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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (10 अगस्त)

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ब्रह्मकुमारियों ने राज्यपाल को बांधी राखी 

Brahmkumari ties a rakhi on the wrist of Governor Aziz Qureshi
देहरादून,10 अगस्त,(निस)। रक्षाबंधन के त्यौहार के अवसर पर आज राजभवन में उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा0 अजीज कुरैशी को प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, की ब्रह्मकुमारी बहन मंजू, बहन मीनू, ब्रह्म कुमार रमेश तथा ब्रह्म कुमार राकेश सहित अनेक लोगो नेे राखी बांधी। घनसाली के विधायक भीमलाल आर्य के नेतृत्व में उत्तरकाशी के आपदा पीडि़त क्षेत्र के प्रतिनिधिमण्डल ने भी राज्यपाल को राखी बांधी और उत्तरकाशी क्षेत्र के उन सभी आपदा पीडि़तो की ओर से राज्यपाल का आभार व्यक्त किया जहाँ विगत वर्ष की आपदा के बाद राज्यपाल ने क्षेत्र भ्रमण किया था और उनकी समस्याओं का मौके पर ही निराकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की थी। इस प्रतिनिधि मण्डल में प्रदीप भट् और प्रताप पोखरियाल शामिल थे। भाई-बहन के प्रेम व पारिवारिक सम्बन्धों को सुदृढ़ता देने के साथ-साथ समाज में परस्पर विश्वास, स्नेह तथा सौहार्द की भावनाओं को भी मजबूत करने वाले इस पर्व के अवसर पर राज्य के सभी नागरिकों को बधाई देते हुए राज्यपाल ने हुमायूॅ तथा कर्मावती का उल्लेख किया। उन्होनें कहा कि प्रेम, विश्वास तथा सम्मान का प्रतीक पर्व ’’रक्षा बंधन’’ की पवित्रता का इतिहास भी गवाह है। उन्होनें कहा ‘‘यह त्यौहार धर्म, जाति,सम्प्रदाय, अमीर-गरीब के बीच कोई भेद-भाव नही करता। एक बार किसी से भी अपने हाथ में रक्षा सूत्र बधंवाने का मतलब है जिंदगी भर उसके मान-सम्मान की रक्षा के लिए वचन-बद्ध होना, यही भावना समाज में आपसी प्रेम, सहयोग व सौहार्द को बढाती है हम सबको इस भावना का आदर करते हुए इस पर्व में निहित पवित्रता को सुरक्षित रखने का संकल्प लेना होगा।‘‘

18 अगस्त को गलांती में होगी जनमोर्चा की जनपंचायत, सीएम की विधानसभा में पहले आन्दोलन की घोषणा

देहरादून,10 अगस्त,(निस)। उत्तराखंड जनमोर्चा ने सीएम की विधानसभा धारचूला में बिजली की समस्या को लेकर पहले आन्दोलन की घोषणा कर दी। मोर्चा ने कहा कि 18 अगस्त को धारचूला तहसील के गलांती में जनपंचायत लगायी जायेगी। सीएम की विधानसभा में आन्दोलन का ऐलान करने वाली जनमोर्चा पहला संगठन बन गया है। मोर्चा ने कहा कि सोमवार को जिलाधिकारी को आन्दोलन का नोटिस थमाया जायेगा। वीआईपी विधानसभा बनने के बाद भी अधिकारी और कर्मचारियों के कार्यव्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया है। सीएम देहरादून में बैठकर केवल बकवास कर रहे हैं। जनमोर्चा के संयोजक जगत मर्तोलिया ने बताया कि आपदा के बाद गलांती ग्राम पंचायत के विद्युतीकृत तोकों की बिजली व्यवस्था चरमरा गयी थी। जलविद्युत निगम के कंच्योती परियोजना के आपदा में बह जाने के बाद इस क्षेत्र को हाट स्थित 33केवी सब स्टेषन से जोड़ने की मांग की जा रही है। वर्तमान में गलांती क्षेत्र को रांथी लाइन से जोड़ा गया है। आपदा के बाद इस इलाके में कभी भी एक सप्ताह तक बिजली के दर्षन नहीं हुए हैं। इन दिनों दस दिनों से गलांती के इलाके में अंधकार छाया हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की विधानसभा बन जाने के बाद जनमोर्चा लगातार धारचूला के अवर अभियंता से लेकर विद्युत कारपोेरेशन के एमडी तक पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी की ओर से इस बिजली लाइन के निर्माण के लिये पहल नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देहरादून से नौकरशाहों को सुधरने की हिदायत दे रहे हैं। नसीहत की जगह मुख्यमंत्री को धरातल में आकर कार्य करना चाहिए। मुख्यमंत्री जान लें कि उनकी विधानसभा में ही जनता की समस्याओं से किसी भी नौकरशाह का कोई लेना देना नहीं रह गया है। शिकायतों पर कार्यवाही तो रही, गौर तक नहीं फरमाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोमवार को जिलाधिकारी को आन्दोलन का नोटिस देते हुए 18 अगस्त तक कार्यवाही करने का अल्टीमेटम थमाया जायेगा। उन्होंने कहा कि 18 अगस्त को ग्राम पंचायत गलाती के पंचायतघर में जनपंचायत लगायी जायेगी। जिसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण षिरकत करेंगे। 

