- साजिस के तहत पकड़वाया गया रंगरलिया मनाते आरोपी भदोही जिला पंचायत सदस्य है
- फर्जी आरोप व पुलिसिया कार्रवाई से खिसियाया विधायक बाहुबलि का दूसरा खेमा
- सपा विधायक मधुबाला पासी समेत सैकड़ो कार्यकर्ता थाना पहुंचे, कहा न छोड़ने पर होगा आंदोलन
दगा किसी का सगा नहीं। जी हां इस कहावत को एक बार फिर चरितार्थ किया है सपा के बाहुबलि विधायक विजय मिश्रा ने। कभी बेहद करीबी मतलब दाहिना हाथ रहा मेवालाल यादव को बुधवार को उन्हीं के साजिस में गिरफतार कर लिया गया है। आरोप है कि वह सरकारी गेस्ट हाउस में एक युवती के साथ रंगरेलिया मना रहा था। मेवालाल यादव जिला पंचायत सदस्य है। पुलिस ने युवती के बयान पर मेवालाल सहित दो लोगों को हिरासत में ले लिया है। हालांकि उन्हें इस आरोप से मुक्त कराने के लिए बाहुबलि विधायक का दुसरा खेमा मधुबाला सहित सहित सेकड़ों सपा कार्यकर्ता थाना के बाहर धरने पर बैठ गए है। चेतावनी दी गयी है कि अगर मेवालाल को छोड़ा नहीं गया तो वह आंदोलन के लिए बाघ्य होंगे। विधायक मधुबाला पासी ने कहा है कि जबतक आरोपी मेवालाल का मेडिकल परीक्षण न हो जाएं आरोप सही न हो जाए तबतक रपट न लिखा जाएं। जबकि बाहुबलि विधायक विजय मिश्रा के सूत्रों की मानें तो वह चाहते है कि जांच तो होती रहेगी पहले गिरफतार कर जेल भेजा जाएं।
कहानी कुछ इस तरह गढ़ी गयी। जोरई निवासी बबलू उर्फ कृष्णकांत उपाध्याय, जो बाहुबलि विधायक विजय मिश्रा का करीबी होने के साथ-साथ मेवालाल यादव का भी करीबी है। बबलू उपाध्याय ने दो दिन पहले गेस्ट हाउस में पूजा वर्मा के नाम पर कमरा बूक कराया। बबलू ने आज सुबह मेवालाल यादव को फोन किया कि वह संकट में है, बकाया न देने पर गोपीगंज गेस्ट हाउस के एक कर्मचारी ने उन्हें बैठा लिया है। कहा जा रहा है कि जब तक दो हजार बकाया नहीं मिलेगा छोड़ेंगे नहीं। इतना सुनकर रुपये लेकर मेवालाल यादव गेस्ट हाउस पहुंच गए। गेस्ट हाउस के अंदर पहुंचते ही युवती सहित बबलू से मेवालाल कुछ कह पाते व समझ पाते तबतक पुलिस पहुंच गयी। युवती ने पुलिस को बताया कि बाहर खड़ा नेता उसके साथ सोया था। जबरदस्ती उसके साथ बलात्कार किया। युवती के बयान पर पुलिस ने बबलू समेत मेवालाल को गोपीगंज थाना उठा लाई। युवती ने बयान दिया कि मेवालाल यादव उसके साथ जबरदस्ती मुंहकाला किया। युवती के बयान पर पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया। पुलिस आरोपियों को हिरासत में लेकर पुछताछ कर रही है। रोचक बात यह है कि लोकसभा चुनाव के पूर्व तक मेवालाल यादव बाहुबलि विधायक विजय मिश्रा का बेहत करीबी रहा। उन्हीं के साथ साहगिर्द और छत्रछाया में जिला पंचायत सदस्य बन गया और उनकी पत्नी ग्राम प्रधान। इतना ही अविश्वास प्रस्ताव में बसपा जिला पंचायत अध्यक्ष के धराशाई होने पर मेवालाल को कार्यवाहक जिला पंचायत अध्यक्ष बना दिया गया ओर लाल बत्ती में घूम रहा था। लेकिन चुनाव के दौरान मेवालाल द्वारा विधायक के अनैतिक काम न किए जाने पर तनातनी हो गयी। तनातनी इस हद तक पहुंच गयी कि चुनाव में मेवालाल ने खुलकर विरोध किया। परिणाम सामने आया। इसके पहले कुछ इसी तरह की साजिश पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय के लड़के साथ घटी। इस मामले भी पूर्व सांसद के लड़के सहित तीन युवकों को बलातकार का आरोप लगाया गया। विधायक के ईशारे पर नाच रही पुलिस के आतंक से दो आरोपियों ने तो न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि जांच के नाम पर अभी सांसद के लड़के की गिरफतारी नहीं हो सकी।
हालांकि इसका खामियाजा पुलिस अधीक्षक सुबाष दुबे को भुगतना पड़ा। जांच के नाम पर पूर्व सांसद के लड़के की गिरफतारी न कराने पर बाहुबलि विधायक ने उनका स्थानांतरण करवा दिया। वैसे भी इस जनपद में वही अधिकारी टिक पाता है जो विधायक के ईशारे पर नाचे और फर्जी मुकदमें दर्ज कर लोगो को जेल भेजवा सके, लोगों की घर-गृहस्थी लूट सके। शायद यही वजह है थानों पर तैनात होने वाले पुलिस, दरोगा व इंचार्ज से लेकर जनपद स्तरीय अधिकारी मनमानी तरीके जनता का उत्पीड़न उन्हीं के ईशारे पर करते रहते है। गौरतलब है कि बाहुबलि विधायक ने सत्ता का गुरुर पर न सिर्फ भदोही सहित कई ब्लाकों में जबरदस्ती अपना ब्लाक प्रमुख चुनवा दिया बल्कि अब तक एक हजार से अधिक लोगों के खिलाफ फर्जी मुकदमा भी दर्ज करवा चुका है। कईयों की घर-गृहस्थी व जमीन भी पुलिसिया मदद से करवा लिया है। हालांकि जनता ने लोकसभा चुनाव में उसके आतंक का सबक हराकर सिखा दिया है, अब लोग विधान सभा चुनाव होने की इंतजार में बैठे है।