Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 79216

भाजपा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करेगी

$
0
0
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल की दिल्ली विधानसभा भंग करने और नए सिरे से चुनाव कराने की सिफारिश के बाद प्रदेश भाजपा ने मंगलवार को कहा कि पार्टी सामूहिक रूप से यह चुनाव लड़ेगी और किसी को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं करेगी।

भाजपा ने पिछला चुनाव डा़ हर्षवर्धन को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना कर लड़ा था जो कि अब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हैं। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने यहां संवाददाताओं से कहा कि हमारे विधायक (निर्वतमान) नए चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं और हम सामूहिक नेत2त्व के तहत ऐसा करेंगे। हम हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभाओं के लिए हाल में हुए चुनाव में पार्टी के शानदार प्रदर्शन को दोहराएंगे।

पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में अभी बात करना जल्दबाजी होगी। इस बारे में पार्टी सही समय पर निर्णय करेगी। हम लोकतांत्रिक तरीके से नेता का चुनाव करेंगे।

भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस द्वारा सरकार के गठन में असमर्थता जताये जाने के बाद केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज दिल्ली विधानसभा को तत्काल प्रभाव से भंग करने की सिफारिश की। राष्ट्रीय राजधानी में विधानसभा चुनाव अगले साल की शुरुआत में होने की संभावना है। भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता जगदीश मुखी ने भी कहा कि पार्टी किसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की बात करना आम आदमी पार्टी की मजबूरी हो सकती है, भाजपा की नहीं, क्योंकि पार्टी ने इससे पहले कई चुनाव मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए बिना लड़े और जीते हैं।

पिछले साल दिसंबर में 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 31 सीटों पर जीत के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन बहुमत से वह चार सीट पीछे रह गई थी। भाजपा ने उस समय यह कहकर सरकार बनाने से इनकार कर दिया था कि वह सत्ता के लिए कोई अनुचित तरीका नहीं अपनाएगी।

इसके बाद आप ने कांग्रेस विधायकों के समर्थन से दिल्ली में सरकार बनाई थी। भाजपा और कांग्रेस के विरोध के चलते दिल्ली विधानसभा में लोकपाल विधेयक पारित नहीं हो पाने पर अरविन्द केजरीवाल के नेतत्व वाली आप सरकार ने मात्र 49 दिन बाद 14 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। इस पर उप राज्यपाल ने विधानसभा निलंबित कर दी थी और यहां 17 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।

Viewing all articles
Browse latest Browse all 79216

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>