भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2014-15 के लिए अपनी तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में अनुमान के मुताबिक अपनी प्रमुख ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा और कहा कि यदि महंगाई में लगातार गिरावट होती रहेगी, तो दरों को निकट भविष्य में बढ़ाने की संभावना नहीं है। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने अपने बयान में कहा, "रिजर्व बैंक महंगाई दरों पर नजर टिकाए रखेगा और जनवरी 2015 तक उपभोक्ता महंगाई दर को आठ फीसदी तक लाने तथा जनवरी 2016 तक छह फीसदी तक लाने के लिए महंगाई कम करने के रास्ते पर चलता रहेगा।"
उन्होंने कहा, "2015 के शुरू में महंगाई दर करीब आठ फीसदी पर पहुंच सकती है, इसलिए यह जरूरी है कि महंगाई घटाने के रास्ते पर चलते रहा जाए।"रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को बिना किसी परिवर्तन के आठ फीसदी रखने का निर्णय लिया। इसी दर पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण मुहैया कराता है। रिवर्स रेपो दर को सात फीसदी पर बरकरार रखा। वाणिज्यिक बैंक अपनी अतिरिक्त राशि को अल्पावधि के लिए जिस दर पर रिजर्व बैंक में रखते हैं, उसे रिवर्स रेपो दर कहा जाता है।
नकद आरक्षी अनुपात (सीआरआर) भी चार फीसदी पर अपरिवर्तित रखा गया है। सीमांत स्थायी सुविधा दर और बैंक दर को भी नौ फीसदी पर यथावत रखा गया। सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में 0.5 फीसदी की कटौती करते हुए इसे 22.0 फीसदी रखा गया है, जो नौ अगस्त, 2014 से प्रभावी होगा। दरों को नहीं बदलने का मतलब है कि वाणिज्यिक बैंकों की ऋण और जमा दरों में भी बदलाव की संभावना नहीं है और इसलिए आवास, वाहन तथा अन्य ऋणों के लिए दिए जाने वाले मासिक किश्तों में भी बदलाव होने की संभावना नहीं है। बाजार के अधिकतर जानकारों का अनुमान था कि रिजर्व बैंक दरों में बदलाव नहीं करेगा।
राजन ने सितंबर 2013 में पदभार ग्रहण करने के बाद ब्याज दरें तीन बार बढ़ाई हैं।