राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय
देहरादून, 28 जनवरी। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को हटाए जाने की अटकलों के बीच राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक मंगलवार को सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय के सभागार में की गई, जिसमें मंत्रिमण्डल ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। मंत्रिमण्डल की बैठक की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे। राज्यपाल से मिलने के बाद वे केंद्रीय आलाकमान के बुलावे पर दिल्ली रवाना हो गए। राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में लिए गए निर्णयों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) एवं आईटीबीपी को सीमान्त क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण कार्य के लिए खनन पट्टा स्वीकृत किए जाने पर निर्णय किया गया। इस निर्णय के बाद बीआरओ व आईटीबीपी के द्वारा बनाई जानी वाली सड़कों के निर्माण में उपयोग होने वाली रेता बजरी और पत्थरों पर प्रदेश सरकार को रॉयल्टी मिलनी शुरू हो जाएगी, जो कि अभी नहीं मिल रही थी। वहीं बीआरओ एवं आईटीबीपी को सीमांत जनपदों में टेण्डर में छूटे लौटों के आधार मूल्यों के अनुसार आवंटित किए जाने पर निर्णय लिया गया। वहीं राज्य मंत्रिमण्डल ने सड़क के ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ईंट मिट्टी एवं सड़क भरान हेतु साधारण मिट्टी के खुदान को खनन संक्रियाओं से मुक्त रखे जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिया। जबकि राज्य के राज्य के औद्योगिक संस्थानों में मिश्रित भू-उपयोग पर आधारित उद्योगों को बिना किसी वित्तीय छूट के मिश्रित उद्योग स्थापित किए जाने के सम्बन्ध में भी निर्णय लिया गया। वहीं राज्य सरकार ने राज्य में सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को स्थाई सम्पत्ति के अन्तरण पर स्टाम्प ड्यूटी में छूट दिए जाने का भी निर्णय किया। इस निर्णय के बाद राज्य के ऐसे कर्मचारियों को स्टाम्प ड्यूटी में छूट मिलेगी। वहीं एक अन्य फैसले में राज्य के समाज कल्याण विभाग के संरचनात्मक ढांचे के पुनर्गठन को मंजूरी दी गई। इसके अतिरिक्त गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के कृषक मजदूरों व भूमिहीन कृषकों को आर्थिक विकास हेतु कृषि भूमि क्रय कर उपलब्ध कराई जाएगी। योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे निवास करने वाले अनुसूचित जाति के भूमिहीन कृषकों को 10 नाली भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं एक अन्य फैसले में उत्तराखण्ड दन्त शल्यक सेवा नियमावली को मंजूरी दे दी गई, जिसके बाद अब दन्त चिकित्सकों के पदों की संख्या 105 होगी। वहीं नर्सिंग संवर्ग और कार्मिको की पिछले कई माह से आंदोलन के चलते मंत्रिमण्डल ने चिकिस्ता स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत नर्सिंग संवर्ग के कार्मिकों को नर्सिंग एवं बोर्डिंग भत्ते में 25 फीसदी वृद्धि की है। वहीं लोक सेवा आयोग परिधि से बाहर समूह ग के सीधी भर्ती के पदों पर आवेदन करने हेतु आवेदन शुल्क निर्धारण 500 रूपये सामान्य और 300 रूपये अनुसूचित जाति-जनजाति के आवेदन के लिए रखी गई है। राज्य में यूजेवीएनएल, यूपीसीएल, पिटकुल के 1057 पदों के सापेक्ष विज्ञापन के बाद लाखों आवेदन प्राप्त हुए हैं, इससे राज्य के कई बेरोजगारों को रोजगार मुहैया होगा। वहीं उत्तराखण्ड सड़क संरचना सुरक्षा विधेयक 2014 को विधानसभा में पुनःस्थापित किए जाने पर भी विचार किया गया। जबकि सिंचाई विभाग के विभागीय संरचना के अधीन अभियांत्रिकी संवर्ग के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी गई, इसके तहत अब प्रदेश में मुख्य अभियंता स्तर-2 के चार पद होंगे। वहीं यूकेलिप्टस, पापलर आदि इमारती एवं कोमल प्रकाष्ठ प्रजातियों एवं गैर प्रकाष्ठ वन उपज के अभिवहन नियमावली 2012 के प्राविधानों से मुक्त कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री के राज्यपाल को मिलने के निकाले जा रहे हैं कई निहितार्थ
- मुख्यमंत्री कोई भी, पीडीएफ उसके साथ: सुरेन्द्र राकेश
