करोड़ों रुपये के शारदा चिटफंड घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के सांसद और एक दैनिक समाचार पत्र के मालिक-संपादक सृंजॉय बोस से पूछताछ की। सम्मन मिलने के अगले दिन बोस बुधवार सुबह साल्ट लेक के सीजीओ परिसर स्थित सीबीआई के कार्यालय पहुंचे। बांग्ला दैनिक 'प्रतिदिन'के संपादक बोस का नाम पिछले वर्ष अप्रैल में सीबीआई को कथित तौर पर लिखे एक पत्र में इस घोटाले के मास्टरमाइंड सुदिप्ता सेन ने लिया था।
पत्र में सेन ने दावा किया कि उक्त बांग्ला दैनिक के उनके ऊपर हमले के बाद ही उन्होंने मीडिया व्यापार में प्रवेश किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके व्यवसाय के तहस-नहस होने का प्राथमिक कारण उनकी कंपनी का मीडिया व्यवसाय में प्रवेश करना था। सेन ने कहा कि एक टेलीविजन चैनल खरीदने के बाद बोस समाचार पत्र के एक अन्य वरिष्ठ पत्रकार कुणाल घोष के साथ उनके पास पहुंचे और उन्हें समाचार चैनल को चलाने के लिए समाचार-पत्र को प्रतिमाह 60 लाख रुपये देने का प्रबंध करना पड़ा।
पत्र में सेन ने लिखा है कि उक्त समाचार पत्र ने उन्हें आश्वस्त किया था कि इस धनराशि का प्रबंध किए जाने के बाद वे उन्हें राज्य व केंद्र सरकार से बचा लेंगे और वह आसानी से बच जाएंगे। उन्होंने सेन को इस बात के लिए भी आश्वस्त किया था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उनके नजदीकी संबंध हैं। सेन ने पत्र में यह भी आरोप लगाया कि समाचार पत्र ने चैनल चलाने की ऐवज में उनसे दो साल तक 20 करोड़ रुपये लिए।
बोस ने हालांकि कहा कि सेन से उन्होंने समझौता केवल उनके चैनल को संपादकीय सहयोग देने के लिए किया था। शारदा घोटाले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि समझौते में जिन भी धनराशि भी सहमति बनी, वह उन्हें नहीं मिली उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस के कई सांसदों से शारदा घोटाला मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूछताछ कर चुकी है।