दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को बिजली कंपनियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वे सरकार के साथ सहयोग नहीं करेंगी तो उनके लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे। केजरीवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "एक बार नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग)की आडिट रिपोर्ट सामने आती है, तब बिजली कंपनियों को उनके खाते की जांच में सहयोग करना होगा।"उन्होंने कहा, "अगर ये वैसा नहीं करते, तब सरकार चुप नहीं रहेगी, अगर जरूरत पड़ी, हम उनके लाइसेंस रद्द कर देंगे।"
केजरीवाल ने कैग से तीन बिजली कंपनियों की आडिट किए जाने का अनुरोध किया है। दिल्ली में रिलायंस की बीएसईएस यमुना पावर व बीएसईएस राजधानी पावर और टाटा समूह की कंपनी बिजली की आपूर्ति करती है। कंपनियों ने गुरुवार को कहा था कि धन की कमी की वजह से उन्हें राजधानी में बिजली की कटौती करनी पड़ेगी।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने बिजली की कटौती को लेकर मीडिया में आई खबरों को खारिज करते हुए कहा, "बिजली कंपनियां लोगों के बीच दहशत पैदा करना चाहती हैं। लेकिन मैं उन्हें चेताना चाहता हूं, अगर वे दहशत फैलाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।"केजरीवाल ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो नई कंपनियों को दिल्ली में बिजली आपूर्ति की जिम्मेदारी दी जाएगी।
उन्होंने कहा,"देश में सिर्फ टाटा, अंबानी की कंपनी नहीं है। अगर जरूरत पड़ी, हम दिल्ली में नई बिजली कंपनियां लाएंगे।"आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि वह बिजली कंपनियों का आडिट करवाएंगे।