देहरादून, 28 जनवरी। उत्तराखण्ड में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को लेकर राजधानी से दिल्ली तक चर्चाओं का बाजार गर्म है। नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच मंगलवार को मंत्रिमण्डल की बैठक के लिए बहुगुणा मंत्रिमण्डल की मंत्री अमृता रावत को छोड़कर शेष सभी ने बैठक में भाग लिया। मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद मंत्री हरक सिंह, यशपाल आर्य, इंदिरा हृदयेश पाठक व प्रीतम सिंह एक बार फिर दिल्ली चले गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री के ‘ऑल इज वैल’, की बातों के बीच प्रदेश सरकार को समर्थन दे रहे पीडीएफ में बसपा सदस्य व परिवहन मंत्री सुरेन्द्र राकेश ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि कोई भी मुख्यमंत्री बने उससे हमें कोई लेना-देना नहीं, इससे पूर्व पीडीएफ की ओर से यह बयान आते रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के साथ हैं। बदले राजनैतिक परिदृश्य के बाद बसपा नेता सुरेन्द्र राकेश का यह बयान भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि वह बहुगुणा का पिट्ठू नहीं है। वहीं सुरेन्द्र राकेश ने पीडीएफ अध्यक्ष मंत्री प्रसाद नैथानी पर भी वार करते हुए कहा कि वे स्वंय किसी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं। मुख्यमंत्री के मामले में जो भी फैसला होगा उस पर पीडीएफ के सभी सदस्यों की सहमति जरूरी होगी। पीडीएफ नेता के इस बयान से तो यह साफ हो गया है कि उत्तराखण्ड की राजनीति में ‘ऑल इज वैल’ नहीं चल रहा है। वहीं बहुगुणा मंत्रिमण्डल में शामिल सुरेन्द्र सिंह नेगी के बयान (मौसम बदल रहा है) के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। राजनैतिक विश्लेषक इसे नेतृत्व परिवर्तन की पुष्टि के रूप में देखते हैं। वहीं प्रदेश के कई मंत्री भी राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की बात को खुलकर तो नहीं, लेकिन दबी जुबान से जरूर स्वीकार करते हैं। मंगलवार को दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री की अचानक राज्यपाल से उनके आवास में बंद कमरे में 15 मिनट तक हुई गुफ्तगू ने एक बार फिर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को जन्म दे दिया है। राजनीतिक हल्कों में राज्यपाल व मुख्यमंत्री की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मंगलवार दोपहर कैबिनेट की बैठक ली और उसके खत्म होते ही वह अकेले लगभग दोपहर ढाई बजे राज्यभवन पहुंचे जहां चर्चा है कि लगभग 15 मिनट तक राज्यपाल व मुख्यमंत्री के बीच गुफ्तगू हुई। मुख्यमंत्री के अचानक राज्यपाल से मिलने के इस कार्यक्रम को लेकर कई तरह की चर्चाएं आम हुई हैं, लेकिन मुख्यमंत्री खेमे ने इसे कैबिनेट के बाद मंत्रिमण्डल के निर्णयों की जानकारी मुख्यमंत्री द्वारा राज्यपाल को दिए जाने की बात बताई, लेकिन यह बात इसलिए गले नहीं उतरती है कि बहुगुणा सरकार के दो साल के कार्यकाल में हुई मंत्रिमण्डल की बैठकों की जानकारी आज से पहले कैबिनेट सचिव द्वारा नोट के माध्यम राज्यपाल सचिवालय को दी जाती रही है। यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री स्वंय मंत्रिमण्डल की बैठक के निर्णयों की जानकारी देने राज्यपाल के पास पहुंचे। बहरहाल राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच बातचीत का नतीजा कुछ भी हो लेकिन दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री का पन्द्रह मिनट तक राज्यभवन में राज्यपाल से मिलना एक बार फिर तेजी के साथ नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को हवा दे गया। राज्यपाल से मिलने के बाद लगभग सवा तीन बजे मुख्यमंत्री हैलीकाप्टर से दिल्ली के लिए रवाना हो गये। उनके दिल्ली जाते ही अब कयास लग रहे हैं कि नेतृत्व परिवर्तन पर हाईकमान जल्द मुहर लगा देगा।
26 जनवरी के शामियाने ने खड़े किए कई सवाल
- कहीं नए सीएम की ताजपोशी के लिए तो नहीं है यह 26 जनवरी वाला शामियाना!
देहरादून, 28 जनवरी। उत्तराखण्ड में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर दून से दिल्ली तक कांग्रेस के कई दिग्गजों में पर्दे के पीछे से खुली जंग चली आ रही है। भले ही सरकार के मुखिया ‘ऑल इज वैल’ कहकर मीडिया में अपने आपको रिलैक्स मूड में दिखने की भले ही कितनी कोशिश कर रहे हों लेकिन जिस तेजी के साथ नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कांग्रेस के गलियारों का तापमान गरम हो रखा है उससे बहुगुणा कैम्प की नींद उडी हुई है। नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर भले ही कांग्रेेस के सभी दिग्गजों ने चुप्पी साध रखी हो लेकिन परेड ग्राउंड में 26 जनवरी की परेड को लेकर सजाया गया टैंट कहीं न कहीं यह गवाही दे रहा है कि क्या सीएम की विदाई के बाद नए सीएम की ताजपोशी के लिए यह शामियाना उखाडा नहीं गया है। प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बाद हलचल मची हुई है और यही कारण है कि कांग्रेस के कई दिग्गज नेता राजधानी से दिल्ली तक खुद मुख्यमंत्री बनने के लिए अपने पक्ष में लॉबिंग कराने के मिशन में जुटे हुए हैं। कई मंत्री जिस तरह से लगातार दिल्ली में डेरा डालकर विधायकों में से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाये जाने की पैरवी में जुटे हुए हैं उसी का परिणाम है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों से अस्थिरता का माहौल बना हुआ है। बहुगुणा कैम्प ने तो हरीश रावत को मुख्यमंत्री बनाये जाने से रोकने के लिए कुछ दिन पूर्व चंद मंत्रियों व विधायकों का हस्ताक्षर अभियान का एक पत्र हाईकमान के पास भेजा था, लेकिन विधायकों के इस हस्ताक्षर अभियान की पूरी तरह से हवा निकलकर सामने आ गई। उत्तराखण्ड में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों का बाजार तेजी से गरम है भले ही नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कांग्रेस हाईकमान, प्रदेश कांग्रेेस प्रभारी व सह प्रभारी ने अपनी चुप्पी साध रखी हो और नेतृत्व परिवर्तन होने की कोई गवाही भले ही ना दे रहा हो लेकिन अब परेड ग्राउंड में 26 जनवरी को लेकर लगाया गया टैंट शामियाना ही नये सीएम की ताजपोशी का अकेला गवाह बचा है। परेड ग्राउंड में सरकारी कार्यक्रम का समापन हो जाने तीसरे दिन बाद भी वहां लगा शामियाना व टैंट इस बात की कहीं न कहीं गवाही देता नजर आ रहा है कि क्या सीएम विजय बहुगुणा की विदाई के बाद नये सीएम की ताजपोशी परेड ग्राउंड में सजे शामियाने में ही होने जा रही है। नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों से कांग्रेस में महासंग्राम मचा हुआ है और सरकार में शामिल कई मंत्रियों को राज्य में विकास को आगे बढाने में भले ही कोई दिलचस्पी दिखाई न दे रही हो लेकिन उनका लगातार दिल्ली में डटे रहना इस ओर इशारा कर रहा है कि उनमें मुख्यमंत्री बनने की कितनी बडी ललक बनी हुई है। लोकसभा चुनाव से पूर्व जिस तरह से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कई कांग्रेसी नेताओं ने पर्दे के पीछे रहकर आरपार की लडाई लडनी शुरू कर रखी है उसको लेकर कांग्रेस में चर्चाओं का बाजार गर्म है कि इस बार राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होना लगभग तय है। खुफिया एजेंसियों के लोग भी दबी जुबान में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों पर अपनी मौन स्वीकृति देते आ रहे हैं और राजधानी से लेकर प्रदेश के अंतिम छोर तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है। अब नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों का नया गवाह परेड ग्राउंड में 26 जनवरी को लगाया गया टैंट बना हुआ है। जो कि सम्भवतः इस बात की गवाही दे रहा है कि क्या सीएम की विदाई और नये सीएम की ताजपोशी के लिए उसे उजाडा नहीं जा रहा है।
दसंवी के छात्र की मौत का मामला: विधायक का गनर हिरासत में
देहरादून, 28 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। 25 जनवरी की रात दसवीं के एक छात्र की संदिग्ध मौत के मामले में मंगलवार रायपुर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी उत्तराखंड पुलिस में विशेष श्रेणी दरोगा है और वर्तमान में एक विधायक के गनर के तौर पर तैनात है। उधर इस मामले में मंगलवार सुबह मृतक छात्र के परिजन एसएसपी से भी मिले और अपने पुत्र की मौत के लिए कई लोगों को जिम्मेदार बताया। एसएसपी ने पूरे मामले में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। वहीं परिजनों का कहना था कि उनके पुत्र को बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया और एक विधायक का नाम लेकर पुलिस पर भी दबाव बनाया गया। अधोईवाला और डालनवाला थाने के सीमा क्षेत्रा में पनप रहे प्रेम प्रसंग में युवक ने परिस्थितियों के आगे हार मान ली या फिर यह कहे कि उसे इस प्रकार से प्रताड़िता किया गया कि उसने मौत को गले लगा दिया। अपने ही पड़ोस के लड़के से प्रेम की यह कहानी लड़की पक्ष को मंजूर नहीं थी। रायपुर थाना क्षेत्र विजयनगर अधेईवाला निवासी अंकित केे इस प्रेम प्रसंग के बाद पैदा हुई परिस्थितियों से आत्महत्या कर ली थी। हालांकि परिजन इस मौत को संदिग्ध बता रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत के कारण स्पष्ट नहीं हो पाए। मृतक छात्र अंकित ओपन बोर्ड से इस साल दसवीं की तैयारी कर रहा था। अपने ही पड़ोस की एक लड़की से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था। लड़की के पिता उत्तराखंड पुलिस में दरोगा हैं, जिन्हें यह प्रेम मिलाप पसंद नहीं था। बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर 21 जनवरी को अंकित की लड़के पिता एवं भाईयों ने पिटाई कर दी थी और उसे लड़की से दूर रहने की चेतावनी दी थी। साथ ही लड़की के परिजनों ने डालनवाला पुलिस में अंकित के खिलाफ शिकायत भी दी जिसमें पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समझौता करा दिया था। इधर परिजनों ने अंकित को बिजनौर भेजा लेकिन अंकित 25 जनवरी को देहरादून वापस आ गया। 