वन्य जीव कर रहे फसलें बर्बाद

देहरादून,10 अगस्त,(निस)। जंगली सुअर और बंदर किसानों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। खेतों में रोपी गई धान की पौध के अलावा मडुवा, मक्का, बाजरा, गहत, उड़द, गडेरी और सब्जी इन वन्यजीवों ने बर्बाद कर दी है। जानकारी के अनुसार सोमेश्वर, लोद घाटी, मनसारीनाला, मनान, चनौदा आदि इलाकों में काश्तकार खेती पर निर्भर है। कुछ दिन पूर्व काश्तकारों ने खेतों में धान की रोपाई की थी। सुअरों के झुंड रात में आकर खेत खोद दिए हैं। इससे काश्तकारों की आजीविका पर संकट आ गया है। अर्जुनराठ के शिवेंद्र बोरा का कहना है कि सुअर खेती को तेजी से नुकसान पहुंचा रहे है, लेकिन इसके एवज में मुआवजा नाममात्र का मिलता है। यदि सरकार काश्तकारों की हितैषी है तो मुआवजे की राशि बढ़ाई जानी चाहिए। साथ ही सूअरों से छुटकारा दिलाने को योजना बनाए। पल्यूड़ा गांव निवासी शंकर गोस्वामी का कहना है सूअर और बंदर के भय से कई किसानों ने फसल की बुवाई छोड़ दी है। भानाराठ के पूर्व प्रधान राजेंद्र बोरा कहते हैं कि सुअरों को मारने के लिए हर गांव में एक व्यक्ति को बंदूक का लाइसेंस सरकार को देना चाहिए। मालागांव के दिनेश जोशी का कहना है कि जिन काश्तकारों को नुकसान हुआ है उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।

भारत-नेपाल सीमा पर अलर्ट

देहरादून,10 अगस्त,(निस)। स्वतंत्रता दिवस पर भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट रहेगा। सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों को नेपाल सीमा के साथ ही चंपावत के प्रवेश द्वार जगबूृड़ा पुल, धनुष पुल और सेनापानी जंगल में भी गश्त बढ़ाने और सघन चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं। स्वतंत्रता दिवस की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया विभागों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। एसएसबी के कमांडेंट केसी राणा ने बताया कि एसएसबी जवानों को सीमा पर सघन चेकिंग और नियमित पेट्रोलिंग करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि अनजान व्यक्तियों, आईएसआई की गतिविधियों से खास सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। सीओ पीएस पांगती ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर बार्डर में हाई अलर्ट रहेगा। अभी से ही सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। नेपाल से आने वालों पर कड़ी नजर रहेगी। होटलों, खुफिया रास्तों, धार्मिक स्थलों और राष्ट्रीय संपत्तियों पर पुलिस की विशेष नजर रहेगी। सीआईएसएफ के एसी बीएस डौंगों ने बताया कि सुरक्षा के तहत एनएचपीसी में भी विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाएगा।

भूकटाव रोकने को नहीं किये गये कोई उपाय

देहरादून,10 अगस्त,(निस)। इस तहसील के जाखधौलेत ग्राम पंचायत के ओड़गांव तोक में रहने वाले एक दर्जन से अधिक परिवार हर बारिश के सीजन में गांव छोड़कर डीडीहाट और अन्य स्थानों पर अपने रिश्तेदारों के यहां रहने को आ जाते हैं। 2007 में यह गांव भूकटाव के कारण खतरे में आ गया था। तब से न तो गांव के लोगों का पुनर्वास हुआ और न भूकटाव रोकने के लिए कदम उठाए गए। ओड़गांव में गरीब परिवारों के लोग रहते हैं। 2007 में गांव के पीछे की पहाड़ी में भूकटाव हो गया और पूरा गांव खतरे की जद में आ गया। तब प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि गांव के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा। सात वर्ष बीतने के बावजूद पुनर्वास की कोई कार्यवाही नहीं हुई है। गांव की सामाजिक कार्यकर्ता भागीरथी देवी का कहना है कि गांव को जाने वाले रास्ते दबते जा रहे हैं। गांव के लोगों को जून में बारिश शुरू होते ही अपने परिवारों को डीडीहाट शिफ्ट करना पड़ता है। यह प्रक्रिया कब तक चलती रहेगी कहा नहीं जा सकता। तहसीलदार पीसी पंत का कहना है कि ओड़गांव को पुनर्वास करने का प्रस्ताव शासन को पूर्व में भेजा जा चुका है। शासन से स्वीकृति मिलते ही ओड़गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। गांव केे लोगों का कहना है कि इस तरह के आश्वासन कई वर्षों से मिल रहे हैं, लेकिन लोगों की समस्या हल नहीं हुई। लोग चाहते हैं कि समस्या हल होनी चाहिए।

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