कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी ने बीमा विधेयक पर 'दोहरा मानदंड'नहीं अपनाया है। राहुल ने संसद भवन में संवाददाताओं से कहा, "मैं समझता हूं कि बीमा विधेयक पर कांग्रेस ने दोहरा मानदंड नहीं अपनाया है।" राहुल ने प्रस्तावित विधेयक पर रुख में किसी बदलाव से भी इनकार किया।
बीमा विधेयक में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मौजूदा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रावधान है। इस विधेयक को राज्यसभा में पारित होना है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने विधेयक पर हालांकि अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है और सरकार द्वारा सोमवार को बुलाई गई बैठक अधूरी रही। सरकार को राज्यसभा में बहुमत नहीं है और 243 सदस्यीय उच्च सदन में उसके केवल 59 सदस्य ही हैं।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इस बीच कहा है कि उनकी पार्टी बीमा विधेयक में अड़चन डालने नहीं जा रही और कहा कि संसद की चयन समिति में इस कदम पर पहले चर्चा होनी चाहिए। पूर्व वाणिज्य मंत्री शर्मा ने मंगलवार को कहा, "सरकार ने जब एक अनौपचारिक बैठक के लिए बुलाया तो सोमवार को सभी विपक्षी दल एक साथ जुटे थे। हमने कोई रुकावट नहीं पैदा की।"
उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में सरकार को विपक्ष की सुननी चाहिए। संपूर्ण विपक्ष की। करीब सभी विपक्षी दलों के पास कुछ मुद्दे हैं। सरकार के लिए सबसे बेहतर यही है उसपर चर्चा कराए और चर्चा सदन की समिति में हो।" शर्मा ने उल्लेख किया कि कांग्रेस ने 2008 में विधेयक पेश किया था। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर छह वर्षो तक इसे लटकाए रखने का आरोप लगाया।
बीमा विधेयक में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मौजूदा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रावधान है। इस विधेयक को राज्यसभा में पारित होना है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने विधेयक पर हालांकि अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है और सरकार द्वारा सोमवार को बुलाई गई बैठक अधूरी रही। सरकार को राज्यसभा में बहुमत नहीं है और 243 सदस्यीय उच्च सदन में उसके केवल 59 सदस्य ही हैं।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इस बीच कहा है कि उनकी पार्टी बीमा विधेयक में अड़चन डालने नहीं जा रही और कहा कि संसद की चयन समिति में इस कदम पर पहले चर्चा होनी चाहिए। पूर्व वाणिज्य मंत्री शर्मा ने मंगलवार को कहा, "सरकार ने जब एक अनौपचारिक बैठक के लिए बुलाया तो सोमवार को सभी विपक्षी दल एक साथ जुटे थे। हमने कोई रुकावट नहीं पैदा की।"
उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में सरकार को विपक्ष की सुननी चाहिए। संपूर्ण विपक्ष की। करीब सभी विपक्षी दलों के पास कुछ मुद्दे हैं। सरकार के लिए सबसे बेहतर यही है उसपर चर्चा कराए और चर्चा सदन की समिति में हो।" शर्मा ने उल्लेख किया कि कांग्रेस ने 2008 में विधेयक पेश किया था। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर छह वर्षो तक इसे लटकाए रखने का आरोप लगाया।