वर्षा के पानी के साथ स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा शहर
नरकटियागंज(अवधेश कुमार शर्मा) देेश 48वें स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी में जुट गया है। इसी क्रम में नरकटियागंज के सभी सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयांे, स्कूलों, काॅलेजों समेत विभिन्न संस्थानों में 15 अगस्त को झण्डोŸाोलन की तैयारी जारी है। नरकटियागंज शहर के लबालब भरी सड़कों के बावजूद सामान्य लोगों के अलावे अधिकारी और कर्मचारी सामग्री की खरीद में मशगूल रहे। सबसे ज्यादा भी हलवाई की दूकान और मिठाई की दूकान पर देखी गयी जहाँ स्वतंत्रता दिवस पर बच्चों व अन्य लोगों के बीच वितरीत किये जाने वाले मिठाई का अग्रीम आदेश दिया गया। दिनभर मूसलाधार वारिश होती रही और विभिन्न कार्यालयांे के कर्मी व अधिकारी कभी पैदल तो कभी गाडि़यों से दौड़ लगाते रहे। इस बार नरकटियागंज में विधानसभा उपचुनाव हो रहा है, इसलिए स्वतंत्रता दिवस पर किस पार्टी के कार्यालय में झण्डोŸाोलन पर कितना खर्च किया जा रहा है यह सबकी नजर में होगा। सभी लोगो को इस बात की अपेक्षा है कि सर्वाधिक अच्छी व्यवस्था कौन कर रहा है और अच्छी मिठाइयाँ कौन बाँटेगा।
जलजमाव से शहर की सूरत बिगाड़ी, लोग बदहाल
नरकटियागंज(पच) तीन दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार वर्षा ने किसानों की खुशी को जहाँ बढा दिया है वही शहरी जनजीवन को अस्त व्यस्त कर रख दिया है। मुख्य शहर के वार्ड नम्बर 20, 21, 22, 23 ,01, 02, 03, 04, 05, 06, 07, 08, 09, 11, 12 वार्ड 13 के कुछ हिस्से, वार्ड नम्बर 14,15,16,24,25 समेत जानकी राम चैराहा, भगवती सिनेमा रोड, पोखरा चैक पर तालाब सा नजारा है दूसरी ओर प्रमुख धार्मिक स्थल देवी स्थान के सामने एक विशाल तालाब सा दिखाई देने लगा है। मुख्य बाजार के निवासी व व्यवसायी अजीत सर्राफ और रवीन्द्र सर्राफ का कहना है कि मंगलवार की रात्री हुई वर्षा ने शहर की सीवरेज व्यवस्था की कलई खोलकर रख दिया है। शहर में आधे अधूरे निर्माण कार्य ने एक करेला दूजा नीम चढा वाली कहावत को चरितार्थ कर दिया है। नाली और सड़के आमजन के घरों से उँची बना दी गयी है ताकि नाली और सड़क का पानी लोगों के घर में धुसे, यह सुविधा आम जनता को बिहार के एनडीए सरकार की देन है, जिसमें जद यु और भाजपा दोनो शामिल रहे। समाजिक न्याय के साथ विकास की बात करने वाली सरकार ने गरीबों के साथ मजाक ही तो कर रही है। गौरतलब है कि न्यायालय का स्पष्ट निर्देश है कि सड़क और नाला का निर्माण जनता की सुविधा के लिए होता है, इससे यदि किसी व्यक्ति व समाज को तकलीफ होती है तो ऐसे निर्माणकर्ता पर भारतीय संविधान के तहत कार्रवाई होगी। किन्तु नरकटियागंज में तो यह आम बात है डीपीआर के तहत मंगायी गयी राशि का इतना दुरूपयोग किया गया है कि आम आदमी के साथ खास भी परेशान हो गया है।