सुप्रीम कोर्ट ने देश की फिल्म इंडस्ट्री में महिला मेकअप आर्टिस्ट पर 59 साल से जारी प्रतिबंध को गैरकानूनी बताया है। जस्टिस दीपक मिश्र और यू.यू. ललित ने भारतीय फिल्म उद्योग में लैंगिक असमानता को असंवैधानिक करार दिया।
अदालत ने कहा, ‘हम 2014 में हैं, न कि 1935 में। इस भेदभाव को एक दिन के लिए भी नहीं चलने दिया जा सकता।’भारतीय फिल्म उद्योग दुनिया के सबसे बड़े फिल्म और टीवी उद्योगों में से एक है। जनवरी 2013 में नौ महिलाओं ने सर्वोच्च अदालत में इस संबंध याचिका दायर की थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘इस तरह का भेदभाव कैसे किया जा सकता है। हम इसकी इजाजत नहीं दे सकते हैं। हमें ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता जिसके आधार पर प्रशिक्षित महिला मेकअप आर्टिस्ट को प्रतिबंधित किया जाए।’
अदालत ने सिने कॉस्टय़ूम मेकअप आर्टिस्ट एंड हेयर ड्रेसर एसोसिएशन से कहा कि या तो वे महिला मेकअप आर्टिस्ट पर से इस प्रतिबंध को हटाए अन्यथा अदालत इस संबंध में आदेश जारी करेगी। अदालत ने यूनियन को इस मामले में प्रतिक्रिया देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया। मामले की अंतिम सुनवाई 17 नवंबर को होगी।