अलगाववादी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के नेता यासिन मलिक का कहना है कि देश के पूर्व प्रधानंत्री मनमोहन सिंह आतंकवादियों से मिलना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने उनसे मदद मांगी थी। मलिक ने एक टीवी पर शो में कहा कि मनमोहन सिंह ने वर्ष 2006 में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों से संपर्क के लिए उनसे मदद मांगी थी।
मलिक के मुताबिक, भारत-पाकिस्तान शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने के मद्देनजर मनमोहन आतंकवादी नेतृत्व से संपर्क के इच्छुक थे। मलिक ने कहा, "वर्ष 2006 में मेरी मनमोहन सिंह से मुलाकात हुई थी। इस दौरान मैंने उनसे शांति प्रक्रिया में आतंकवादियों को भी शामिल करने के लिए कहा था। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा था उन्हें इस संबंध में हमारी मदद की जरूरत है।"
हालांकि जेकेएलएफ नेता ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि मनमोहन सिंह की कथित इच्छा के मद्देनजर उन्होंने आतंकवादियों से संपर्क साधा या नहीं। जम्मू एवं कश्मीर पर जेकेएलएफ की नीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "कश्मीर को भारत अपना अभिन्न हिस्सा और सिर का ताज मानता है, जबकि पाकिस्तान इसे कंठ की नस मानता है।"उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी की यही राय है कि इसका भविष्य कश्मीरी नागरिक लोकतांत्रिक तरीके से तय करें। हमारी राजनीतिक भावना यही है कि हम आजादी चाहते हैं।"