देश की राजधानी दिल्ली में शनिवार से लाखों घरों को रोजाना 10 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि एक निजी विद्युत वितरण कंपनी (डिस्कॉम) ने चेतावनी दी है कि उसके पास उतनी रकम नहीं है, जिससे कि बिजली आपूर्ति के लिए सरकारी विद्युत उत्पादन कंपनियों को भुगतान किया जा सके। बीएसईएस यमुना (बीवाईपीएल) ने दिल्ली सरकार को लिखा है कि नकदी प्रवाह कम होने के कारण वह विद्युत उत्पादन कंपनियों -एनटीपीसी और एनएचपीसी- को भुगतान करने में सक्षम नहीं है।
बीवाईपीएल ने कहा, "हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह यह सुनिश्चित करे कि एनटीपीसी/एनएचपीसी बिना किसी बाधा या नियमन के आपूर्ति जारी रखे और भुगतान के लिए कम से कम 90 दिनों का वक्त दें।"बीवाईपीएल ने कहा है कि उनपर एनटीपीसी और एनएचपीसी का 204 करोड़ रुपये बकाया है। उसने कहा कि दोनों कंपनियों ने कहा है कि वे डिस्कॉम को दी जाने वाली बिजली का नियमन करेंगी। इससे फरवरी से 500 मेगावाट से बिजली की कमी होगी।
बीवाईपीएल के पास धन की कमी होने के मतलब है कि एनटीपीसी आखिरी बचा हुआ 84 करोड़ रुपये का साख पत्र तो भुना लेगा, लेकिन एनटीपीसी और एनएचपीसी का बाकी 120 करोड़ रुपये बकाया रह जाएगा। भुगतान के लिए 90 दिनों का वक्त दिए जाने का अनुरोध करने के साथ ही बीवाईपीएल ने वित्त मंत्रालय से यह भी अनुरोध किया है कि वह वित्तीय संस्थानों से कंपनी की 6,200 करोड़ रुपये की संपत्ति पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए कहे।
बीवाईपीएल मध्य और पूर्वी दिल्ली को बिजली आपूर्ति करती है। अन्य क्षेत्रों को बिजली आपूर्ति बीएसईएस राजधानी और टाटा पॉवर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड द्वारा किया जाता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विद्युत वितरण कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे सरकार के साथ सहयोग करें अन्यथा उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। कंपनियां उनके खातों की जांच नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक से कराने के अरविंद केजरीवाल के कदम से बचना चाहती हैं।