25 जनवरी की ही रात अंकित की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि रात अंकित के मुंह से झाग निकल रहा था, जिस पर उसे अस्पतल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अंकित की मौत से पूरे क्षेत्र में रोष फैल गया। लोगों ने सहस्त्रधारा क्रांिसग पर जाम लगा दिया और इस पूरी घटना के लिए विशेष श्रेणी के दरोगा सोमपाल एवं उसके परिवार सहित अन्य लोगों केा जिम्मेदार बताया। साथ ही पुलिस पर भी आरोप लगाए कि वह आरोपी पक्ष का साथ दे रही है। उधर इस मामले में आरोपियांे की गिरफ्तारी को लेकर मंगलवार सुबह परिजन एसएसपी कार्यालय पहंुचे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। उधर रायपुर पुलिस ने इस मामले में आरोपियांे की गिरफ्तारी की कार्रवाई तेज करते हुए विशेष श्रेणी दरोगा सोमपाल को तहसील चौक के पास से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार कुछ अन्य अरोपियांे की भी जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
नेहरू कालोनी व रिंग रोड़ में बनेंगे 33/11 केवी विद्युत सब स्टेशन
- रात्रिकालीन विद्युत व्यवधान निवारण सेवा का शुभारम्भ
देहरादून, 28 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। देहरादून की नेहरू कालोनी में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने नेहरू कालोनी व रिंग रोड़ रायपुर के 33/11 केवी विद्युत उपसंस्थान का शिलान्यास करने के साथ ही रात्रिकालीन विद्युत व्यवधान निवारण सेवा का औपचारिक शुभारम्भ किया। नेहरू कालोनी के विद्युत सब स्टेशन पर 237 लाख रूपए जबकि रिंग रोड़ के विद्युत सब स्टेशन पर 250 लाख रूपए का व्यय अनुमानित है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा से ही जीवन है। राज्य का विकास बिजली की उपलब्धता पर निर्भर है। पलायन को रोकने के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि आश्यक है। उद्योगों के विकास से प्रतिभावान युवाओं को रोजगार मिलेगा। राज्य सरकार प्रदेश में निवेश व औद्योगिक विकास के लिए प्रयत्नशील है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून जनपद में 191 करोड़ रूपए का बिजली सुधार का शुरू हो चुका है। अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं कि पावर कट की स्थिति ना आए चाहे बाहर से बिजली खरीदनी पड़े। लगभग 300 करोड़ रूपए की बिजली खरीदी गई है। भारत सरकार से अनुमति लेकर अब ज्यादा बिजली ड्रा करना शुरू कर दिया गया है। व्यासी परियोजना पर काम प्रारम्भ हो चुका है जबकि लखवाड़ पर केंद्र से मंजुरी शीघ्र मिल जाएगी। नेहरू कालोनी व रिंग रोड़ पर विद्युत सब स्टेशन बनने से 13 हजार से अधिक उपभोक्ताओं को लाभ होगा। राज्य में बिजली अन्य राज्यों की तुलना में काफी सस्ती है। घरेलू श्रूणी में बिजली की दर रूपए प्रति यूनिट में उŸाराखण्ड में 2.94, उŸार प्रदेश में 4.63, हिमाचल प्रदेश में 3.91, गुजरात में 4.86 है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग की सड़कों के लिए 1 हजार करोड़ रूपए जारी किए जा चुके हैं। फरवरी-मार्च से काम दिखना शुरू हो जाएगा। रोजगारपरक शिक्षा के विकास के लिए दुर्गम व पर्वतीय क्षेत्रों में आईटीआई व पोलिटेक्नीक कॉलेज खोलने को प्राथमिकता दी गई है। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काउ, नगर निगम देहरादून के मेयर विनोद चमोली सहित अन्य विभागीय अधिकारी व बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता मौजूद थी।
राज्यपाल ने की सुप्रसिद्ध लेखिका नयनतारा सहगल से भेंट
देहरादून, 28 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ0 अज़ीज़ कुरैशी ने सुप्रसिद्ध लेखिका (अंग्रेजी) नयनतारा सहगल से उनके राजपुर रोड देहरादून स्थित आवास पर भेंट की। राज्यपाल ने हाल में हुए उनके पुत्र के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें सांत्वना दी तथा उनके स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना। सूच्य है कि कुलीन एवं प्रबुद्ध घराने से ताल्लुक रखने वाली 86 वर्षीय नयनतारा सहगल पंडित जवाहर लाल नेहरू की बहिन श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित की बेटी है जो स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, विद्धान राजनीतिज्ञ होने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र संघ की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष रही थी।
अब तक नहीं हुए उपाध्यक्ष के चुनाव
