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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (04 सितम्बर)

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हेड मास्‍टर ने स्कूल में किया भोजन माता संग बलात्कार, ट्यूटर ने छात्रा को बनाया हवस का शिकार

देहरादून, 4 सितम्बर, (निस)। भीमताल ‌के ओखलकांडा ब्लॉक में गांव के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने स्कूल की भोजन माता को हवस का शिकार बना दिया। विरोध के बावजूद भोजन माता के साथ अमानवीय तरीके से बलात्कार किया। आठ दिन बाद पीडिता के पुत्र ने एसडीएम को ज्ञापन देकर आरोपी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। राजस्व पुलिस ने संबंधित पटवारी को मामले की जांच सौंप दी है। पीडिता के पुत्र ने एसडीएम को दिए पत्र में कहा है कि उसके पिता का पूर्व में निधन हो चुका है और उसकी मां गांव के प्राथमिक विद्यालय में भोजन माता है। कहा कि 27 अगस्त की दोपहर में उसकी माता स्कूल में बच्चों के लिए भोजन तैयार कर रही थी। पीडिता के पुत्र ने आरोप लगाया कि तभी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने भोजन कक्ष में घुसकर दरवाजा बंद कर दिया और उसकी मां के साथ अमानवीय तरीके से बलात्कार कर उसे लहूलुहान कर दिया। इसके बाद आरोपी प्रधानाध्यापक गांव से फरार है। एसडीएम को बताया गया कि घटना की सूचना पीडिता ने गांव में महिलाओं को दी, लेकिन महिलाओं ने घटना को शर्मसार करने वाली बताते हुए कुछ भी करने से इनकार कर दिया। पीडिता के पुत्र का कहना है कि वह हल्द्वानी में काम करता है। बीते दिवस ही उसे गांव के ही किसी व्यक्ति ने फोन पर घटना की जानकारी दी, जिसके बाद वह गांव पहुंचा। युवक ने एसडीएम से आरोपी प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई करने और पीडिता का मेडिकल परीक्षण कराने की मांग की है। नायब तहसीलदार धारी मंजू राजपूत ने बताया कि ओखलकांडा के एक गांव में भोजन माता के साथ बलात्कार की शिकायत मिली है। संबंधित पट्टी पटवारी को मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं। वहीं दूसरी ओर टनकपुर में ट्यूशन पढ़ने आने वाली छात्रा के साथ ट्यूटर ने बलात्कार कर दिया। पुलिस ने छात्रा का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद आरोपी ट्यूटर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वाकया करीब डेढ़ माह पूर्व का है। शहर के पीलीभीत चुंगी क्षेत्र में स्थित ओम मेडिकल स्टोर के स्वामी जगदीश चंद्र ओली का पुत्र ओंकार ओली अपने आवास में इंगलिश स्पीकिंग कोचिंग चलाता है। 13 जुलाई को कोचिंग के बाद एक छात्रा को बहला-फुसलाकर उसने उसे हवस का शिकार बना लिया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। डर के मारे छात्रा ने किसी को कुछ नहीं बताया, लेकिन डेढ़ माह बाद उसने मंगलवार को परिजनों को घटना के बारे में सब कुछ बता दिया। पीडि़त छात्रा के पिता ने बुधवार को आरोपी के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया। कोतवाल नरेश चंद ने बताया कि आरोपी ट्यूटर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और 506 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर उसे जेल भेज दिया गया है।

मुख्य सचिव ने तलब की रिपोर्ट

देहरादून, 4 सितम्बर, (निस)। मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने गुरूवार को सभी प्रमुख सचिवों और सचिवों से उसी दिन शाम तक मुख्य मंत्री हरीश रावत की पिछले तीन महीनों में की गई समीक्षा बैठकों के कार्यवृत की प्रति मांगी है। उन्होने यह भी निर्देश दिए कि जून से अगस्त माह तक की समीक्षा बैठकों में जिन बिंदुओं पर चर्चा की गई, मुख्यमंत्री द्वारा जो निर्देश दिए गये और जो निर्णय लिये गये, उनके अनुपालन स्थिति का ब्योरा भी तलब किया है। इस बारे में प्रगति की विस्तृत रिर्पोट 8 सितम्बर 2014 तक देने के लिए कहा गया है।

