कभी गुजरात की मोदी सरकार में मंत्री रही माया कोडनानी को बुधवार को गुजरात उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई. जस्टिस वी एम शाह और जस्टिस आरपी धोलेरिया की पीठ ने खराब सेहत को देखते हुए कोडनानी को जमानत दी है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले साल 2002 को गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद के नरोडा पाटिया दंगों मामलों में एक स्थानीय अदालत ने माया कोडनानी को 21 अगस्त 2012 को 28 साल की सज़ा सुनाई थी. इन दंगों में नरोडा पाटिया में 97 लोगों को मार दिया गया था.
इस मामले में अप्रैल में कोडनानी के वकील मितेश अमीन ने याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि कोडनानी की मानसिक हालत ठीक नहीं है और वे आत्महत्या जैसी मानसिकता में जी रही हैं. याचिका में मायाबेन को टीबी के अलावा रीढ़ की हड्डी में दर्द रहने की बात कही गयी है.
गौरतलब है कि गुजरात दंगों के लिए सजा सुनाते हुए स्पेशल कोर्ट ने कोडनानी को 'दंगों की सरगना' (किंगपिन ऑफ रॉयट्स) कहा था. गुजरात दंगों के दौरान आरोप लगने के बावजूद माया कोडनानी को 2007 में गुजरात की सामाजिक कल्याण और बाल विकास मंत्री बनाया गया था. हालांकि कोडनानी को जब मार्च 2009 में गिरफ्तार किया गया, तब उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया.