अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इराक और सीरिया में बढ़ते इस्लामिक आतंकवाद के लिए राष्ट्रपति बराक ओबामा की दोषपूर्ण विदेश नीति को जिम्मेदार ठहराया है। मासिक पत्रिका 'अटलांटिक'को दिए साक्षात्कार में हिलेरी ने सीरिया संकट के प्रथम चरण के दौरान उससे अलग रहने के ओबामा के फैसले के कारण सामने आई विफलता के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया, जब सीरिया में विपक्षी राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार गिराने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "सीरिया में विपक्ष की सहायता करने में नाकाम रहने का नतीजा यह हुआ कि वहां लड़कों का समूह तैयार हो गया, जो शुरुआत में असद सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोग थे। इनमें इस्लामिक और धर्मनिरपेक्ष, दोनों तरह के लोग थे। लेकिन हम उनकी मदद करने में नाकाम रहे। इस असफलता ने एक खालीपन ला दिया, जिसे जिहादियों ने भरा है।"
ओबामा के पहले कार्यकाल के दौरान विदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुकीं हिलेरी के बारे में माना जा रहा है कि वह दोबारा राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हो सकती हैं और वह ओबामा से दूरी बनाने की कोशिश कर रही हैं, जिनकी विदेश नीति इन दिनों आलोचनाओं का सामना कर रही है।
अमेरिका के सैनिकों व ड्रोन ने उत्तरी इराक में लगातार तीन दिन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के खिलाफ लक्षित हमले किए हैं। हिलेरी ने कुछ रिपब्लिकन सांसदों के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि ओबामा के पास इस्लामिक आतंकवादियों के खतरे का सामना करने की रणनीति नहीं है।