दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती द्वारा देह व्यापार चलाने वाले कथित गिरोह के खिलाफ आधी रात को चलाए गए विवादित अभियान के दौरान हंगामा खड़ा करने के लिए युगांडा की एक महिला द्वारा "अज्ञात आरोपियों"के खिलाफ अलग से प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एक अफ्रीकी महिला की याचिका की सुनवाई करते हुए अदालत द्वारा निर्देश दिए जाने के बाद 19 जनवरी को पहली प्राथमिकी दर्ज की।
दर्ज प्राथमिकी में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत गलत तरीके से बंदी बनाए जाने, आपराधिक धमकी दिए जाने और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किए जाने का मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस ने पिछले सप्ताह अदालत को बताया था कि महिला की याचिका पर अलग से प्राथमिकी दर्ज किए जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस मामले के तहत पहले ही प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है।
युगांडा से भारत इलाज करवाने आई एक महिला की याचिका पर मामले में 23 जनवरी को दूसरी प्राथमिकी दर्ज की गई। महिला ने मंगलवार को अदालत से पुलिस द्वारा अलग से प्राथमिकी दर्ज न किए जाने की जरूरत वाले बयान को खारिज करने की मांग की।
महिला की तरफ से अदालत के समक्ष पेश हुए वकील राकेश शेरावत ने कहा, "मामला एक ही है, लेकिन याचिकाकर्ता भी इस मामले की पीड़िता है, तथा उसके साथ भी कुछ लोगों ने बदसलूकी की थी।"पुलिस ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता महिला का पहले दर्ज प्राथमिकी के तहत चिकित्सकीय जांच किया जा चुका है, तथा उसका बयान भी दर्ज किया जा चुका है। पुलिस में दर्ज दोनों प्राथमिकी में कानून मंत्री सोमनाथ का नाम शामिल नहीं है।