दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र के अधिग्रहण मामले में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और उनके बेटे व पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी तथा अन्य के खिलाफ सुनवाई की अगली तरीख 28 अगस्त तय की है। महानगर दंडाधिकारी गोमती मनोचा ने राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के पूर्व अध्यक्ष सैम पित्रोदा को सम्मन नहीं भेजे की सूचना मिलने पर उन्हें नए सिरे से सम्मन भेजा। निचली अदालत ने यह जानने के बाद सुनवाई की नई तारीख तय की कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को सोनिया, राहुल और अन्य के खिलाफ उसकी ओर से जारी सम्मन पर रोक लगा दी है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश पर 13 अगस्त तक के लिए रोक लगा दी है। इस दिन न्यायालय में निचली अदालत के आदेश को कांग्रेस नेताओं द्वारा दी गई चुनौती पर सुनवाई होनी है। गांधी परिवार के अतिरिक्त कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोती लाला बोहरा, पारिवारिक मित्र सुमन दुबे और पूर्व मंत्री ऑस्कर फर्नाडीस ने सुनवाई न कराए जाने की मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की ओर से नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) द्वारा अधिग्रहण के दौरान धोखाधड़ी करने की शिकायत करने पर निचली अदालत ने 26 जून को कांग्रेस के नेताओं को सम्मन जारी कर सात अगस्त को पेश होने के लिए कहा था। वाईआईएल में सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी साझीदारी है।
कांग्रेस नेताओं ने अपनी याचिका में कहा है कि स्वामी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं और मौजूदा कानूनी कदम राजनीतिक उद्देश्य से उठाया गया है। निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि ऐसा लग रहा है कि सार्वजनिक पैसे के निजी इस्तेमाल और एजेओएल के 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर नियंत्रण रखने के लिए वाईआईएल का गठन दिखावे के लिए किया गया। स्वामी का आरोप है कि एजेएल को कांग्रेस से 90.35 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण मिला था और पार्टी ने वाईआईएल को 50 लाख रुपये कर्ज के रूप में स्थानांतरित किए थे।