तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इशारे-इशारे में सांप्रदायिक होने का आरोप लगाते हुए नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा करने का मुद्दा उठाया और दावा किया कि उन्होंने ईद की बधाई नहीं दी थी। सरकार ने तुरंत ही इसका खंडन किया और कहा कि प्रधानमंत्री की बधाई पूरे देश में प्रसारित हुई थी। कोलकाता उत्तरी से तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने लोकसभा में मंगलवार को मुद्दा उठाते हुए कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल में पूजा-अर्चना करने के लिए सराहना करते हैं लेकिन उनसे दूसरे समुदाय के त्योहार ईद पर शुभकामना की अपेक्षा भी रखते हैं।
सत्ताधारी पक्ष से विरोध के सुरों के बीच संसदीय कार्यमंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा, "प्रधानमंत्री ने ईद की बधाई दी थी जो बड़े पैमाने पर प्रसारित हुआ। सरकार सभी धर्मो की एकता में विश्वास करती है।"कांग्रेस पार्टी जवाब से संतुष्ट नहीं थी और पार्टी सदस्य अधीर रंजन चौधरी इस मुद्दे पर बोलना चाह रहे थे। जब अध्यक्ष ने उन्हें अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी तो विपक्षी सदस्य अध्यक्ष की आसंदी तक चले गए और सदन की कार्यवाही 12:30 तक स्थगित कर दी गई।
जब सदन 12:30 दोबारा बहाल हुआ तो स्थिति जस की तस थी और चौधरी को बोलने की इजाजत दी गई। चौधरी ने कुछ ऐसी टिप्पणी की जिसे अध्यक्ष ने व्यक्तिगत टिप्पणी मानते हुए उन्हें फिर बोलने से रोक दिया। इस बिंदु पर सपा और कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के समीप जमा हो गए और नारे लगाने लगे। इसके बाद सदन की कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
मोदी ने सोमवार को पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा की और बाद में कहा कि यहां पूजा कर वे खुद को 'अत्यंत भाग्यशाली'समझते हैं। प्रधानमंत्री ने मंदिर परिसर में एक धर्मशाला बनवाने के लिए 25 करोड़ रुपये का दान दिया और 2500 किलोग्राम चंदन भी चढ़ाया।