नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि वह गंगा नदी की सफाई के लिए प्रतिबद्ध है जो उसका चुनाव पूर्व वादा था और पवित्र नदी में किसी अपशिष्ट पदार्थ के प्रवाह पर रोक के लिए कदम उठाए जाएंगे। उच्चतम न्यायालय में दाखिल किए गए एक हलफनामे में केंद्र ने कहा कि आईआईटी पेशेवरों के एक समूह :कंसोर्टियम: को समग्र ‘‘गंगा रिवर बेसिन मैनेजमेंट’’ को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है और यह इस साल दिसंबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
केंद्र ने कहा कि उसने गंगा के पुनरूद्धार को राष्ट्रीय प्राथमिकता का दर्जा प्रदान किया है और नदी के पारिस्थितिकीय प्रवाह को कायम रखा जाएगा। केंद्र ने यह भी कहा कि नदी की पारिस्थितिकीय पवित्रता को बहाल करने पर मुख्य जोर रहेगा और प्रमुख कदमों में से एक नदी संरक्षण के बारे में जागरूकता पैदा करना तथा इस प्रक्रिया में लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करना है।