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मोदी के खिलाफ छह दल एकजुट हुए

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पूर्ववर्ती जनता पार्टी का कभी हिस्सा रहे छह राजनीतिक दलों के नेता आज एकजुट हुए और संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में भाजपा नीत सरकार को निशाना बनाने की रणनीति पर चर्चा की। इन नेताओं ने भविष्य में अपने दलों का एक पार्टी में विलय करने की संभावना से भी इंकार नहीं किया। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता मुलायम सिंह यादव ने जनता परिवार के इन दलों के नेताओं को यहां अपने सरकारी आवास पर दोपहर की भोज बैठक में आमंत्रित किया था। बैठक में जदयू के शरद यादव और नीतीश कुमार, राजद के लालू प्रसाद, जद एस के एच़ डी़ देवेगौड़ा, आईएनएलडी के दुष्यंत चौटाला और एसजीपी के कमल मोरारका उपस्थित हुए।
    
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इन छह दलों ने लोक महत्व के मुद्दों को उठाने और संसद में एक स्वर में बोलने के लिए एकजुट होने का निर्णय किया है। इस पहल के लिए मुलायम सिंह का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि जनता परिवार का हिस्सा रहे दलों ने एकता के सिद्धांत पर साथ मिल कर काम करने का फैसल किया है। इन दलों के आपस में संभावित विलय के बारे में किए गए कई सवालों के जवाब में नीतीश ने ऐसी संभावना से इंकार नहीं करते हुए कहा, इसका जवाब भविष्य में निहित है। हम एक पार्टी की ओर बढ़ सकते हैं।
    
बैठक के आयोजक होने के बावजूद मुलायम सिंह ने नीतीश को मीडिया से मिलने के लिए भेजा। प्रेस ब्रीफिंग में नीतीश के साथ सपा के शिवपाल सिंह और रामगोपाल यादव तथा जदयू के क़े सी़ त्यागी भी मौजूद थे। वाम दलों को इस बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने संबंधी सवालों के जवाब में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, कई मुद्दों पर हमारी सोच समान है और हम उनसे संपर्क करेंगे। हम बातचीत के लिए तैयार हैं। प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी को साथ लाने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई। इस बैठक में अजित सिंह की पार्टी आरएलडी का प्रतिनिधित्व नहीं था।
    
नीतीश कुमार ने कहा इन दलों के बीच पूर्ण एकता लाना एक लंबी प्रक्रिया है और मुददे आधारित कार्यक्रमों को बनाने के लिए आने वाले दिनों में एक बैठक की जाएगी। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में इसने विदेशों में जमा भारतीयों के काले धन की पाई पाई वापस लाने का वायदा किया था लेकिन सत्ता में आते हुए वह इससे एकदम पलट गई। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, हमसे कहा गया था कि कालाधन वापस आने पर हर भारतीय को 15 लाख रूपए मिलेंगे और आज इस बात के सही आंकड़े तक नहीं हैं कि यह कालाधन है कितना। नीतीश ने कहा कि संसद में भूमि अधिनियम और बीमा विधेयक जैसे मुददों पर ये सभी छहों दल एक स्वर में बोलेंगे। इस बैठक को लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने वाले इन दलों की ओर से अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

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