बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी फिर विवाद में घिर गए हैं। इस बार मामला उनके दामाद को अपना पर्सनल असिस्टेंट (पीए) बनाने को लेकर है। बीजेपी समेत विपक्षी दलों ने परिवारवाद का आरोप लगाते हुए मांझी पर हमले तेज कर दिए हैं।
मांझी का मुख्यमंत्री के तौर पर अभी तक का कार्यकाल विवादों से भरा रहा है। अपने बयानों को लेकर वे जब-तब विवाद खड़े करते रहे हैं। मांझी ने नियम-कायदों को ताक पर रखते हुए पेशे से इंजिनियर अपने 47 साल के दामाद देवेंद्र कुमार को अपना निजी सहायक बनाया है।
हालांकि देवेंद्र का दावा किया है 2006 में मांझी के नीतीश मंत्रिमंडल में समाज कल्याण मंत्री बनने के वक्त से ही वह उनके निजी सहायक के रूप में काम करते आ रहे हैं। मांझी के सीएम बनने के बाद उन्हें एक बार फिर निजी सहायक के तौर पर अधिसूचित किया गया है। देवेंद्र के मुताबिक वह ऑफिस में पूरा प्रोटोकॉल मेंटेन करते हैं। देवेंद्र ने कहा कि ऑफिस में मैं पीए होता हूं, जबकि घर में दामाद।
देवेंद्र निजी सहायक के रूप में मांझी की सुरक्षा से लेकर खाने-पीने तक का हर काम संभालते हैं। मांझी की 'मेहरबानी'को देवेंद्र स्वीकारते भी हैं। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि दामाद होने का उन्हें बहुत फायदा मिला है। दामाद नहीं होते तो सीएम आवास की सुविधाएं कभी नहीं मिलतीं। हमारे लिए यही काफी है। बीजेपी ने दामाद को पीए बनाने को लकर मांझी पर हमला बोला है। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में करप्शन अपनी पराकाष्ठा पर है। यही कारण है कि सीएम दामाद को अपने पर्सनल स्टाफ नियुक्त करता है।