- कारखाना मालिक के खिलाफ रपट दर्ज, दो सप्ताह पहले दो कालीन कारखाने से 25 बालश्रमिक
भदोही। तमाम धरपकड़ के बावजूद भदोही के कालीन कारखानों से बाल बधुआ मजदूरी थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को एक बार फिर एक कालीन कारखाने से 6 बाल बधुआ मजदूर मुक्त कराएं गए। इस मामले में पुलिस ने कालीन कारखाना मालिक इस्लामुद्दीन अंसारी उर्फ बबलू पुत्र मो जहीर के खिलाफ बाल बधुआ मजदूरी अधिनियम के तहत रपट दर्ज की है। इसके पहले 22 अक्टूबर को दो कालीन कारखाने से 25 बधुआ बच्चे मुक्त कराएं गए थे। बता दें, उत्तर प्रदेश के डालरनगरी भदोही में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा दो दशक पूर्व शुरु किए अभियान से लोगों में जागरुकता जरुर आई और काफी हद तक लगाम भी कसा, लेकिन बालश्रम का खात्मा नहीं हो सका है। बुधवार को स्वयंसेवी संगठनों की निशानदेही पर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त छापेमारी मर्यादपट्टी स्थित कालीन कारखानों से 6 बाल बधुआ बच्चों व 2 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया। सभी बच्चे बिहार के अरररिया जिले के रहने वाले है।
छापामारी के बाद श्रम विभाग सहित कालीन उद्योग से सम्बंधित जिम्मेदार लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। जिलाधिकारी ने बताया कि दोपहर में एक स्वयंसेवी संगठन ने सूचना दी कि भदोही के कारखानों में बड़ी संख्या में बच्चों व मजदूरों को बंधक बनाकर कालीन बुनाई कराई जा रही है। सूचना मिलने के बाद एसडीएम भदोही व पुलिस उपाधीक्षक भदोही की देखरेख में पुलिस ने मर्यादपट्टी स्थित कालीन कारखाना में छापा मारा। छापामारी के दौरान कारखाना मालिक काफी संख्या में बधुआ बच्चो व मजदूरों को भगा दिया और खुद भी भाग लिया। लेकिन 6 बांडेड बच्चे व 2 मजदूरों को मुक्त कराकर कोतवाली लाया गया। इसके बाद श्रम अधिकारी की तहरीर पर कालीन कारखाना मालिकों के खिलाफ बांडेड लेबर अधिनियम के तहत रपट दर्ज की गयी। इसके बाद मुक्त कराए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति किशोर बोर्ड के अधिकारी लोलारख सिंह व प्रेम चंद्र पांडेय के निर्देशन में अस्थायी बाल गृह सीतामढ़ी में दो दिन के लिए भेज दिया गया।