श्रीनगर गढ़वाल/देहरादून, 28 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। नगर निकाय चुनाव को संपन्न हुए 9 महा से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक भी राज्य सरकार द्वारा नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों, नगर निगमो में नगर पालिका के उपाध्यक्ष पद का चुनाव नहीं करवाया गया हैं। जिसके विरोध में अब भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध सभासदों ने मोर्चा खोल दिया है। सभासदों का कहना है कि कांग्रेस सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए जानबूझकर उपाध्यक्ष पद पर चुनाव नहीं करावा रहीं है। सभासद संघ के पूर्व प्रदेश महामंत्री व नगर पालिका श्रीनगर के सभासद सुधाशु नौडियाल का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा समस्त नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों, नगर निगमों में जानबूझकर हार के डर से उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं कराया जा रहा है। जबकि नगर पालिका के गठन हुए लगभग 9 महा बीत चुके है। राज्य सरकार ने आनन फानन में पंचायत व लोकसभा चुनाव को देखते हुए नामित सभासदों की सूची तो जारी कर दी है लेकिन उपाध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए सरकार हिचक रहीं है। क्योंकि कांग्रेस पार्टी की सरकार यह जानती है कि अगर उपाध्यक्ष के चुनाव कराये गये तो संपर्ण उत्तराखंड़ में जिस प्रकार की कांग्रेस विरोधी लहर चल रहीं हैं। इस लहर में कांग्रेस के उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों का हारना तय है, जिस वजह से कांग्रेस पार्टी को आगामी पंचायती चुनाव एवं लोक सभा चुनाव में भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। इस सारे सम्बन्ध में शीध्र ही विभिन्न नगर पालिकाओं के भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए सभासद राज्यपाल ािक उपाध्यक्ष चुनाव कराने के लिए ज्ञापन देने जा रहें है। साथ ही इस सारे मामले पर समस्त सभासदों द्वारा अपने न्याय की लड़ाई के लिए माननीय न्यायालय की शरण में जाने का भी विचार बन रहा है।
दो साल से शोपीस बने गौ मूत्र शोधक संयंत्र
देहरादून, 28 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। काश्तकारों की आय संवर्धन के लिए डेरी विकास विभाग द्वारा अल्मोड़ा दुग्ध डेरी में स्थापित गौ मूत्र शोधक संयंत्र दो साल से शोपीस बना हुआ है। लाखों की लागत से स्थापित संयंत्र में वर्तमान में अर्क का उत्पादन नहीं हो रहा है। इस कारण दुग्ध संघ काश्तकारों से गौ मूत्र नहीं खरीद रहा है। इससे काश्तकारों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। दुग्ध उत्पादन के साथ ही काश्तकारों की आय बढ़ाने के लिए 2009 में साढ़े छह लाख रुपए लागत से अल्मोड़ा दुग्ध डेरी में गौ मूत्र शोधक संयंत्र स्थापित हुआ। दुग्ध संघ काश्तकारों से गायों का गौमूत्र पांच रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदता था। इस संयंत्र में गौ मूत्र का अर्क तैयार कर दुग्ध संघ विपणन करता था। चार लीटर गौ मूत्र का संयंत्र में शोधन कर एक लीटर अर्क तैयार किया जाता था। दुग्ध संघ करीब 25 रुपए प्रति लीटर की दर से अर्क का विपणन पतंजलि संस्थान हरिद्वार को करता था। इसके काश्तकारों को दूध के साथ ही गौ मूत्र से आय होती थी। 2011 तक गौ मूत्र संयंत्र ठीकठाक चला। 2011के मध्य से पतंजलि संस्थान ने अर्क खरीदना बंद कर दिया था। बाजार नहीं मिलने से दुग्ध संघ ने काश्तकारों से गौमूत्र खरीदना बंद कर दिया। इसके बाद से संयंत्र में अर्क का उत्पादन नहीं हो रहा है और संयंत्र निष्प्रयोज्य पड़ा है। इधर दुग्ध संघ के अध्यक्ष दीप सिंह डांगी ने बताया कि गौ मूत्र अर्क पतंजलि संस्थान ने लेना बंद कर दिया है। प्रयासों के बाद भी अर्क के विपणन के लिए बाजार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। यदि कंपनियों से अर्क की मांग मिली तो पुनरू काश्तकारों से गौमूत्र की खरीद की जाएगी।
भगवती प्रसाद पाण्डे को अध्यक्ष अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विकास निगम का दायित्व सौंपा
देहरादून, 28 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। शासन द्वारा जनहित में अपर मुख्य सचिव एवं आयुक्त वन एवं ग्राम्य विकास, ऊर्जा, वैकल्पिक ऊर्जा, जलागम, प्रमुख स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली तथा मुख्य परियोजना निदेशक जलागम भगवती प्रसाद पाण्डे को वर्तमान पदभार के साथ-साथ अध्यक्ष अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ विकास निगम का दायित्व सौंपे जाने का निर्णय लिया है। यह जानकारी देते हुए अपर सचिव कार्मिक रमेश चन्द्र लोहनी ने बताया कि प्रमुख सचिव पेयजल, समाज कल्याण, संस्कृत शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा, आयुक्त समाज कल्याण शाखा तथा प्रबन्ध निदेशक बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम एस. राजू को वर्तमान पदभार के साथ-साथ अध्यक्ष उत्तराखण्ड बहुउद्देशीय वित्त विकास निगम का दायित्व सौंपा गया है। प्रमुख सचिव माननीय मुख्यमंत्री, लोक निर्माण विभाग, आबकारी, कार्मिक तथा सतर्कता एस. एस. सन्धु को वर्तमान पदभार के साथ-साथ अध्यक्ष उत्तराखण्ड अवस्थापना विकास निगम का