Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 79216

वार्ता में 'कोई शर्त'मंजूर नहीं: पाकिस्तान

$
0
0
पाकिस्तान ने रक्षा मंत्री अरूण जेटली की इस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी कि पाकिस्तान को फैसला करना चाहिए कि उसे भारत से बात करनी है या कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से. पाकिस्तान ने कहा कि वह वार्ता प्रक्रिया में 'कोई शर्त'स्वीकार नहीं करता.
      
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता तस्नीम असलम ने नई दिल्ली में भारत आर्थिक शिखर सम्मेलन में जेटली की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘जैसा कि हम कहते आए हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता कोई कृपा नहीं है जो एक देश दूसरे पर कर रहा है. भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता इस क्षेत्र में शांति के लिए जरूरी है ताकि दक्षिण एशिया जनता के कल्याण और आर्थिक विकास पर भी ध्यान दे’’. उन्होंने कहा कि हम कोई शर्त स्वीकार नहीं करते. कश्मीरी भारतीय अलगाववादी नहीं हैं, वे संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों द्वारा स्वीकार्य आत्मनिर्णय के अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहे अधिकृत क्षेत्र के लोग हैं. 
      
पाकिस्तान से 'सचेत'चुनाव करने के लिए कहते हुए, जेटली ने कहा था कि पाकिस्तान को एक सीमा रेखा खींचनी होगी कि वह भारत सरकार से बात करना चाहता है या उन लोगों से जो भारत को तोड़ना चाहते हैं. जेटली ने कहा था कि हमने माहौल तैयार किया, विदेश सचिव स्तरीय वार्ता का कार्यक्रम बनाया, हमारे विदेश सचिव को पाकिस्तान का दौरा करना था और केवल कुछ घंटे पहले नयी दिल्ली में अपने उच्चायोग में वार्ता के लिए अलगाववादियों को आमंत्रित किया. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मुझे लगता है कि पाकिस्तान में इस सवाल पर फिर से विचार करने के लिए एक नई सीमा रेखा खींची जानी चाहिए कि वे किससे बात करना चाहते हैं? क्या वे भारत सरकार से बात करना चाहते हैं या उन लोगों से जो भारत को तोड़ना चाहते हैं’’.
     
अफगानिस्तान के लिए गेहूं के निर्यात के लिए जमीनी रास्ते के भारत के अनुरोध के बारे में पूछे जाने पर, असलम ने कहा कि पाकिस्तान अपनी जमीन से होकर भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापार में बाधाएं पैदा नहीं करना चाहता. उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं कि अफगानिस्तान चारों ओर से भूमि से घिरा देश है और हमने अफगानिस्तान को रास्ता उपलब्ध कराया है. हम कारोबार बंद नहीं करते. कराची बंदरगाह भारत के लिए उपलब्ध है’’.
     
भारतीय नेतृत्व द्वारा वाघा सीमा हमले की निंदा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हमने भारतीय प्रधानमंत्री का एक बयान देखा है जिसमें आतंकवादी हमले की निंदा की गई है. उन्होंने जांच में मदद के अमेरिकी प्रस्ताव के परोक्ष संदर्भ में कहा, ‘‘हमारे अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं और वे यह फैसला करने की बेहतर स्थिति में हैं कि हमें बाहरी मदद की जरूरत है या नहीं’’.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 79216

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>