एक विशेष न्यायाधिकरण ने बुधवार को केंद्र सरकार द्वारा स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर लगाए गए प्रतिबंध को बरकार रखते हुए गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम के तहत लगे प्रतिबंध को अगले पांच वर्ष तक बढ़ा दिया। केंद्र ने कहा है कि सिमी का लश्कर-ए-तैयबा और उसके सहायक संगठन इंडियन मुजाहिदीन सहित पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के साथ रिश्ता है।
न्यायाधिकरण के प्रमुख दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी और सिमी पर लगे प्रतिबंध को बरकरार रखा। उन्होंने फरवरी महीने में केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना को जायज ठहराते हुए प्रतिबंध को अगले पांच वर्ष तक बढ़ा दिया।
सिमी ने विभिन्न अदालतों में सरकार के कदम को चुनौती दी और गैरकानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम के विशेष न्यायाधिकरण के सामने कई बार चुनौती दी है लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली है। यह पहला मौका है जब प्रतिबंध को पांच वर्षो के लिए विस्तार दिया गया है। पिछला विस्तार फरवरी 2012 में एक अधिसूचना के जरिए दो वर्ष के लिए दिया गया था।