कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को संविधान और लोकतंत्र की दुहाई देते हुए प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किए जाने को लेकर कांग्रेस के भीतर चल रहे मंथन पर विराम लगाया और अगले आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए महिला एवं युवा मतदाताओं को आकर्षित करने का भरपूर प्रयास भी किया। राहुल ने कहा कि लोकतंत्र में प्रधानमंत्री का चुनाव सांसद करते हैं और यही भारत के संविधान में वर्णित है। महिला मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए राहुल ने जहां एक तरफ उन्हें 50 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की उनकी लड़ाई लड़ने का वादा किया, वहीं रसोई गैस की किल्लत का सामना कर रही गृहणियों की दबी आवाज को शक्ल देते हुए सरकार से प्रतिवर्ष प्रति परिवार 9 की जगह 12 रियायती सिलेंडर मुहैया कराने की अपील की।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की यहां तालकटोरा स्टेडियम में हुई बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, "यदि आप भारत के संविधान को पढ़ें तो उसमें यह लिखा हुआ है कि प्रधानमंत्री का चुनाव संसद के सदस्यों द्वारा किया जाएगा। हम एक लोकतांत्रिक पार्टी हैं और लोकतांत्रिक फैसले लेते हैं।"मोदी पर निशाना साधते हुए, लेकिन उनका नाम लिए बगैर राहुल ने कहा कि उनकी पार्टी 'लोकतांत्रिक ढांचे में भरोसा नहीं करती और एक आदमी के हाथों में सब कुछ सौंप रही है।'
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में स्पष्ट कह दिया है कि आम चुनाव के बाद विजयी पार्टी के निर्वाचित सांसद प्रधानमंत्री का चुनाव करेंगे। महिलाओं को आकर्षित करते हुए राहुल ने कहा, "मैं अपने सामने पांच-छह महिलाओं को देख रहा हूं लेकिन वह दिन देखना चाहता हूं जब आधा सभागार उनसे भरा हुआ रहे।"राहुल की इस बात का श्रोताओं ने करतल ध्वनि से समर्थन किया। उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं कि संसद और पार्टी कार्यकताओं में आधी महिलाएं हों। हम आपकी (महिलाओं की) लड़ाई लड़ेंगे। आपकी प्रगति में मदद करेंगे, आपको आधिकारिक बनाएंगे और आपको सम्मान देंगे।"
महिलाओं को ही लक्षित कर राहुल सरकार से रसोई गैस सिलेंडरों (एलपीजी) का कोटा बढ़ाकर प्रति परिवार प्रति वर्ष 12 सिलेंडर किए जाने की भी अपील की। उन्होंने कहा, "हमें 12 सिलेंडरों की जरूरत है। नौ सिलेंडर पर्याप्त नहीं हैं। भारत के लोग और महिलाएं 12 सिलेंडरों की मांग कर रही हैं।"युवा और परिवर्तन में विश्वास रखने वाले युवाओं को ध्यान में रखते हुए राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि देश में 'बदलाव'शुरू हो गया है और पार्टी के लिए आम लोगों की 'उम्मीदों'का ध्यान रखना जरूरी है। आम लोग 'स्वच्छ काम'चाहते हैं। उन्होंने ने कहा, "अगला चुनाव अन्य चुनावों की तरह का नहीं होने जा रहा। यह भारत के लिए नया मोड़ साबित होगा और कोई भी समझौता करना नहीं चाहता।"
राहुल ने आगे कहा, "हर कोई भागीदारी और साफ सुथरा काम चाहता है। यह एक सच्चाई है। हमारे गिर्द जो बदलाव शुरू हो गया है उसे थामना नामुमकिन है।"उन्होंने कहा, "एक राजनीतिक दल के रूप में हमारे लिए इसका क्या अर्थ है? इसका मतलब बदलाव का प्रत्युत्तर है जिसके लिए केवल कांग्रेस सक्षम है। हमें लोकतांत्रिक संस्थाओं के क्षरण और साल दर साल रुकावट भरे संसदीय सत्रों के जरिए प्रत्युत्तर नहीं देना।"उन्होंने आगे कहा, "लोगों को एक दूसरे के खिलाफ लड़ाकर नहीं, सांप्रदायिक घृणा की आग जलाकर नहीं, किसी एक आदमी के हाथ में लोकतंत्र का ढांचा सौंपकर नहीं, हमें उन मूल्यों की आत्मा से प्रत्युत्तर देना है जिस पर राष्ट्र निर्मित है।"विपक्ष पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि विपक्ष के पास 'बेचने का अद्भुत'कौशल है।
कार्यकर्ताओं की वाहवाही के बीच उन्होंने कहा, "वे बेहतर तरीके से बेच लेते हैं। उनके पास चमक, दमक, गीत, नृत्य सबकुछ है। वे ऐसे हैं जैसे कोई गंजे को कंघी बेच आए।"आम आदमी पार्टी (आप) को ध्यान में रखते हुए राहुल ने कहा, "और नए लोग भी आ गए हैं जो गंजों को केशसज्जा मुहैया करा रहे हैं।"भ्रष्टाचार के कारण हुई पार्टी की किरकरी पर डेमेज कंट्रोल के तहत राहुल कहा कि छह भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक अगले तीन महीनों में संसद से पारित होना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम देश को भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक देना चाहते हैं जिससे देश में बदलाव आएगा। भ्रष्ट दंडित होंगे और ईमानदारों को संरक्षण मिलेगा।"उन्होंने कहा, "छह भ्रष्टाचार रोधी विधेयक अगले तीन महीनों के दौरान संसद से पारित होने चाहिए।"