डा.अश्वनी कुमार बने भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् के महानिदेशक
  • वानिकी अनुसंधान क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी: डा. अश्वनी कुमार

uttrakhand news
देहरादून, 4 सितम्बर, (निस)। डा.अश्वनी कुमार ने महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् में गुरूवार को कार्यभार ग्रहण किया। उत्तर प्रदेश कैडर के 1980 बैच के भारतीय वन सेवा अधिकारी  डा. अश्वनी कुमार जालंधर पंजाब निवासी है। इनको अनेकों प्रतिष्ठित उपाधियां प्राप्त हुई हैं जिनमें एम.एस.सी. (आनुवंशिकी) पीएचडी (आनुवंशिकी) ए.आई.एफ.सी., वन आनुवंशिकी एवं वृक्ष सुधार में डी.एस.सी., एस.एफ.सी. (आॅक्सफोर्ड), एम.एन.ए.एस.सी, एम.एन.जी.एस.(यूएसए)। डा. अश्वनी कुमार को उत्तरप्रदेश सरकार में प्रधान मुख्य वन संरक्षक के अलावा प्रशासन, अनुसंधान एवं विस्तार का बहुत व्यापक एवं समृद्व अनुभव रहा है। इसके अलावा इन्हें कई स्थानों जैसे मसूरी, मैनपुरी, टिहरी, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, इलाहाबाद एवं लखनऊ में विभिन्न पदों पर कार्य करने का अनुभव है। डा. अश्वनी कुमार ने भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् में महानिदेशक का कार्यभार ग्रहण करने के बाद कहा कि राष्ट्रीय वानिकी अनुसंधान प्रणाली में एक शीर्ष संस्था भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद ने वानिकी के सभी पहलुओं को शामिल करते हुए अनुसंधान, शिक्षा एवं विस्तार की आवश्यकता आधारित योजना, प्रोत्साहन, संचालन एवं समन्वयन के जरिए वानिकी अनुसंधान का गुणात्मक विकास किया है।  परिषद्  जलवायु परिवर्तन, जैविकीय विविधता के संरक्षण, रेगिस्तानीकरण को रोकना एवं पोषणीय प्रबंध और संसाधनों के विकास जैसी विश्व चिंताओं सहित क्षेत्र में उभर रहे विषयों के तारतम्य में समाधान आधारित वानिकी अनुसंधान करती है।  जबकि नई प्रौद्योगिकियों के विकास एवं निचले स्तर पर इनके क्रियान्वयन के द्वारा वानिकी अनुसंधान क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। डा. अश्वनी कुमार ने कहा कि परिषद् राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वानिकी अनुसंधान में  अंतःविद्याविशेष एवं अंतःसंस्थागत दृष्टिकोण की क्रियाविधि को सशक्त करेगी।  उन्होने आगे विश्व बैंक सहायता प्राप्त परियोजना जैसे अंतरराष्ट्रीय निधियन के साथ महा अनुसंधान एवं विस्तार परियोजनाओं को चलाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिनका निष्पादन इसकी शुरूवात के दौरान भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद् में किया गया था। इस अवसर पर उन्होने भारत के विकास के लिए वानिकी के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत देश के प्रशासनिक, प्रबंधन एवं वैज्ञानिक समुदाय को भी शुभकामनाएं दी। आपने परिषद् एवं इसमें कार्यरत कर्मचारियों की बेहतरी के लिए अच्छे सुशासन का भी आश्वासन दिया।

राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने दी शिक्षक दिवस की बधाई

देहरादून, 4 सितम्बर, (निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देश के पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर मनाये जाने वाले शिक्षक दिवस पर प्रदेश के सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं को हार्दिक बधाई दी है। शिक्षक दिवस पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री रावत ने कहा है कि छात्रों के चरित्र निर्माण एवं उन्हे देश का योग्य नागरिक बनाने में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षक समाज के पथ प्रदर्शक भी है। अच्छी शिक्षा के माध्यम से ही देश का सुनियोजित विकास एवं भविष्य निर्धारित किया जा सकता है और इसमें शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के शैक्षिक विकास एवं जन जागरण के लिए शिक्षकों से अनेक अपेक्षाएं है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में आधुनिकतम शिक्षा को प्रभावशाली ढंग से कार्यान्वित करने हेतु शिक्षकों से विशेष प्रयास करने की भी अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री ने अपने बधाई संदेश मंे शिक्षकों से सम्पूर्ण साक्षरता के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भी प्रेरणात्मक रूप से कार्य करने का आह्वान किया है। शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा ‘‘ज्ञान-दान व चरित्र निर्माण जैसे गुरूत्तर दायित्व के लिए समर्पित शिक्षकों व गुरूओं को अनादि काल से ही समाज में सर्वोच्च स्थान दिया जाता रहा है। आज के दौर में केवल ज्ञान का आदान-प्रदान पर्याप्त नहीं है । विद्यार्थियो में वैज्ञानिक सोच व जिज्ञासा की प्रवृत्ति विकसित करने के साथ ही मौलिक विचारों, सौहार्द, सद्भाव, करूणा, उदारता, सहिष्णुता तथा विरोधी विचारों को सुनने का धैर्य रखने जैसे मानवीय व चैरित्रिक गुणों को विकसित करने का दायित्व भी शिक्षकों को लेना होगा। श्रेष्ठ शिक्षक द्वारा दिए गया ज्ञान और दिशा-निर्देश किसी भी विद्यार्थी को आत्मविश्वास व आत्मबल प्रदान करता है जिससे जीवन में आने वाली प्रत्येक चुनौती का सामना करने में सक्षम होता है। ‘‘ राज्यपाल ने शिक्षक दिवस का,े जीवन को सही दिशा देने वाले शिक्षकों के प्रति श्रद्धापूर्ण आभार व्यक्त करने का विशेष अवसर बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि सभी शिक्षक, समर्पण भाव से अपने दायित्वों का निर्वहन कर देश को अनुशासित, मेधावी व चरित्रवान नागरिक देंगे। 

देहरादून के एटीएम उगल रहे नकली नोट

देहरादून, 4 सितंबर,(निस)। नकली नोट के तस्कारों के शिकार लोगों को अब सार्वजनिक क्षेत्रों की बैंके भी चूना लगा रही है। सुनकर एक बार विश्वास नहीं होता लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र की बैंक के एटीएम से निकलने वाले नकली नोट तो यही कहानी कहते हैं। इस बारे में जब बैंक के अधिकारियों को बताया जाता है तो वे कुछ भी करने से हाथ खड़ा कर दे रहे हैं। ताजा घटना में इस तरह की ठगी का शिकार हुआ है पुलिस विभाग की अभिसूचना इकाई का सेवाविृत्त दरोगा। पीडि़त व्यक्ति का नाम मथुरा प्रसाद ध्यानी है और ये देहरादून पुलिस विभाग की स्थानीय अभिसूचना इकाई(एलआईयू) से इसी वर्ष 30 जून को सेवानिवृत्ति हुए है। मथुरा प्रसाद ध्यानी ने दूरभाष पर अपने साथ हुई घटना की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज वे कमल ज्वेलर्स को देने के लिए भाऊवाला स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के पास स्थित एटीएम से चालीस हजार रूपये निकाले। इन रूपयों को गिनने के बाद उसमें पांच सौ रूपए की एक नोट नकली निकला। उन्होंने ये नोट कमल ज्वेलर्स को दिखाई तो उन्होंने इसे संदिग्ध बताया। इसके बाद पीडि़त ध्यानी उस नोट को लेकर पीएनबी की शाखा में गए और वहां के शाखा प्रबंधक से शिकायत की तो उन्होंने इस बारे में कोई भी मदद करने से इंकार कर दिया। पीडि़त ने बताया कि बैंक के इस रवैये से उन्हें बेहद निराशा हुई है। उन्होंने इसकी शिकायत लिखित में पुलिस से करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नकली नोटो के सौदागरांे से ठगे जाने पर उतनी पीड़ा नहीं होती  जितनी जनता की सेवा करने के लिए स्थापित बैंको के अधिकारियों के व्यवहार से हुई। उन्होंने बैंकांे पर आम आदमी से ठगी करने का आरोप लगाते हुए प्रशासन से इसका संज्ञान लेने और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। 