दायित्व सौंपा गया है। इसी के साथ-साथ उन्होंने बताया कि उपजिलाधिकारी नैनीताल चन्द्र सिंह इमलाल को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए उपजिलाधिकारी अल्मोड़ा, उपजिलाधिकारी हरिद्वार उत्तम सिंह चौहान को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए उपजिलाधिकारी रूद्रप्रयाग, उपजिलाधिकारी चमोली राहुल कुमार गोयल को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए उपजिलाधिकारी रूद्रप्रयाग के पद पर तैनात किया गया है, जबकि उपजिलाधिकारी (स्थानापन्न) रूद्रप्रयाग राकेश चन्द्र तिवारी को वर्तमान पदभार से अवमुक्त करते हुए उपजिलाधिकारी (स्थानापन्न) नैनीताल के पद पर तैनात किया गया है।
सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी हेतु आम नागरिक के लिए सुगम सेवा पोर्टल शुरू
हरिद्वार/देहरादून, 28 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। मुख्य विकास अधिकारी वी.एस. धानिक ने अवगत कराया कि उत्तराखण्ड़ राज्य एवं केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी आम नागरिकों को सुलभ कराने हेतु राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा सुगम सेवा पोर्टल शुरू किया गया है। यह आम नागरिकों के लिए सेवाओं को सरल, नैतिक, जवाबदेह, उत्तरदायी, समय पर उपलब्धता की सुविधा के लिए एन. आई. सी. उत्तराखण्ड़ का एक प्रयास है। उन्होंने बताया कि पहले उपभोक्ताओं को बिजली के बिल, पर्यटन स्थानों, आवासीय सुविधा, बस में यात्रा इत्यादि की बुकिंग के लिए अलग-अलग वेबसाइटों पर जाना पड़ता था, परंतु अब आपको बस एक क्लिक कर उत्तराखण्ड़ सरकार की साइट खोलनी होगी जिसकी सहायता से यह सब सुविधानुरूप समय पर एक ही स्थल पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध हो सकेगी। कोई नागरिक जैसे ही किसी सेवा के लिए विकल्प का चयन करता है, उसे सुगम वेब के माध्यम से सेवा प्रदाता की वेबसाइट पर पहुँचाया जाता है। उन्होंने जानकारी दी कि बिजली बिल, पानी का बिल जमा कराने के अलावा आप इसी साइट के जरिए अपनी शिकायत भी दर्ज करा सकेंगे साथ ही उसके निवारण की स्थिति भी जान सकेंगे। उपभोक्ता के लिए इस साइट पर सभी तरह के फार्म उपलब्ध रहेंगे साथ ही उपभोक्ता अपना टैक्स भी जमा करा सकेंगे। इस वेबसाइट इलेक्शन, गवर्नमेंट इम्प्लाइज, टूरिज्म, ट्रांसपोर्ट, मोबाइल ऐप्स, ऑन लाइन पेमेंट, पे टैक्सेज, कंपलेन्ट रजिस्ट्रेशन, हेल्पलाइन, डाउनलोड फार्म्स इत्यादि सेवाएं मेन पेज पर उपलब्ध हैं। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में सुगम सेवा रेलवे एवं एयरलाईन सहित राज्य एवं केन्द्र सरकार के विभिन्न सेवा प्रादाताओं की लगभग 110 नागरिक सेवाओं को उपलब्ध कराता है। मोबाइल एप्स भी साइट पर उपलब्ध हैं। ई0 डिस्ट्रिक्ट, पेंशन, वाणिज्य कर जैसे मोबाइल एप्स का प्रयोग उपभोक्ता अपने मोबाइल पर कर सकते है। इस बीटा वर्जन को जल्द ही मूर्त रूप दे दिया जाएगा। अभी इसे ट्रायल के रूप में शुरू किया गया है। कोई भी व्यक्ति अपने सुझाव वेबसाइट के माध्यम से दे सकता है। जल्द ही इसकी औपचारिक शुरूआत कर दी जाएगी। इसमें अन्य साइटों के लिंक भी शामिल किए जा सकते हैं।
बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ ने शिक्षा निदेशालय में जमकर प्रदर्शन किया
देहरादून, 28 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। सरकार को चेताने के लिए बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ ने विशिष्ट बीटीसी के रिक्त पदों के सापेक्ष विज्ञप्ति जारी करने तथा आयु सीमा की बाध्यता को समाप्त करने की मांग को लेकर शिक्षा निदेशालय में जमकर प्रदर्शन करते हुए धरना देते हुए अपना आंदोलन तेज कर तालाबंदी कर दी। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने वहां पर तोडफोड करते हुए अपना आक्रोश व्यक्त किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि उनके हितों के प्रति कुठाराघात किया जा रहा है जिसे स्वीकार नहीं किया जायेगा। यहां बीएड टीईटी प्रशिक्षित महासंघ के बैनर तले शिक्षा निदेशालय में इकठठा हुए और वहां पर उन्होंने जमकर प्रदर्शन करते हुए आमरण अनशन को जारी रखा और गुस्साये बेरोजगारों ने निदेशालय में तालाबंदी करते हुए अपना विरोध दर्ज किया। इस बीच वहां पर कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों ने नोंकझोंक हुई और इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने वहां पर तोडफोड भी की। