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छतरपुर (मध्यप्रदेश) की खबर (05 सितम्बर)

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अस्पताल की भी सेहत सुधारें : डॉ. वीरेन्द्र कुमार
  • सांसद ने किया जिला अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण

chhatarpur news
छतरपुर। सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने शुक्रवार को जिला अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मुख्य रूप से दवाओं के स्टोर और नए बच्चा वार्ड का अवलोकन किया। स्टोर में एक्सपायरी डेट की दवाएं पाए जाने तथा दवाओं का सुरक्षित रखरखाव नहीं होने पर उन्होंने खासी नाराजगी व्यक्त की। बच्चा वार्ड को दुरुस्त करने तथा शौचालय को प्रारंभ करने का भी उन्होंने निर्देश दिया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ.आर.एस. त्रिपाठी, लोक निर्माण विभाग के एसडीओ आर.एस. शुक्ला, एनआरएचएम के सब इंजीनियर अंशुल खरे, सांसद प्रतिनिधि धीरेन्द्र नायक, भाजपा ग्रामीण विकास के जिला संयोजक नूतन सोनी, पंकज रावत, अभिषेक पाठक प्रमुख रूप से उपस्थित थे। सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने सिविल सर्जन से कहा कि अस्पताल की सेहत भी दुरुस्त रहनी चाहिए। अस्पताल में साफ सफाई रहेगी और सभी व्यवस्थाएं नियमित रहेंगी तो रोगियों के शीघ्र उपचार में भी मदद मिलेगी । रोगियों के परिजनों को भी किसी भी तरह की संक्रामक बीमारी से सुरक्षा मिलती रहेगी। सांसद ने जिला अस्पताल के दवा स्टोर को खुलवा कर उसका आकस्मिक निरीक्षण किया तो पाया कि कई दवाएं जून में एक्सपायर हो जाने के बावजूद स्टोर में रखी हुई हैं। स्टोर की दीवारों से पानी रिस रहा है और दवाओं को फर्स पर बेतरतीब रखा गया है। अस्पताल में रेक और अल्मारियां होने के बावजूद दवाएं उनमें नहीं रखी जा रही हैं। कुछ दवाओं में बरसाती नमी के कारण फफूंद लग चुकी थी। कॉटन भी बरसाती पानी से गीला हो चुका था। कुछ दवाओं में उनके निर्माण और एक्सपायरी की डेट अंकित नहीं थी। इसी स्टोर में दवाओं के साथ साथ फिनायल के डिब्बे भी रखे गए थे। सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि स्टोर का व्यवस्थित होना जरूरी है। अन्यथा दवाओं के कई बॉक्स तो खुलेंगे भी नहीं और उनमें रखी दवाओं की डेट एक्सपायर हो जाएगी। उन्होंने सिविल सर्जन से कहा कि रेक और अल्मारियों में दवाएं सुरक्षित एवं व्यवस्थित ढग़ से रखीं जाएं तथा अल्मारी के ऊपर दवा के नाम के साथ उनके निर्माण और एक्सपायरी की तारीख भी लिखी जाए। सांसद ने दवा स्टोर के बाद नए बच्चा वार्ड का निरीक्षण किया। इस वार्ड में 10-10 विस्तरों के दो कक्ष बनाए गए हैं। पहले कक्ष की दीवारें छत के रिसाव के कारण सीलन से नष्ट हो गई हैं। जबकि दूसरे कक्ष की दीवारों टाइल्स उखड़ रहे हैं। दोनों कक्षों के बीच बने शौचालय का उपयोग नहीं किया जा रहा है और उसमें ताला पड़ा हुआ है। सांसद को बताया गया कि शौचालय का उपयोग होने पर इसका पानी नीचे एसएनसी वार्ड में टपकता है। जिस कारण 4 साल से शौचालय में ताला पड़ा हुआ है। सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने एसडीओ आर.एस. शुक्ला व उपयंत्री अंशुल खरे से कहा कि दोनों वार्डों को दुरूस्त किया जाए तथा शौचालय का उपयोग भी प्रारंभ कराया जाए। सांसद ने इस संबंध में एनआरएचएम के सीनियर कंसलटेंट संजय नेमा से मोबाइल पर बात कर बच्चा बार्ड के  मरम्मत का कार्य शीघ्र पूरा कराने के निर्देश दिए। उन्होंने समर्पण क्लब द्वारा गोद लिए गए पोषण पुनर्वास केंद्र का भी निरीक्षण किया व लोक निर्माण विभाग को गैलरी में छाया हेतु समुचित प्रबंध करने को कहा।

प्रधानमंत्री राहत कोष से 50 हजार का अनुदान
सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार की अनुशंसा पर नरसिंहगढ़ पुरवा निवासी अनिरूद्ध शुक्ला को इलाज हेतु 50 हजार रूपए का अनुदान प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से स्वीकृत किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय में अवर सचिव फण्ड श्री पी.के. बाली ने इस आशय की सूचना श्री अनुरूद्ध शुक्ला को भेजी है।

एलआईसी में प्रामाणिकता से किया है कार्य : सांसद
सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम ने विश्वसनीयता, प्रामाणिकता और कार्यकुशलता से काम कर लोगों का विश्वास जीता है, वह सराहनीय है।  निगम द्वारा आम आदमी बीमा योजना व जनश्री बीमा योजना में किया जा रहा सहयोग सराहनीय है। अब वह प्रधानमंत्री की जनधन बीमा योजना में भी सहायता कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्राहक अपनी क्षमता अनुसार छोटी छोटी बचत कर अपना सामाजिक व आर्थिक स्तर सुधार सकते हैं। एलआईसी की मुख्य शाखा में आयोजित ग्राहक संगोष्ठी को संंबोधित करते हुए सांसद ने यह भी कहा कि वह प्रीमियम में लगने वाले सेवा कर के मामले को शासन के समक्ष अवश्य प्रस्तुत करेंगे। शाखा के मुख्य प्रबंधक अनिल चौधरी ने बताया कि गत वित्तीय वर्ष में पॉलिसी के आधार पर एलआईसी का हिस्सा 85 फीसदी तथा प्रीमियम के आधार पर 75 फीसदी रहा है। वह ग्राहकों से प्राप्त फीड बैक के आधार पर निगम के कामकाज को और बेहतर करेंगे। स्वागत उद्बोधन सेटेलाइट ब्रांच के मैनेजर बनवारी लाल ने तथा आभार प्रदर्शन दावा प्रभारी एन.एस. त्रिपाठी ने किया। इस मौके पर सेवा निवृत्त प्राचार्य डॉ. जी.पी. राजौरे, एड.धीरेन्द्र नायक, सम्पादक सुरेन्द्र अग्रवाल, डॉ. सौरभ अग्रवाल, महेश असाटी, आर.एस. शुक्ला, नूतन सोनी, पंकज रावत सहित अनेकों ग्राहक उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि 58 वर्ष पहले 1 सितंबर को एलआईसी की स्थापना की गई थी।

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