नेपाल की संविधानसभा में सबसे अधिक सीटों वाली पार्टी, नेपाली कांग्रेस ने रविवार को अपनी पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में सुशील कोईराला को मनोनीत किया। कोईराला को नामित किए जाने के साथ ही दो माह पहले हुए संविधानसभा के चुनाव के बाद देश में नई सरकार के गठन की राह की एक बड़ी अड़चन दूर हो गई है। देश में 19 नवंबर को हुए चुनाव में नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। लेकिन पार्टी के भीतर सरकार के नेतृत्व को लेकर पैदा हुई रस्साकशी के कारण नई सरकार का गठन नहीं हो पा रहा था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, पार्टी के संसदीय दल के नेता के रूप में नेपाली कांग्रेस के 194 विधायी सदस्यों में से 105 ने कोईराला के पक्ष में मतदान किया। उनके प्रतिद्वंद्वी शेर बहादुर देउबा को 89 मत मिले।
निर्दलीय राष्ट्रीय पंचायत व्यवस्था के खिलाफ व्यापक आंदोलन के बाद 1990 में जब देश में बहुदलीय व्यवस्था लागू हुई थी, उसके बाद देउबा तीन बार प्रधानमंत्री बने थे। कोईराला अपने 50 वर्ष के राजनीतिक जीवन में किसी मंत्री पद पर भी नहीं रहे हैं। कोईराला (75) अविवाहित और देश के राजनेताओं में सबसे साफ-सुथरी छवि वाले माने जाते हैं। उनके नेतृत्व में नेपाली कांग्रेस चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी।
सुशील कोईराला नेपाल के कोईराला परिवार से ताल्लुक रखते हैं और यदि वे प्रधानमंत्री बनते हैं तो वे इस परिवार से इस पद पर आसीन होने वाले चौथे व्यक्ति होंगे। उनसे पहले कोईराला परविार से मातृका प्रसाद कोईराला (1951-52 ओर 53-55), विशेश्वर प्रसाद कोईराला (1959-60) और गिरिजा प्रसाद कोईराला (1991-94, 1998-99, 2000-01 और 2007-08) इस पद पर आसीन हो चुके हैं।
पार्टी के संसदीय दल के नेता की दौड़ में तीन नेता- कोईराला, देउबा और पार्टी उपाध्यक्ष रामचंद्र पौडेल- शामिल थे। कोईराला द्वारा पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष पद देने पर सहमति जताने के बाद पौडेल ने नेता पद की दौड़ से हटना मंजूर कर लिया। चुने जाने के बाद कोईराला ने कहा कि उनकी प्राथमिकता राष्ट्रीय सहमति वाली सरकार का गठन करना है। उन्होंने कहा, "सहमति की सरकार गठित करने के लिए हम सभी पार्टियों के साथ संपर्क करेंगे ताकि एक वर्ष के भीतर नया संविधान लागू किया जा सके।"
सबसे बड़ी पार्टी का नेता चुने जाने के बाद कोईराला प्रधानमंत्री बनने के योग्य हो गए हैं, लेकिन उन्हें संविधानसभा की दूसरी बड़ी पार्टी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) या तीसरी बड़ी पार्टी नेपाल की एकीकृत कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से तालमेल रखना होगा।