सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में शनिवार को 10 लोगों को बरी कर दिया, जबकि राजस्व विभाग के 4 अधिकारियों समेत 23 अन्य को दोषी करार देते हुए 5 साल की कैद और 10 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
सीबीआई के जज बीके गौतम की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में डोरंडा कोषागार से सात करोड़, छह लाख रुपए की अवैध निकासी के जुर्म में 23 लोगों को दोषी करार दिया और 10 आरोपियों को बरी कर दिया। चारा घोटाले के इस मामले में जिन्हें सजा सुनाई गई है उनमें चार पशुपालन अधिकारी हैं और अन्य 19 चारा आपूर्तिकर्ता हैं।
इस मामले में कुल 52 के खिलाफ सीबीआई ने 17 मार्च, 1996 को एफआईआर दर्ज की थी। मामले की सुनवाई के दौरान 16 आरोपियों की मौत हो गई। वहीं एक ने अपराध स्वीकार कर लिया और दो अन्य अभी भी फरार चल रहे हैं। अदालत ने चारा आपूर्तिकर्ता त्रिपुरारी मोहन प्रसाद को सबसे अधिक 5 साल की कैद और 10 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई, जबकि ओमप्रकाश पांडेय को सबसे कम तीन वर्ष की कैद और पांच हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई।