- ---बी.ए.एम.एस की डिग्री पर बना दिए गए कॉलेज के प्रचार्य
- ---विवि द्रारा बिना किसी समिति के गठन के दो शिक्षकों का कर दिया गया सेवा सामंजन
- ---कुलपति को शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने दिया आवेदन
दरभंगा - आनन्दपुर (सहोरा) स्थित महाराज रमेश्वर सिंह मिथिला महाविद्दालय में सरकार द्रारा प्राप्त अनुदान राशि का बंदरबाँट व नये कर्मचारियों की पूर्व की तिथि में की जा रही नियुक्ति। महिवद्दालय कोष की राशि का नहीं है कोई लेखा जोखा। विवि द्रारा बिना किसी समिति गठित किए कर दिया गया दो शिक्षको का सेवा सामंजन । इतना ही नहीं अर्हता नहीं रखने वाले को प्रचार्य के पद पर कर दी गई नियुक्ति। महाराज रमेश्वर सिंह मिथिला महाविद्दालय की स्थापना 1987 में हुई थी तब से लेकर अब तक महाविद्दालय के सचिव बैद्दनाथ चौधरी तथाकथित सचिव के रूप में बने हुए हैं। विवि ने ज्ञापांक संख्या-4175-79/06 दिनांक 17.04.2006 व ज्ञापन संख्या-1579-99/09 दिनांक 21.01.2009 को दो बार महाविद्दालय के लिए एक तदर्थ समिति की नियुक्ति की । जिसमें पहली बार ललित नारायण मिथिला विवि स्नातकोत्तर भौतिकी विभाग के डॉ तुषार कान्त झा को सचिव बनाया गया था ।
दोने तदर्त समिति का संचालन महाविद्दालय के सचिव बैद्दनाथ चौधरी ने की। उन्होंने समिति का अद्दतन संचालन नहीं होने दिया। इसके विरोध में महाविद्दालय के तत्कालीन प्रभारी प्रचार्य शैलेन्द्र झा ने उच्च न्यायालय में वाद संख्या-1082/2012 दायर की जिसमें न्यायालय ने बिहार विवि अधिनियम 1976 की धारा 60 के तहत शासी निकाय गठित करने की अनुशंसा की व महाविद्दालय द्रारा स्वघोषित ट्रस्ट को अवैध करार दिया। जिसकी एक प्रति प्रचार्य ने आवेदन के साथ दिनांक-13.07.2012 को कुलपति को दी । लेकिन अब तक ना ही कोई शासी निकाय एवं तदर्थ समिति गठित हुई है। ना तथाकथित सचिव पर किसी भी प्रकार की कारवाई की गई है। यह बातें महाराज रमेश्वर सिंह मिथिला महाविद्दालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी डॉ. बासुदेव साह, चन्द्रकान्त मिश्रा,किशोर कुमार मिश्र, इन्द्रकिशोर मिश्रा, जगदीश मंडल, जगदीश झा, महेश कुमार मंडल, उमेश चौधरी, विश्वनाथ झा, विश्नुकान्त मिश्रा ने संयुक्त रूप से कुलपति को आवेदन देकर कही है।
प्रिंस कुमार
दरभंगा