सरकार विरोधी प्रदर्शन के दौरान हिंसा होने के एक दिन बाद रविवार को पाकिस्तान सरकार ने कहा कि बातचीत के लिए उसके दरवाजे अभी भी खुले हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नेता इमरान खान ने शरीफ बंधुओं के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराने पर जोर दिया है। इमरान खान ने शनिवार की रात दुस्साहस दिखाते हुए अपने समर्थकों को प्रधानमंत्री आवास की तरफ कूच करने और वहां धरने पर बैठने का आह्वान किया। उनके साथ ताहिर उल-कादरी नीत पाकिस्तान आवामी तहरीक (पीएटी) के भी कार्यकर्ता थे। प्रदर्शनकारियों के इस कदम के विरोध में पुलिस की कार्रवाई में आठ लोग मारे गए और करीब 450 लोग घायल हो गए। सरकार ने रविवार को कहा कि उसके दरवाजे अभी भी बातचीत के लिए खुले हैं।
रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक, यह कहते हुए कि सरकार और लोकतंत्र के प्रतीक प्रधानमंत्री आवास की तरफ कूच कर इमरान खान और कादिरी ने अक्षम्य अपराध किया है सूचना मंत्री परवेज राशिद ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए बातचीत का दरवाजा कभी बंद नहीं करेगी और सरकार शांतिपूर्ण तरीके से स्थिति का समाधान चाहती है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में रविवार को मौजूदा स्थिति पर चर्चा हुई जिसमें शनिवार रात को हुई घटना और भावी कार्रवाई पर विचार किया गया।
इस बीच शनिवार की रात समर्थकों के साथ प्रधानमंत्री आवास की तरफ कूच करने की इमरान की कोशिश की उनकी पार्टी के नेताओं ने आलोचना की है। पीटीआई के अध्यक्ष जावेद हाशिमी ने रविवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि किसने इमरान को ऐसा करने की सलाह दी। इससे पहले इमरान खान ने रविवार को जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, गृह मंत्री निसार अली खान और पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ को बख्शा नहीं जाएगा। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ने अपने समर्थकों से कहा कि शरीफ बंधुओं और गृह मंत्री के खिलाफ हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। जिओ न्यूज के मुताबिक, उन्होंने कहा कि रविवार एक निर्णायक दिन है और वे अपनी अंतिम सांस तक लड़ेंगे। पुलिस ने 500 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है और उन्हें अज्ञात स्थानों पर रखा गया है।
पीएटी नेता ताहिर उल-कादिरी ने दावा किया है कि उनकी पार्टी के सात कार्यकर्ता मारे गए हैं और स्टील एवं रबड़ की गोलियों से कई अन्य बुरी तरह जख्मी हुए हैं। पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने कहा कि उनका एक कार्यकर्ता मारा गया है और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हालांकि विपक्षी नेताओं के दावे को खारिज किया है और कहा है कि संघर्ष में कोई भी मारा नहीं गया है। अधिकारियों ने हालांकि 250 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। घायलों में छह बच्चे और 40 महिलाएं शामिल हैं जिन्हें पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में भर्ती कराया गया है जबकि पांच बच्चों और 25 महिलाओं सहित 210 अन्य को पोलीक्लीनिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में 40 से ज्यादा पुलिसकर्मी और छह पत्रकार भी शामिल हैं।
प्रदर्शनकारी नेताओं का कहना है कि संघर्ष तब शुरू हुआ, जब पुलिस ने राजधानी के अत्यंत सुरक्षित क्षेत्र रेड जोन की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों का सहारा लिया। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठने के लिए आगे बढ़ रहे थे। देश के गृह मंत्री चौधरी निसार ने कहा कि प्रदर्शनकारी हाथों में लाठी-डंडा लिए हुए थे और वे संवेदनशील सरकारी भवनों में घुसने का प्रयास कर रहे थे। संघर्ष के दौरान कुछ प्रदर्शनकारी घेरेबंदी तोड़ते हुए संसद भवन में प्रविष्ट हो गए। बाद में इलाके में तैनात पाकिस्तान सेना के आदेश पर प्रदर्शनकारी वहां से निकले।
इस बीच पीटीआई ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में रविवार को देशभर में शोक दिवस मनाया और प्रदर्शन किए। पार्टी को अन्य विपक्षी पार्टियों का समर्थन भी मिला। एक अन्य विपक्षी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से अविलंब इस्तीफे की मांग की है। पीटीआई और पीएटी ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर से 14 मार्च को प्रदर्शन शुरू किया और 15 अगस्त को इस्लामाबाद पहुंचने के बाद से वे धरना दे रहे हैं।