बहुमुखी प्रतिभा के धनी किशोर कुमार जितने बेहतरीन गायक और अभिनेता थे, उतने ही शानदार इंसान भी थे। सोमवार को उनकी 85वीं जयंती के मौके पर विश्व के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने उनकी इन्हीं प्रतिभाओं को सलाम किया और अपने अलग अंदाज में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में चार अगस्त, 1929 को जन्मे बॉलीवुड के इस महानायक को लोग आज भी नहीं भूल पाए हैं। उनके गाने आज भी लोगों के जहन में बसे हुए हैं। एक मध्यवर्गीय बंगाली परिवार में जन्मे किशोर ने हिंदी सिनेमा के तीन नायकों को महानायक का दर्जा दिलाने में खास भूमिका निभाई है। एक वक्त था जब बॉलीवुड के कई महानायकों की आवाज थे-किशोर दा।
कहा जाता है कि किशोर की आवाज के कारण ही अमिताभ बच्चन महानायक कहलाने लगे। 1960 में किशोर कुमार और मधुबाला ने शादी कर ली और उन्होंने अपना नाम बदलकर इस्लामिक नाम करीब अब्दुल रख लिया।
किशोर कुमार यूं तो अशोक कुमार यानी दादामुनी के भाई थे, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत से हिंदी फिल्मोद्योग में एक अलग पहचान बनाई। वर्ष 1969 में निर्माता-निर्देशक शक्ति सामंत की फिल्म 'आराधना'के जरिये किशोर गायकी की दुनिया के बेताज बादशाह बन गए। इस फिल्म में उन्होंने 'मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू'और 'रूप तेरा मस्ताना'सरीखे गाने गए और खूब लोकप्रियता पाई। उनकी फिल्म 'पड़ोसन'को लोग आज भी याद करते हैं और हंसते-हंसते लोट-पोट हो जाते हैं।