शोधार्थियो की तीन दिवसीय सम्मेलन 7 सितम्बर से

देहरादून, 4 सितंबर,(निस)। गोविन्द बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा की पहल पर एवं स्विट्जरलैंड दूतावास के वित्तीय सहयोग से आगामी 7 से 9 सितम्बर के बीच भारतीय हिमालय क्षेत्र के 12 राज्यों से चयनित लगभग 80 उदयीमान शोधार्थियों का एक तीन दिवसीय सम्मेलन पर्यावरण विकास संस्थान कोसी-कटारमल में होने जा रहा है। संस्थान के निदेशक डा. पीताम्बर ध्यानी ने बताया कि संस्थान द्वारा शुरू किये  जा रहे आठ नये बहुपयोगी कार्यक्रमों में यह प्रथम पहल पूरे हिमालय राज्यों के शोध छात्रों को एक सूत्र में पिरोने का एक अनूठा प्रयास है। उन्होने आशा जताई कि विभिन्न विषयों एवं क्षेत्रीय विविधता से परिपूर्ण यह शोधार्थी इस कार्यक्रम से लाभान्वित होकर शोधकार्यो की गुणवता में वृद्धि कर सकेंगे। जिससे हिमालय की जनता को भी परोक्ष लाभ होगा। इस कार्यक्रम के संयोजक एवं संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. रणवीर रावल ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शोधार्थियों में शोधकार्य के प्रति अभिरूचि में गुणात्मक वृद्धि एवं उनके द्वारा राष्ट्रीय एवं अन्र्तराष्ट्रीय सम-सामयिक शोध व विकास के मुद्दों को समझने एवं शोध कार्य के प्रकाषन एवं प्रचार-प्रसार में क्षमता वृद्धि करना है। इस कार्यक्रम में देश के जाने-माने वनस्पति शास्त्रीयों एवं पर्यावरण विशेषज्ञों द्वारा इन शोधार्थियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इन विशेषज्ञों में भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण, कोलकत्ता के प्रो. ए.के. कौल, औषधि विज्ञान संस्थान बैंग्लोर के प्रो. आर.आर. राव, गढ़वाल विश्व विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एस.पी. सिंह, भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के प्रो. गोपाल रावत,  इन्द्रप्रस्थ विष्वविद्यालय दिल्ली के डा. उपेन्द्र धर (भूतपूर्व निदेषक पर्यावरण संस्थान), सीडर संस्थान के निदेषक डा. राजेश थडानी, सुदूर संवेदन संस्थान देहरादून के वैज्ञानिक डा. सरनाम सिंह एवं चिया संस्था, नैनीताल के निदेशक डा. पुष्किन फत्र्याल इत्यादि शामिल है। इस कार्यक्रम के उपरान्त हिमालय के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने हेतु एक हिमालय ज्ञान तंत्र स्थापित किया जायेगा जिससे हिमालय क्षेत्र के शोधार्थी जुडकर शोध कार्यो की गुणवता में योगदान कर सकेंगें।

मोदी सरकार के फैसलों से देश की तस्वीर बदलेगीः भट्ट
  • 100 दिन का कार्यकाल पूर्ण करने पर पीएम व उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को बधाई दी

