- रूचि कुमारी की हत्या के आलोक में आगे की कार्रवाई करने में पुलिस की रूचि नहीं
पटना। प्रत्येक साल रक्षा बंधन के दिन रूचि कुमारी भाई की कलाई पर प्यार और रक्षा की बंधन बांधती थीं। मगर इस साल ऐसा नहीं हो सका। विवाहित रूचि कुमारी के ससुराल वालों ने 25 जुलाई,2014 को हत्या कर दी है। वहीं बिहटा थाना के थानाध्यक्ष और पुलिसकर्मी कर्तव्य निभा नहीं रहे रहे हैं। एफ.आई.आर.दर्ज नहीं करतेे हैं। एफ.आई.आर. दर्ज करवाने के लिए एसएसपी के समक्ष गुहार लगाना पड़ता है। तब जाकर एफ.आई.आर.दर्ज हो पाता है। इसके बाद आगे की कार्रवाई करने में रूचि नहीं दिखाते हैं।
बिहटा थाने में आकर लोगों के द्वारा पुलिसकर्मियों के समक्ष चिरौली करना पड़ता है!ः पटना जिले में है बिहटा थाना । एक महिला तीन दिनों से ससुराल वालों द्वारा अपनी बेटी की हत्या का एफ० आई० आर० दर्ज करवाने के लिए थानाध्यक्ष से विनती कर रही थी । उसी महिला ने पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक को फ़ोन पर सुचना दी कि मेरी बेटी की हत्या का एफ० आई० आर० दर्ज नहीं हुआ है। उसी समय एक दुसरे की बेटी की हत्या हो गयी । जिसपर वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना ने उस महिला से पूछा जो दूसरी हत्या हुई है उसके परिजन वहाँ मौजूद हैं की नहीं, इसपर उस महिला ने कहा की वह यहीं मौजूद है तब वरीय पुलिस अधीक्षक ने हमलोगों से बात की और बिहटा थाना प्रभारी को अविलम्ब करवाई करने का आदेश दिया । इस आदेश के बाद हमलोगों का एफ० आई० आर० दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गयी ।
एक बार नहीं चार बार एफ.आई.आर. फाड़ दिया गयाः वरीय आरक्षी अधीक्षक को फोन करने के बाद लिखित एफ़० आई० आर० थानाध्यक्ष को दिया गया। उन्होंने एक बार नहीं चार बार यह कह कर आवेदन पत्र फाड़ दिया कि एफ० आई० आर० में इतने लोगों का नाम नहीं होता है, उसके बाद हमलोगों ने दुबारा वरीय पुलिस अधीक्षक को फ़ोन लगाना चाहा जिससे डर कर बिहटा थाना प्रभारी ने हमलोगों का एफ़० आई० आर० दर्ज किया । दस दिन बीत जाने के बाद भी बिहटा थाना ने मुख्य आरोपियों को पकड़ने में नाकाम दिखी । आरोपियों में से एक सचिवालय कर्मी है जो गिरफ़्तारी के आदेश के वावजूद सचिवालय कार्यालय में नियमित रूप से उपस्थित हैं लेकिन पुलिस उसे भी आज तक गिरफ्तार नहीं कर पायी है ।
जब आई.ओ. ने हमलोगों से फोर व्हीलर लेकर आने को कहा: सभी आरोपियों के पटना में निश्चित स्थान पर छुपे रहने की जानकारी केस के आई० ओ० को दी जिसपर आई० ओ० ने हमलोगों से फोर व्हीलर लेकर आने को कहा । बिहटा थाना 07 अगस्त 2014 को आरोपियों के घर छापामारी और गिरफ़्तारी के उद्धेश्य से गयी लेकिन वहाँ पर मौजूद पिंटू मुखिया ने बिहटा थाना को कानूनी करवाई करने से रोका जिस कारण बिहटा थाना पटना केस नंबर-516/14 का एक आरोपी अनीता देवी भागने में सफल रही । पूरी घटनाक्रम से यह स्पष्ट प्रतीत होता है की बिहटा थाना आरोपियों के उपद्रवी और प्रभावी समर्थकों की वजह से केस को सही अंजाम तक ले जाने में सक्षम नहीं है । यह भी स्पष्ट होता है की मेरा मामला एकलौता नहीं है इस थाना क्षेत्र में और भी ऐसे पीडि़त हैं जिसके पक्ष में बिहटा पुलिस सही कारवाई करने में सक्षम नहीं है । श्रीमान से अनुरोध है कि आरोपियों की गिरफ़्तारी और उनके घरों की कुर्की-जब्ती के लिए बिहटा थाना की कमान आर्मी को सौंप दी जाए और बिहटा थाना पटना केस नंबर-516/14 की जांच सी० बी० आई० से और केस की सुनवाई फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में कराई जाए ताकि लोगों का भरोसा कानून में कायम रह सके।
आलोक कुमार/प्रभाष चन्द्रा
बिहार