मछलियों में होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए देश का पहला अस्पताल पश्चिम बंगाल में बनेगा। इसका निर्माण कार्य वर्ष 2015 के मध्य तक पूरा हो जाने की संभावना है। पश्चिम बंगाल विश्ववालय में वन्यजीव एवं मत्स्य विज्ञान विभाग में मत्स्य अणुजीववैज्ञानिक टी.जे. अब्राहम ने बुधवार को बताया कि प्रभावित मछलियों के लिए पानी की 25 टंकियों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जो पूरा होने वाला है। उन्होंने कहा, "यह देश में इस तरह का पहला अस्पताल होगा।"
इसके लिए अनुदान भारतीय कृषि शोध परिषद ने दिया है। इस परियोजना का उद्देश्य पश्चिम बंगाल में प्रबंधन को बेहतर बनाते हुए मछलियों का उत्पादन बढ़ाना है। राज्य में इस वक्त प्रतिवर्ष 15 लाख टन मछली का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा, "खराब प्रबंधन के कारण 20 प्रतिशत से अधिक मछलियों का उत्पादन प्रभावित होता है, जिसके कारण वे कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त हो जाती हैं।"
अब्राहम के अनुसार, इस अस्पताल का एक अन्य उद्देश्य मछलियों में होने वाली बीमारियों का डेटाबेस तैयार करना भी है। उन्होंने कहा, "हम पिछले दो साल से मछलियों में होने वाली बीमारी पर काम कर रहे हैं। हमें इससे मछलियों में होने वाली बीमारियों को रोकने में मदद मिलेगी।"