देहरादून, 4 सितंबर,(निस)। नेता प्रतिपक्ष उत्तराखंड विधानसभा अजय भट्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार के 100 दिन पूरे होने पर देश के प्रधानमंत्री सहित मंत्रिमण्डल के सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इस दौरान सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए हंै जिसका दूरगामी प्रभाव पड़ेगा तथा आने वाले दिनों में देश की तस्बीर ही बदल जायेगी। श्री भट्ट ने कहा कि मोदी की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है तथा वह सभी को साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति हंै, इसका अंदाजा उनके ‘‘सबका साथ, सबका विकास ’’ मंत्र से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी ने शपथ ग्रहण करते ही पड़ोसी देशों से संबंध सुधारने की अच्छी पहल की तथा पड़ोसी देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को शपथग्रहरण समारोह में आमंत्रित कर उनके साथ सम्बन्ध सुधारने के लिए दम बढ़ाया। काले धन को वापस लाने के वादे को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस सम्बन्ध में एसआईटी का गठन किया, जिसको यू0पी0ए0 सरकार टालती जा रही थी।  उन्होंनेे कहा कि प्रधानमंत्री ने पी0एम0ओ0 सहित मंत्रालयों के सभी अधिकारियों को जनता की समस्यायें प्राथमिकता पर दूर करने के निर्देश दिये तथा अधिकारियों को भी भरोसा दिलाया कि आम आदमी की उम्मीदों और सपनों को पूरा करने के लिए पूरी ताकत के साथ काम करिए, इसके लिए वह भी 24 घंटे उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि 16वीं लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने के दौरान उन्होंने अपने पहले भाषण में भी देश को भरोसा दिलाया कि आम आदमी की उम्मीदों और सपनों को पूरा करने की वो हर मुमकिन कोशिश करेंगे। श्री भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कभी भी किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दास्त नहीं की, यहाॅ तक की उन्होंने सांसदों को जितने दिन सदन की कार्यवाही चले, उतने दिन संसद में पूरी तैयारी के साथ आने का फरमान सुना डाला। श्री भट्ट ने कहा कि मोदी ने देश हित में कई कड़े फैसले लिये, जिसकी आलोचना भी हुई। अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए उन्होंने एक झटके में रेल यात्री किराये में 14 फीसदी एवं माल भाड़े में भी साढे 6 फीसदी की बढ़ोत्तरी का साहसी फैसला लिया, उन्होंने कहा कि कई लोगों का मानना था कि सुविधायें बढ़ाने के लिए किराया बढ़ाना सही कदम था, यहाॅ तक कि उन्होंने घरेलू चीनी उद्योग को मजबूत करने के लिए चीनी पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 फीसदी करने जैसा साहसी कदम भी उठाया। श्री भट्ट ने कहा कि मोदी जी ने फिजूलखर्ची को रोकने के लिए अपने सभी मंत्रियों और अफसरों तक को नई कार नहीं खरीदने पर रोक लगा दी, यही नहीं उन्होंने मंत्रियों के एक लाख रूपये से अधिक खर्च करने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से इजाजत लेना अनिवार्य कर दिया। उन्होंने कहा कि मोदी का सपना 2022 तक गरीबों को छोटे और सस्ते घर मुहैया कराना है, जिसके लिए उन्होंने सिंगापुर से तकनीकी मदद मांगी है, ताकि हमारे यहां भी सस्ते और मजबूत घर बनाये जा सकें। साथ ही मोदी की सरकार ने यह तय किया है कि देश के ढाई लाख गाॅवों में ब्राड बैंड सर्विस मुहैया कराकर सभी गाॅवों को एक दूसरे से जोड़ दिया जाय ताकि प्रत्येक व्यक्ति तक इण्टरनेट की सुविधा पहुॅच सके। श्री भट्ट ने कहा कि जम्मू कश्मीर जो भारत का अभिन्न अंग है, उस राज्य के  विकास के लिए भी मोदी की सोच बहुत ही स्पष्ट है। इसी उद्देश्य से उन्होंने 04 जुलाई को जम्मू की यात्रा कर वहाॅं 240 मेगावाट वाली पनबिजली योजना देश को समर्पित करने के साथ ही माॅ वैष्णौ देवी के भक्तों के लिए कटरा तक टेªन की यात्रा का तोहफा दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अपने पहले ही बजट में नौकरीपेशा लोगों को इनकम टैक्स में राहत देते हुए टैक्स छूट की सीमा 02 लाख से बढ़ाकर 02.50 कर दी तथा 80 सी के तहत मिलने वाली छूट को एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख रूपये कर दिया तथा मोदी सरकार ने ऐलान किया है कि वह देशभर में 100 स्मार्ट सिटी बनायेंगे, जिसके लिए 7600 करोड़ रूपये का बजट प्रस्ताव भी रखा गया है साथ ही इसके लिए विदेशी निवेश के जरिये पैसा जुटाया जायेगा। श्री भट्ट ने कहा कि गंगा की सफाई के वादे को पूरा करने के लिए 02 हजार करोड़ रूपये के साथ नमामि गंगे प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की है तथा गंगा में जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 4200 करोड़ रूपये अलग से व्यवस्था की है। अगले 06 साल में इलाहाबाद से हल्दिया तक पानी के जहाजों के लिए जलमार्ग विकसित करने की भी मोदी सरकार की योजना है। 

