पर्यावरणविद् राजेन्द्र सिंह ने हल्दिया से इलाहाबाद तक गंगा में बैराज बनाने की केन्द्र की योजना का विरोध करते हुए सोमवार को चेताया कि यदि बैराज बनाए गए तो बिहार में बाढ़ की आशंका 80 गुना बढ़ जाएगी। पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए राजेन्द्र सिंह ने कहा कि इलाहाबाद से हल्दिया तक 16 बैराज बनाने की योजना निरस्त की जानी चाहिए। उनका मानना है कि बैराज के निर्माण से गंगा का प्रवाह रुक जाएगा तथा गंगा की जैव विविधता समाप्त हो जाएगी।
'जलपुरुष'के नाम से मशहूर राजेंद्र ने फरक्का बैराज से सीख लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि गंगा पर आश्रित लोगों की जीविका समाप्त हो गई। कम से कम फरक्का बैराज से लाभ और हानि की समीक्षा होनी चाहिए। पर्यावरणविदों का मानना है कि गंगा में छोटे-छोटे जहाजों का परिचालन हो न कि बड़े-बड़े जहाजों का। केन्द्र सरकार गंगा में 450 टन वाला जहाज चलाना चाहती है जबकि 100 टन वाला जहाज आसानी से चलाया जा सकता है।
राजेन्द्र सिंह ने बिहार के लिए नदी नीति बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बिहार सर्वाधिक नदियों वाला राज्य है। गंगा को अविरल और शुद्घ बनाने के लिए उन्होंने तीन बातों पर जोर दिया। उन्होंने गंगा नदी का पानी सीवर से अलग रखने की सलाह दी तथा गंगा का पानी गंगा में और शहर का पानी नहर में भेजे जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए नदी नीति भी बनाई जानी चाहिए जिससे नदियों की जमीन को राजस्व की जमीन से अलग किया जा सके।