उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में स्थित बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शुल्क वृद्घि की वापसी की मांग को लेकर विगत तीन दिनों से चल रहा छात्रों का आंदोलन बुधवार को मांगें मान लिए जाने के बाद समाप्त हो गया। इससे पहले छात्रों ने शुल्क वृद्धि वापस करने की मांग को लेकर कुलपति का पुतला भी फूंका था। शुल्क वृद्धि वापसी की मांग को लेकर कुलपति आवास के सामने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के बीच कुलपति डा. लालजी सिंह ने स्वयं जाकर शुल्क वृद्घि को वापस लेने की घोषणा की।
इस दौरान छात्रों से कुलपति ने यह भी कहा कि यदि किसी संकाय के छात्र या छात्रा द्वारा इस सेमेस्टर की फीस जमा कर दी गई है, तो उसे बढ़ी हुई फीस वापस की जाएगी। इसके अतिरिक्त कुलपति ने कहा कि अति गरीब छात्र व छात्राओं की पूरी फीस माफ की जाएगी तथा उन्हें निशुल्क शिक्षा का अवसर प्रदान किया जाएगा।
इससे पूर्व आंदोलन के तीसरे दिन बड़ी संख्या में छात्राओं ने मोर्चेबंदी कर रखी थी। आंदोलित छात्रों ने मुख्यद्वार सहित सभी द्वार, कुलपति आवास, छात्र अधिष्ठाता कार्यालय और केंद्रीय कार्यालय पर भी प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इधर, चीफ प्राक्टर ने छात्रों की मांगों को जायज करार देते हुए कुलपति के पास अपना इस्तीफा भेज दिया। दूसरी ओर बुधवार को बीएचयू परिसर के मुख्यद्वार सहित सभी गेटों पर छात्रों का प्रदर्शन जारी रखा।
प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा कर्मियों और आंदोलनकारियों में तीखी झड़प हुई। मरीजों व परिजनों की सुविधा के लिए सर सुंदरलाल अस्पताल की ओर जाने वाले छोटे गेट को आंदोलन से अलग रखा गया। संकायों, विभागों व प्रयोगशालाओं में तालाबंदी के बाद तिरंगा लेकर आंदोलनकारियों ने परिसर में जुलूस निकाला। अन्य द्वार बंद रहने से छात्रों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
आंदोलन कर रहे छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी थी कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा लेकिन कुलपति ने छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए शुल्क वृद्घि को वापस लिए जाने का फैसला किया, जिसके बाद वे आंदोलन समाप्त करने पर सहमत हो गए। कुलपति के फैसले के बाद आंदोलन कर रहे हजारों छात्र-छात्राओं के बीच खुशी की लहर दौड़ गईं।