विकास कार्याे का विरोध करने वाले राष्ट्र के दुश्मनः यादव

देहरादून, 4 सितंबर,(निस)। उपभोक्ता कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामनरेश यादव ने कहा है कि विकास कार्याे का विरोध करने वाले राष्ट्र के दुश्मन हैं और पूरे उत्तराखण्ड में विकास कार्यो की शून्यता के चलते उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखण्ड की धरती पर हो रहे करोड़ों के निर्माण कार्य कुछ भ्रष्ट एवं विकास विरोधियों को हजम नहीं हो रहे हैं। निर्माण कार्य का विरोध करने वालों में कुछ बुद्धिमान बुद्धिजीवी भी सम्मिलित हो गये हैं जो विवाद का जिन्न बोतल से बाहर आना प्रचारित कर रहे हैं जबकि राज्य की जनता विकास चाहती है और एक साल के अन्दर सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा हरिद्वार में जो निर्माण एवं अनुरक्षण के कार्य किये गये जनता मुक्त कण्ठ से उनकी सराहना कर रही है। राज्य विभाजन के बाद जारी भारत के राजपत्र के अनुसार उत्तराखण्ड में सिंचाई विभाग की जो सम्पत्तियां हैं उनका रख-रखाव एवं निर्माण इत्यादि की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की है उसी गजट के तहत निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं जिससे दोनों राज्य लाभान्वित होंगे। उत्तर प्रदेश जिस गंग नहर का रख-रखाव कर रहा है उससे उत्तराखण्ड के दो पावर हाउस पथरी एवं मोहम्मदपुर संचालित हो रहे हैं, जिनसे कई सौ करोड़ का राजस्व उत्तराखण्ड को मिल रहा है। वर्तमान में दोनों पावर हाउसों में दो-दो टरबाइनें चल रही है और गंग नहर की क्षमता बढ़ने के बाद दोनों पावर हाउसों में तीनो टरबाइनें चलनी प्रारम्भ हो जायेगी जिससे प्रतिदिन कम से कम दस मेगावाट विद्युत उत्पादन बढ़ जायेगा जिससे करोड़ों रुपये प्रतिदिन की आय उत्तराखण्ड की बढ़ जायेगी। उत्तर प्रदेश की लगभग एक दर्जन नहरों से उत्तराखण्ड अपनी कृषि भूमि को सिंचित कर करोड़ों रुपये राजस्व की वसूली कर रहा है उन सब का अनुरक्षण उत्तर प्रदेश करता है। सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा डाम कोठी के निकट जो गंगनहर की जल क्षमता बढ़ाने का काम चल रहा है उससे दोनों राज्य लाभान्वित होंगे और जिस दिन यह सारा सिस्टम उत्तराखण्ड के कब्जे में आ जायेगा उस दिन उत्तर प्रदेश इसे उठाकर नहीं ले जायेगा। जो निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश के धन से उत्तराखण्ड में हो रहे हैं वे सदैव-सदैव के लिये उत्तराखण्ड में ही रहेंगे और राज्य की जनता को लाभान्वित करेंगे लेकिन सबसे ज्यादा दर्द उन्हीं के पेट में हो रहा है जिन्होंने महाकुंभ जैसे धार्मिक मेले के आयोजन के लिये केन्द्र से आये धन को ठिकाने लगाने के बाद आज तक उसका श्वेत-पत्र जारी नहीं किया। उत्तर प्रदेश कई नहरें उत्तराखण्ड को हस्तान्तरित करना चाहता है लेकिन उत्तराखण्ड उनको लेने को इसलिये तैयार नहीं कि उसे अनुरक्षण पर धन व्यय करना होगा। इस समय अनुरक्षण यूपी करता है और राजस्व उत्तराखण्ड वसूल रहा और सांसद के पेट में दर्द हो रहा है। उत्तराखण्ड में खाने पीने और डकारने की संस्कृति बढ़ रही है उस पर कोई उंगली नहीं उठाता। बिशनपुर कुण्डी बांध को बिना किसी हस्तान्तरण के उत्तराखण्ड ने अपने कब्जे में ले लिया। बांध बनाया और बिना बाढ़ के बह गया। नीलधारा मंे बेरीक्रेट डलवाये मामली सी बाढ़ में बह गये। पंजनहेड़ी माइनर में लगभग सात करोड़ का खर्चा किया गया परिणाम जनता के सामने हैं। सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के अधिकारियों का कहना है कि जहां तक परिसम्पत्तियों के बंटवारे का मामला है यह केन्द्र स्तर पर दोनों राज्य सरकारों की सहमति से होगा। चल रहे निर्माण कार्य में न कोर्ट के आदेश की अवहेलना हो रही न ही भारत के राजपत्र का उल्लघंन/सिंचाई विभाग एक एजेन्सी है उसको जो दायित्व सौंपा गया उसे वह कर रहा है। 

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