दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तेजिंदर सिंह को जमानत दे दी। उन पर पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वी.के. सिंह को सेना के लिए खराब गुणवत्ता वाले टाट्रा ट्रकों की खरीद की स्वीकृति प्रदान करने के लिए रिश्वत की पेशकश करने का आरोप है। इस मामले में निचली अदालत से जमानत नहीं मिलने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह को एक लाख रुपये की जमानत और इतनी ही राशि की अमानत भरने का आदेश दिया। तेजिंदर को मामले की सुनवाई करने वाली अदालत को सूचित किए बगैर देश नहीं छोड़ने का आदेश दिया है।
तेजिंदर सिंह को जमानत देते हुए अदालत ने सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के दावे को स्वीकार करने से मना कर दिया। सीबीआई ने कहा कि यदि आरोपी को जमानत दी जाती है तो वे मामले के गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास करेंगे। अपने आदेश में अदालत ने कहा, "सीबीआई ने उल्लेख किया कि याची अत्यंत वरिष्ठ पद से सेवानिवृत्त है और वह गवाहों को प्रभावित करने की स्थिति में हैं, कहीं से भी इस साधारण से कारण से सही नहीं ठहरता कि दो वर्ष तक मामले की जांच के दौरान सीबीआई ने कभी भी उनके इस तहर की गतिविधि में शामिल रहने की शिकायत नहीं की।"
सिंह ने निचली अदालत के एक सितंबर के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। निचली अदालत ने उन्हें 20 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत का तेजिंदर सिंह को जमानत देने से इनकार करना उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित किए गए वैधानिक सिद्धांतों के विरुद्ध है और वे 'जमानत पाने के हकदार हैं।'
उनके वकील ने कहा कि पूर्व सैनिक अधिकारी को इस मामले में झूठ में फंसाया गया है, क्योंकि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनकी जमानत का विरोध किया। सीबीआई अदालत के न्यायाधीश ने तेजिंदर सिंह को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए यह उल्लेख किया था कि वे सेना में ले. जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और उन्होंने तत्कालीन सेनाध्यक्ष को 14 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की।
मार्च 2012 में जनरल वी.के. सिंह ने आरोप लगाया था कि 1,676 टाट्रा ट्रकों को सेना के लिए खरीद की स्वीकृति देने के लए उन्हें 14 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि तेजिंदर सिंह ने उनसे अगस्त-सितंबर 2010 में मुलाकात की थी और उन्हें टाट्रा ट्रकों की खरीद से संबंधित फाइल निस्तारित करने के एवज में वेक्ट्रा समूह के प्रमुख रवि ऋषि की तरफ से पैसे की पेशकश की थी।