बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को कहा कि दवा खरीद गड़बड़ी मामले के दोषियों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस वर्ष जनवरी से सितंबर तक 60.63 करोड़ रुपये की दवा खरीद में 14.4 करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि जांच रिपोर्ट की समीक्षा के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग ने गड़बड़ी को स्वीकार करते हुए दोषियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात कही है। स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव अनिल कुमार ने जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में तीन गड़बड़ियां सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट में काली सूची की कंपनियों से दवा खरीदने, अधिक दर पर दवा खरीदने और राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा तय दर से अधिक दर पर दवाएं खरीदने की बात सामने आई है।
कुमार ने बताया कि बिहार मेडिकल सर्विसेज इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) के निदेशक प्रवीण किशोर और स्वास्थ्य विभाग के पूर्व संयुक्त सचिव संजीव कुमार समेत नौ अधिकारियों को गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार माना गया है। उल्लेखनीय है कि दवा खरीदी में गड़बड़ी के मामले सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देश पर पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 52 दवाएं अधिक दर पर खरीदी गईं। इस खरीद में तीन ऐसी फार्मा कंपनियों को भी शामिल किया गया, जो पहले से काली सूची में थी। ऐसे में क्रय समिति में शामिल सभी लोगों से जवाब मांगा गया है। उधर, स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने कहा कि दवा खरीद गड़बड़ी मामले में शामिल सभी अधिकारियों और फार्मा कंपनियों के खिलाफ 48 घंटे के अंदर कार्रवाई की जाएगी।