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि लगातार संघर्ष करने के बाद भी आज तक उनकी मांगों का निदान नहीं हो पा रहा है जिससे उनमें रोष बना हुआ है। वक्ताओं ने कहा कि प्राथमिक विद्यालय में बीएड प्रशिक्षितों के लिए अध्यापक बनने हेतु 31 मार्च 14 अंतिम तिथि निर्धारित की गई, जिसे प्रदेश के प्रशिक्षित बेरोजगारों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह है, यदि सरकार जनवरी माह तक विज्ञप्ति जारी नहीं करती है तो आने वाले चुनाव में आचार संहिता लगने से विज्ञप्ति जारी नहीं हो पायेगी, जिस कारण कई बेरोजगारों की आयु सीमा अधिक हो जायेंगी, और इससे कई बेरोजगार हो जायेंगे, जिसे किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जायेगा। वक्ताओं का कहना है कि यदि सरकार शीघ्र ही विज्ञप्ति जारी नहीं करती है तो पूरे प्रशिक्षित चुनाव का पूरे प्रदेश में बहिष्कार किया जायेगा और प्रदेश भर में आंदोलन शुरू किया जायेगा। उनका कहना है कि 6500 पदों पर वर्षवार नियुक्ति किये जाने की आवश्यकता है लेकिन आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में जिलों के अति दुर्गम स्थानों मेें तैनाती दी गई व इस अवधि हेतु मानदेय देने की व्यवस्था की गई। वक्ताओं का कहना है कि एनसीटीई के मानकों के अनुसार प्रशिक्षण पूर्ण होते ही नियुक्ति दी जायेगी तथा प्रशिक्षण सेवाकालीन होगा, वक्ताओं ने कहा कि सरकार की ओर से यदि शीघ्र ही इस दिशा में तत्काल प्रभाव से कार्यवाही नहीं की गई तो उग्र आंदोलन चलाया जायेगा। वक्ताओं ने कहा कि सरकार के खिलाफ आर-पार की लडाई लडी जायेगी। इस दौरान महासंघ के संरक्षक लेखराज, अध्यक्ष बलदेव सिंह भंडारी, चन्द्र किशोर, दीपक कुमार, ज्योति देवी, दीपक चौहान, ध्रम सिंह कोटवाल, ज्योति राम, गजेन्द्र जोशी, प्रदीप बिष्ट, आशीष नयाल, सुरेश धामी, सतपाल रावत, अमित कश्यप आदि मौजूद थे।
संदिग्ध दबोचा, विदेशी पिस्टल व कई कारतूस बरामद
देहरादून, 28 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। एक युवक को कोतवाली पुलिस ने संदिग्ध अवस्था मंे दबोचा तो जैसे ही वह भागने लगा तो पुलिस ने उसे दबोचा तो उसके पास से एक विदेशी पिस्टल व कई कारतूस बरामद हुए जिसके बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर उसके मालिक के आवास पर छापा मारा तो वहां से बीस फर्जी रबड की मोहरे बरामद हुई। पुलिस कप्तान केवल खुराना ने पत्रकारों से रूबरू होकर बताया कि लक्खीबाग चौकी प्रभारी ने बीती रात संदिग्ध व्यक्तियों की चैकिंग के दौरान रेलवे स्टेशन तिराहे के समीप बॉबी टी स्टेल के सामने से संदिग्ध अवस्था मंे खडे एक युवक को दबोचने का प्रयास किया तो वह भाग खडा हुआ जिस पर उसे पकडा गया तो उसने अपना नाम गौरव चंद पिथौरागढ़ निवासी बताया। उन्होंने बताया कि गौरव की तलाशी लेने के बाद कमर मंे लगी पिस्टल की मैग्जीन से तीन जिंदा कारतूस व जेब से एक खोखा बरामद हुआ उससे जब पूछताछ की तो उसने बताया कि उससे गलती हो गई है और यह पिस्टल उसके मालिक रोहित जाखड बसंत विहार निवासी की है। कप्तान ने बताया कि जब रोहित जाखड के आवास पर छापा मारा गया और उससे इस पिस्टल के बारे में पूछा तो उसने कहा कि उसे इस पिस्टल के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्हांेने बताया कि यह पिस्टल उनकी नहीं है तथा कहा कि उसका नौकर शराबी व अवारा किस्म का है तथा बरामद पिस्टल से उसका कोई लेना-देना नहीं है उन्होंन बताया कि जब रोहित के बैडरूम की तलाशी ली गई तो मेज पर रखी पॉलीथीन के अन्दर से रबड की 20 जाली मोहरे बरामद हुई जिनके बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह मोहरे उसकी निजी कार्य की है लेकिन जब मोहरों को सफेद रंग के कागजों पर लगाकर देखा तो उसमें एसडीएम दिल्ली, इंकमटैक्स, थाना कोतवाली रानीखेत सहित विभिन्न विभागों की मोहरे हैं जिन्हंे प्राईवेट व्यक्ति द्वारा रखना अपराधा की श्रेणी मंे आता है। पुलिस ने रोहित के खिलाफ धारा 472 व 473 के अन्तर्गत मामला दर्ज किया है। इन्हें गिरफ्तार करने वाली टीम में कोतवाली प्रभारी जेपी जुयाल, राकेश रावत, प्रदीप चौहान सहित कुछ पुलिसकर्मी शामिल थे।
शिक्षा आचार्य अनुदेशकों ने किया शिक्षा मंत्री का घेराव
देहरादून, 28 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। शिक्षा आचार्य अनुदेशकों ने शिक्षा मंत्री के आवास पर शिक्षा आचार्य, अनुदेशकों को शिक्षा मित्र के रूप में समायोजन किये जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए उनका घेराव किया और शिक्षा मंत्री ने उन्हें आज की कैबिनेट में प्रस्ताव रखने का भरोसा दिया। वहीं शिक्षा आचार्यों ने जेल में ही अनशन शुरू कर दिया और और गिरफ्तार सात शिक्षा आचार्यों की तबियत ठंड से बिगडने लगी है। यहां धरना स्थल पर संगठन से जुडे हुए शिक्षा आचार्य व अनुदेशक इकठठा हुए और वहां पर उन्होंने अपने धरने को 605वें दिन भी जारी रखा। इस बीच अनुदेशकों ने शिक्षा मंत्री आवास पर प्रदर्शन कर उनका घेराव किया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि गिरफ्तार शिक्षा आचार्य व अनुदेशकों को बिना शर्त रिहा किया