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आलेख : कालीन उद्योग को लेकर गंभीर हुए मोदी

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  • आईआईसीटी को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने के लिए संकल्पित: सांसद 
  • प्रधानमंत्री की तरफ से पहले ही मिल चुकी है हरी झंडी 

varanasi handloom
गलीचों के शहर भदोही के विकास को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गंभीर हो गए है। खासकर प्रतिद्वंदी देशों के मुकाबले लगातार पिछड़ रहे कालीन उद्योग को उंचाईयों पर पहुंचाने के वास्ते, जैसा कि अपने चुनावी वादों में कहा था, को पुरा करने के लिए रोडमैप तैयार करने का संकेत इलाकाई सांसद वीरेन्द्र सिंह को आदेशित भी कर दिया है। इसकी जानकारी श्री सिंह ने कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान, भदोही का निरीक्षण व जायजा लेने के बाद दी। श्री सिंह ने बताया कि कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान को वह विश्व का एक अद्वितीय टेक्सटाईल प्रशिक्षण संस्थान बनाना चाहते है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उनकी न सिर्फ वार्ता हो चुकी है, बल्कि उन्होंने हामी भी भर दी है। 

श्री सिंह का मानना है इस संस्थान के विकसित होने से हर रोज डिजाइन से लेकर फिनिशिंग, मैन्युफैक्चरिंग आदि के क्षेत्र में लगातार हो रहे बदलाव के दौर में यह संस्थान काफी मायने रखता है। इसलिए इस संस्थान का विकास आज की जरुरत बन गयी है। कहा, इस संस्थान से नयी तकनीकी से परिपूर्ण छात्र डिग्री लेकर निकलेंगे तो कालीन निर्माण क्षेत्र में अपना बेहतर योगदासन दे सकते है। ऐसे में संस्थान को हर तरह की नयी तकनीकी से सुसज्जित कराने का उन्होंने निर्णय लिया है। अपने इस निर्णय को उन्होंने प्रधानमंत्री को देते हुए भदोही की अन्य विकास योजनाओं व उद्यमियों को सहूलियते दिलवाने की भी बात कहीं है। 

श्री सिंह ने बताया कि आज अंतराष्टीय प्रतिस्पर्धा में भदोही का कारपेट लागत व डिजाइन आदि के चलते पिछड़ रहा है। प्रतिद्वंदी देशों के मुकाबले भदोही की कालीनें विदेशी खरीदारों को महंगी पड़ रही है। ऐसे संस्थान की नयी-नयी तकनीकी इजाद व प्रशिक्षित छात्र अपनी करिश्माई ज्ञान से कालीन को न सिर्फ प्रतिद्वंदी देशों के मुकाबले क्वालिटी में सुधार ला सकते है, बल्कि लागत में भी कुछ नया कर सकते है। इन सारी चीजों को उन्होंने प्रधानमंत्री को विस्तार से बताया है। प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि संस्थान के विकास की रोडमैप तैयार कराकर उनके पास लाएं, हम कुछ न कुछ जरुर अच्छा करेंगे। क्योंकि कालीन उद्योग एक कुटीर उद्याग है और इससे लाखों लोग जुड़े है। इसके पूर्व सांसद वीरेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान संस्थान का भ्रमण किया। संस्थान के निदेशक डा के के गोस्वामी ने संस्थान में लगे आधुनिक उपकरणांे एवं मशीनो से उन्हें रूबरू कराया। संस्थान की अब तक उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया। श्री गोस्वामी द्वारा संस्थान की उपलब्ध्यिों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के सांसद ने संतोष व्यक्त किया। बता दें सांसद ने अपने कार्यकाल में केन्द्रीय कपड़ा मंत्री काशीराम राणा को लाएं थे और संस्थान को बजट भी दिलवाया था। उसके बाद से संस्थान लगातार प्रगति कर रहा है। इस दौरान संासद ने संस्थान में अध्ययनरत बीटेक के छात्र-छात्राओं एवं अन्य प्रशिक्षु (डाईन्ग, कम्प्यूटर, डिजाईन) आदि के अलावा संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बुनकरो से भी मिलकर बातचीन की। उनके प्रशिक्षण एवं भविष्य के बारे में जानकारी ली। संस्थान के निरीक्षण करने के पश्चात उन्होने संस्थान के निदेशक एवं वरिष्ठ अध्यापक एवं अधिकारियों से बैठकर संस्थान को और अधिक उचाई तक पहुचाने की योजना पर मंथन किया। सांसद ने कहा, कालीन पशिक्षण केद्र मे आकर यहाॅ का कार्य देखकर मैं अभिभूत हॅू। मैने अपने संसदीय जीवन के पिछले कार्यकाल में यहाॅं के विकास के लिए प्रयास किया था उसे देखकर मुझे बहुत ही गर्व महसूस हो रहा है कि मैने एक सांसद के नाते बहुत ही उत्तम कार्य कर सका। सांसद के साथ संतोषजी एवं शैलेन्द्र दूबे आदि मौजूद थे। 



(सुरेश गांधी)

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