एक ओर जहां योजना आयेाग को सरकार ने नए सिरे से संपादित करने का निर्णय ले लिया है वहीं पुराने कानूनों पर भी अब कैंची चल सकती है। मोदी सरकार पुराने जमाने के अनुपयोगी कानूनों को निरस्त करने जा रही है।
इस कदम के लिए प्रधानमंत्री ने एक कमेटी बनाई है, जो बेकार के कानूनों की पहचान करेगी। ये कमेटी तीन महीने में पुराने पड़ चुके कानूनों की पहचान करेगी। माना जा रहा है कि कमेटी के अध्यक्ष आर. रामानुजम होंगे।
कमेटी में पीएमओ के सचिव वी.के. भसीन, पूर्व सचिव इसके सदस्य होंगे। इस का काम तीन महीने के भीतर अनुपयोगी कानून की पहचान करना होगा व उस पर सरकार सख्त कदम उठाकर देशहित में नई व्यवस्था का शिलान्यास करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चुनावी भाषणों में पुराने अनुपयोगी कानूनों को समाप्त करने की बाते करते रहे हैं। सत्ता में आने के बाद कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस काम को प्राथमिकताओं में शामिल किया था। उन्होंने बेकार पुराने कानूनों पर विधि आयोग और राज्यों को पत्र लिख कर रिपोर्ट मांगी थी। अब इस काम को मूर्त रूप दिए जाने का काम शुरु करने की पहल शुरु कर दी गई हैॅ।