भारतीय मूल के दो गणितज्ञों ने गणित के क्षेत्र में प्रतिष्ठित विश्वस्तरीय पुरस्कार जीते हैं। इनमें से एक को गणित का नोबेल पुरस्कार कहे जाने वाले 'फील्ड्स मेडल'से सम्मानित किया गया। फील्ड्स इंस्टिट्यूट फॉर रिसर्च इन मैथमैटिकल साइंस ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि सियोल में इंटरनैशनल मैथमैटिकल यूनियन (आईएमयू) की मेजबानी में इंटरनैशनल कांग्रेस ऑफ मैथमैटिशियन 2014 के दौरान प्रिंसटन युनिवर्सिटी में गणित के प्रोफेसर मंजुल भार्गव को बुधवार को फील्ड मेडल से सम्मानित किया गया।
इसी कार्यक्रम में एक और गणितज्ञ सुभाष खोत ने रॉल्फ नेवानलिना पुरस्कार (आईएमयू द्वारा प्रदत्त) जीता। उन्हें यह पुरस्कार यूनिक गेम्स प्रॉब्लम की भविष्यदर्शी परिभाषा और इसकी जटिलता का समाधान करने के लिए दिया गया है।
साल 1974 में कनाडा में जन्मे भार्गव को ज्यामिति की संख्या के लिए नए तरीके विकसित करने के लिए फील्ड मेडल दिया गया। फील्ड मेडल के तीन अन्य विजेताओं में मरियम मिर्जाखानी (इस पुरस्कार को जीतने वाली पहली ईरानी व पहली महिला), अरतर एविला (पहले ब्राजीलियाई) और मार्टिन हेयरर (पहले ऑस्ट्रियन) हैं। उत्कृष्ट गणितीय उपलब्धियों को पहचान देने के उद्देश्य से आईसीएम द्वारा हर वर्ष फील्ड मेडल दिया जाता है।
वहीं रॉल्फ नेवानलिना पुरस्कार चार सालों के अंतराल पर इंटरनैशनल कांग्रेस ऑफ मैथमैटिक्स के दौरान गणित में शानदार उपलब्धि के लिए दिया जाता है। फील्ड मेडल 1936 में, जबकि रॉल्फ नेवानलिना पुरस्कार की शुरुआत 1982 में हुई थी।