गोवा की एक निचली अदालत ने देश की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाइयों के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करने का निर्देश जारी किया है। विदेशी खनन कंपनी वेदांता से पांच-पांच करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में पुलिस दोनों पार्टियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेगी। गोवा में खनन क्षेत्र में वेदांता रिसोर्स की उपस्थिति काफी मजबूत है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) द्वारा शुक्रवार शाम यह आदेश एक सरकारी कर्मचारी एवं आरटीआई कार्यकर्ता (सूचना का अधिकार) काशीनाथ शेत्ये की शिकायत पर जारी किया गया। शेत्ये ने अपनी याचिका में कहा था कि राजनीतिक पार्टियों ने ब्रिटिश कंपनी वेदांता रिसोर्स से रिश्वत लेकर गलत किया है।
आदेश के मुताबिक, "भारत निर्वाचन आयोग की नजर में भी यह मामला प्रथम दृष्टया जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 और विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम 1976, जिसे विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम 2010 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया, के उल्लंघन का है।"अदालत ने पुलिस को एक सप्ताह के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है।
शेत्ये ने अपनी याचिका में कहा है कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत परसेंकर और निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विनय तेंदुलकर एवं उत्तर गोवा के सांसद श्रीपद नायक ने सेसा गोवा सहित वेदांता समूह की सहायक कंपनियों से राज्य में उनके अवैध खनन कार्य को नियमित रखने के लिए रिश्वत ली थी।
शेत्ये ने शीर्ष कांग्रेस नेताओं जैसे दक्षिण गोवा के सांसद फ्रांसिसको सरडिन्हा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष शिरोडकर का भी नाम लिया है और कहा है कि पार्टी ने कंपनी से 2003-04 में पांच करोड़ की रिश्वत राज्य में अवैध खनन को जारी रखने के बदले ली थी।