जाये, उनकी मांगों पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। धरना स्थल में संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी और शीघ्र ही रणनीति तैयार की जायेगी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्ष 2008-09 में प्रदेश के कुछ जिलों में ईजीएस, एआईई सेंटर का संचालन किया गया और संचालित सेंटरों में कार्यरत शिक्षा आचार्य अनुदेशकों को भी ठीक उसी तर्ज पर सेवा से बर्खास्त किया जो पूर्व हुआ, निरंतर इसी प्रव्रिफया के अधिकृत कार्यरत शिक्षा आचार्य अनुदेशक बेरोजगार हो गये। सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ इस जनांदोलन को जारी रखा जायेगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि लगातार आश्वासन मिलने के बाद भी आज तक उनकी मांगों का निदान नहीं किया गया है। वह सरकार की जन विरोधी नीतियों से गुस्से में है और शीघ्र ही उग्र अंादोलन करने की तैयारी में है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्ष 2011-12 में बद व उच्चीकृत एआईआई, ईजीएस सेंटर बंद हुए संबंधित शिक्षा आचार्य अनुदेशकों को भी शिक्षा मित्र के रूप में समयोजन करना न्याय संगत होगा लेकिन लंबे समय से आंदोलन करने के बाद भी उनकी समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है, जिससे बेरोजगारों में रोष पैदा हो रहा है। उनका कहना है कि पूर्व में प्रथम चरण में 1107 शिक्षा आचार्यो, अनुदेशकों को शिक्षा मित्र के रिक्त पदों पर वरिष्ठता के आधार पर नियमानुसार आरक्षण के प्रावधानों के अनुरूप समायोजन किये जाने की अनुमति प्रक्रिया के अनुसार किये जाने के निर्देश दिये गये थे जबकि वर्तमान में अवशेष शिक्षा आचार्य, अनुदेशकों का समायोजन नहीं हो पाया है जो चिंता का विषय है। इस अवसर पर संगठन के खेम सिंह, शमशाद अहमद, हिम्मत सिंह, बबीता रावत, कृष्णा रावत, भगवती, फरीदा, यासमीन, देवकी बडोनी, अख्तर हुसैन, धरमपाल, चन्द्रपाल, कुलदीप, सीमा पुरोहित, पूर्ण सिंह, प्रहलाद राम, मिनाक्षी आदि मौजूद थे।
पौडी एवं टिहरी संसदीय सीटों के प्रत्याशियों पर हो सकता है पुनःविचार: सचान
देहरादून, 28 जनवरी (राजेन्द्र जोशी)। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. एस एन सचान ने कहा है कि पार्टी के पूर्व में घोषित प्रत्याशियों के नाम पर पुनः विचार किया जा सकता है, इसमें पौडी एवं टिहरी संसदीय सीटें शामिल है जिसमें निश्चित तौर पर बदलाव होगा। यहां परेड ग्राउंड स्थित पार्टी के कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि पीडित महिला व पुलिस की प्रथम दृश्या रिपोर्ट में टिहरी प्रत्याशी नीरज सिंह चौहान के शामिल होने की किसी भी प्रकार की कोई पुष्टि नहीं हुई हैेे, लेकिन फिर भी इसके बाद टिहरी एवं पौडी के प्रत्याश्यिों में फेरबदल संभव है और पौडी में अन्य दलों के दिग्गज पार्टी के संपर्क में है। उनका कहना है कि सपा की प्रदेश कार्य समिति की बैठक 31 जनवरी को हरिद्वार में होगी और इसमें राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद किरनमय नंदा को राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पर्यवेक्षक के रूप में भेजा है और प्रभारी मौहम्मद असलम खान भी बैठक में शामिल होंगे। उनका कहना है कि 22 नवम्बर 13 को मुलायम के जन्म दिवस पर नौ जनवरी 14 को हरिद्वार के कलियर शरीफ में यह मुलायम संदेश यात्रा का समापन किया गया। यह संदेश यात्रा 50 विधानसभा क्षेत्रों में संदेश देते हुए 9300 किमी की यात्रा तय की है। पहाडी क्षेत्रों में संदेश यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया गया, यात्रा अपने मिशन में पूर्ण सफल रही है। राज्य में जनता कांग्रेस व भाजपा का विकल्प चाहती है और सपा विकल्प देने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। उनका कहना है कि पहाडी क्षेत्रों के ठाकुरों को अन्य पिछडा वर्ग में शामिल किये जाने की जरूरत है इसके लिए सपा प्रयास करेगी। उनका कहना है कि तेरह वर्षों बाद भी प्रदेश की 55 प्रतिशत आबादी को जाति एवं निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करने में दिक्कते आ रही है और कांग्रेस सरकार के विगत दो वर्षों में प्रदेश का विकास रूका है, बल्कि करोडों रूपया विज्ञापनों में बहाकर कागजी विकास किया जा रहा है। प्रदेश में कांग्रेस एवं भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू है, यदि ऐसा न होता तो उधम सिंह नेगर के भाजपा विधायक को पुलिस सदन में नहीं पहंुचने देती, सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश में रेत, बजरी का संकट है। सपा शीघ्र ही गांधीजी के 1931 के नमक सत्याग्रह की तर्ज पर रेत बजरी चुगान सत्याग्रह प्रारंभ करेगी। वार्ता में ताहिर खान, एच पी यादव, राकेश पाठक, प्रदीप चौधरी आदि मौजूद थे।