।
अधिकारियों के मुताबिक पुराने शहर में दो बजे से सात बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। नए शहर में कर्फ्यू में ढील के दौरान किसी तरह की कोई अप्रिय वारदात नहीं हुई। प्रशासन ने हिंसा के बाद कार्रवाई के तौर पर कुतुबशेर थाना क्षेत्र में असलहों के 22 लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं।
इस बीच सिख समुदाय ने प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर अपनी पीड़ा बयान की। सिख समुदाय का कहना था कि अंबाला रोड पर दुकानों में आगजनी से पहले जमकर लूटपाट की गई। इधर, भाजपा नेता अमित अग्रवाल के नेतृत्व में बुधवार को एक प्रतिनिधिमंडल हिंसा पीड़ितों के नुकसान का जायजा लेने के लिए सहारनपुर पहुंचा है। प्रतिनिधमंडल में भाजपा विधायक सुरेश राणा और रविंद्र भड़ाना भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि सहारनपुर में पिछले दिनों एक धार्मिक स्थल के निर्माण को लेकर भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था।