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सीसैट मेधासूची में अंग्रेजी प्राप्तांक शामिल नहीं होंगे, धरना जारी

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प्रदर्शनकारियों की मांग के आगे झुकते हुए केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा की मेधासूची तैयार करने के दौरान सिविल सर्विसेज एप्टीट्युड टेस्ट (सीसैट) के अंग्रेजी भाषा बोधगम्यता के प्राप्तांक नहीं जोड़े जाएंगे। प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने हालांकि अपनी पूरी मांगें न माने जाने की बात कहते हुए धरना-प्रदर्शन जारी रखा है। संसदीय कार्य राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा को सूचित किया, "सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता से अध्ययन किया है और इसे संवेदनशीलता के साथ सुलझाने की कोशिश की है।"

उन्होंने कहा कि सरकार मानती है कि अंग्रेजी भाषा बोधगम्यता के प्राप्तांक को सिविल सेवा परीक्षा की मेधासूची बनाने के दौरान जोड़ा नहीं जाना चाहिए। मंत्री ने कहा कि सरकार मानती है कि जिन अभ्यर्थियों ने 2011 में परीक्षा दी थी, उन्हें 2015 में एक और मौका मिलना चाहिए। प्रदर्शनकारी विद्यार्थी हालांकि सरकार की इस घोषणा से संतुष्ट नहीं हुए। उनका कहना है कि सीसैट को पूरी तरह समाप्त किया जाना चाहिए। दोनों सदनों में जितेंद्र सिंह ने कहा, "सरकार ने मामले का बहुत गहराई से अध्ययन किया है और इसे बेहद संवेदनशीलता के साथ सुलझाने की कोशिश की जा रही है।"जितेंद्र सिंह ने पहले लोकसभा में फिर राज्यसभा में लिखित बयान दिए।

राज्यसभा में विपक्षी दलों के गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों के सदस्यों ने लेकिन सरकार की घोषणा पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए सदन में हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित हुई। कांग्रेस सांसद वायलर रवि ने कहा, "दक्षिण भारत के विद्यार्थी हिंदी की अपेक्षा अंग्रेजी कहीं अच्छी तरह समझते हैं।"वायलर रवि का गैर हिंदी भाषी क्षेत्र के सदस्यों ने समर्थन किया। इस पर जितेंद्र सिंह ने स्पष्टीकरण दिया, "हम इसे भाषा से दूर रखेंगे।"लेकिन विपक्षी दल के सदस्यों ने उन्हें अनसुना कर दिया।

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) की सदस्य कनिमोझी ने कहा, "गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों के विद्यार्थियों के साथ लंबे समय से भेदभाव किया जा रहा है।"प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों ने भी सरकार के फैसले की आलोचना की और अपना प्रदर्शन जारी रखा। प्रदर्शन में शामिल नागरिक सेवाओं की परीक्षाओं की तैयारी करने वाले एक विद्यार्थी शुभंकर वत्स ने आईएएनएस से कहा, "हमें आश्वासन दिया गया था कि सीसैट को हटा दिया जाएगा, लेकिन मंत्री के वक्तव्य में इस पर कुछ भी नहीं कहा गया है। उल्टे अंग्रेजी भाषा बोधगम्यता के प्राप्तांक हटाने का फैसला कर हमें धोखा दिया जा रहा है।"

विद्यार्थियों ने कहा कि वे प्रदर्शन करना जारी रखेंगे और जब तक उनकी मांगे पूरी तरह नहीं मान ली जातीं वे और अधिक आक्रामक प्रदर्शन करेंगे। यूपीएससी परीक्षा में शामिल सीसैट-2 पत्र में बोधगम्यता, संचार कौशल सहित अंतर-वैयक्तिक कौशल, तार्किक-कौशल एवं विश्लेषण क्षमता, निर्णय लेना और समस्या समाधान, सामान्य मानसिक योग्यता, आधारभूत संख्यन, आंकड़ों का निर्वचन (10वीं कक्षा के स्तर) शामिल है।  यूपीएससी परीक्षा के अभ्यर्थी एप्टीट्युट टेस्ट (सीसैट-2) को हिंदी भाषा और मानविकी के छात्रों के लिए पक्षपातपूर्ण करार देते हुए हटाए जाने की मांग कर रहे हैं।

सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने कहा, "हम सरकार के फैसले का समर्थन करते हैं..विद्यार्थियों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शनों के परिणामस्वरूप ही यह फैसला लिया गया। सरकार को उनकी मांगों के आगे झुकना पड़ा।"त्यागी ने आईएएनएस से कहा, "सरकार को अभी भी धरने पर बैठे गैर हिंदी भाषी क्षेत्रों के विद्यार्थियों की मांगों को भी सुनना चाहिए।"

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